Muzaffarnagar में HIV Act 2017 awareness को लेकर एक व्यापक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला रेडक्रॉस भवन में सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए संवेदीकरण एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सुनील तेवतिया ने की। उन्होंने HIV/AIDS अधिनियम 2017 के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि समाज में इस कानून की जानकारी हर नागरिक को अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, ताकि किसी भी HIV संक्रमित व्यक्ति के साथ भेदभाव न हो और वह सम्मानजनक जीवन जी सके।


CMO डॉ. सुनील तेवतिया का संदेश—“भेदभाव खत्म किए बिना HIV मरीजों को असली अधिकार नहीं मिल सकते”

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील तेवतिया ने कहा कि HIV/AIDS संक्रमित व्यक्तियों को अब कानून के तहत समानता, गोपनीयता और गैर-भेदभाव के अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने बताया:

  • समाज में फैली गलतफहमियों को दूर करना आवश्यक है

  • HIV मरीज को शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य सेवा का समान अधिकार है

  • अधिनियम 2017, भेदभाव रोकने और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है

उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्यकर्मियों की जिम्मेदारी है कि वे न केवल इलाज दें, बल्कि मरीज को मानसिक रूप से सशक्त और सुरक्षित महसूस कराएं।


ART डॉक्टर डॉ. मुजीबर्रहमान ने दी HIV एवं STI की विस्तृत जानकारी—रोकथाम, कारण और निदान पर जोर

एआरटी (ART) चिकित्साधिकारी डॉ. मुजीबर्रहमान ने अपने प्रस्तुतीकरण में HIV और यौन संचारित संक्रमण (STI) के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने बताया—

  • HIV कैसे फैलता है

  • इसके रोकथाम के प्रमुख उपाय क्या हैं

  • शुरुआती लक्षणों की पहचान कैसे करें

  • नियमित जांच और उपचार का महत्व

  • ART दवाओं और आधुनिक उपचार पद्धतियों की भूमिका

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि HIV के बारे में जानकारी और जागरूकता ही इस बीमारी से लड़ने का सबसे प्रभावी हथियार है।
HIV Act 2017 awareness को सही रूप से समझने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।


संदीप कुमार का महत्वपूर्ण संबोधन—“HIV एक्ट 2017 को जमीनी स्तर पर लागू करना ही असली चुनौती”

दिशा क्लस्टर DMDओ के श्री संदीप कुमार ने HIV अधिनियम 2017 के कानूनी प्रावधानों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
उन्होंने कहा—
“अधिनियम सिर्फ किताबों तक न रहे। इसे जमीनी स्तर पर लागू करने की जरूरत है। निजी और सरकारी सभी चिकित्सालयों में स्टाफ को संवेदनशील बनाना अब अनिवार्य है।”

उन्होंने यह भी अपील की कि—

  • किसी भी HIV/STI मरीज को बिना भेदभाव उपचार मिले

  • अस्पतालों में स्टाफ HIV मरीजों के अधिकारों को समझे

  • गोपनीयता भंग होने पर मरीज के पास कानूनी उपाय उपलब्ध हैं

  • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मरीजों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करें

उन्होंने जोर दिया कि स्वास्थ्यकर्मियों का दृष्टिकोण समाज की मानसिकता को बदलने में बड़ी भूमिका निभाता है।


कार्यशाला में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति—सक्रिय सहभागिता से मिला प्रोत्साहन

जिला रेडक्रॉस भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में अनेक सरकारी और गैर–सरकारी संस्थानों से आए स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया। इनमें—

  • मेडिकल ऑफिसर (MO)

  • स्टाफ नर्स

  • फार्मासिस्ट

  • एएनएम

  • वार्ड बॉय

  • जिला क्षय रोग केन्द्र से सहबान, विपिन शर्मा, संजीव शर्मा
    तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ शामिल रहे।

सभी प्रतिभागियों ने HIV मरीजों के प्रति संवेदनशीलता, गोपनीयता की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों को समझने की आवश्यकता पर सहमति जताई।


संवेदीकरण कार्यशाला का असर—HIV मरीजों के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम

इस कार्यशाला ने स्वास्थ्यकर्मियों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि HIV/AIDS से जुड़े मिथकों को खत्म करना, भेदभाव रोकना और संक्रमित व्यक्तियों को सम्मानजनक जीवन देना समय की मांग है।
कार्यक्रम का उद्देश्य था—

  • HIV Act 2017 के कानूनी प्रावधानों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना

  • मरीजों को सुरक्षित और समानाधिकार देने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करना

  • सामाजिक सोच में बदलाव लाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय भूमिका को मज़बूत करना

HIV Act 2017 awareness के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रम समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने और भेदभाव मिटाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।


मुज़फ्फरनगर में आयोजित यह विशेष कार्यशाला HIV/AIDS अधिनियम 2017 की समझ को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही। अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब जिले में HIV मरीजों के प्रति भेदभाव और असंवेदनशीलता को खत्म करने की दिशा में गंभीरता से काम किया जा रहा है। यह जागरूकता आगे चलकर समाज में सुरक्षित, सम्मानजनक और सकारात्मक वातावरण तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगी।

 



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