Muzaffarnagar मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) ध्रुवकान्त ठाकुर ने अपराध और कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अपराध गोष्ठी का आयोजन किया। यह गोष्ठी पुलिस लाइन स्थित सभागार कक्ष में आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी, और अन्य महत्वपूर्ण पुलिसकर्मी मौजूद रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी त्यौहारों के दौरान जिले की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना और कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखना था।

गोष्ठी में एडीजी ठाकुर ने अपराध नियंत्रण, असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने, और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सभी थाना प्रभारियों और अधिकारियों को आगामी त्यौहारों के मद्देनजर विशेष सुरक्षा योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

अपराध और असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी

इस गोष्ठी में सभी थाना प्रभारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने क्षेत्र के टॉप-10 हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर सख्त निगरानी रखें। एडीजी ठाकुर ने यह भी कहा कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों और अपराधियों पर नियमित रूप से नजर रखने और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही, शराब तस्करी, खनन माफिया, पशु तस्करी, और शस्त्र तस्करी जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही गई। एडीजी ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ धारा 14(1) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

महिलाओं की सुरक्षा और एन्टी रोमियो स्क्वाड की भूमिका

महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी विशेष ध्यान दिया गया। एडीजी ठाकुर ने एन्टी रोमियो स्क्वाड और महिला पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने बीट क्षेत्रों में स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में जाकर महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा संबंधित जानकारी प्रदान करें। साथ ही, उन्होंने वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, पुलिस आपातकालीन सेवा 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 जैसी सरकारी सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।

फरियादियों के साथ बेहतर व्यवहार की आवश्यकता

पुलिस थानों पर आने वाले फरियादियों के साथ अच्छा और विनम्र व्यवहार करने के लिए भी निर्देश दिए गए। एडीजी ने सभी थाना प्रभारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि थानों पर आने वाले फरियादियों को शालीनतापूर्वक सुना जाए और उनकी समस्याओं का त्वरित और निष्पक्ष समाधान किया जाए। इसके अलावा, थानों में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, बैठने की व्यवस्था और प्रसाधन जैसी सुविधाओं की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया, ताकि फरियादी निःसंकोच अपनी शिकायत लेकर आ सकें।

यातायात व्यवस्था और पेट्रोलिंग की समीक्षा

यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भी विशेष निर्देश दिए गए। एडीजी ने ट्रैफिक प्रभारी और पुलिस निरीक्षकों को यातायात के प्रवाह को सुचारू करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, पीआरवी वाहनों की नियमित पेट्रोलिंग को और भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए, ताकि आपातकालीन स्थितियों में पुलिस त्वरित रूप से पहुंच सके।

लंबित विवेचनाओं और विशेष अपराधों की समीक्षा

गोष्ठी में लंबित विवेचनाओं, विशेष रूप से एससी/एसटी एक्ट, महिला संबंधी अपराधों और पोक्सो एक्ट के तहत मामलों की गहन समीक्षा की गई। एडीजी ठाकुर ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ये विवेचनाएं समयबद्ध तरीके से निपटाई जाएं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने खासकर पोक्सो एक्ट और महिला संबंधी अपराधों में अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी करने के निर्देश भी दिए।

संगठित अपराधों पर कार्रवाई

अवैध शराब, जुआ, सट्टा और मादक पदार्थों की बिक्री जैसी संगठित आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही गई। एडीजी ने सभी थाना प्रभारियों को ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी त्यौहारों के दौरान इन गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे।

आगामी त्यौहारों के लिए विशेष तैयारी

आगामी त्यौहारों के दौरान जिले में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडीजी ने सभी अधीनस्थ अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित पीस कमेटी मीटिंग आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाजारों, भीड़भाड़ वाले स्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्त करने पर जोर दिया ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। असामाजिक तत्वों द्वारा सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भी निर्देश दिए गए।

अपराध गोष्ठी के व्यापक महत्व

इस अपराध गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य सिर्फ त्यौहारों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं था, बल्कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से जिले की समग्र सुरक्षा को सुनिश्चित करना था। एडीजी द्वारा दिए गए निर्देश न केवल अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि महिलाओं, बच्चों और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाले हैं।

इस प्रकार की उच्च स्तरीय बैठकें और गोष्ठियाँ समाज में कानून के प्रति विश्वास को सुदृढ़ करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा रहा है। इस अपराध गोष्ठी में दिए गए निर्देशों के बाद, उम्मीद की जाती है कि जिले की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी और आम नागरिकों का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा।



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