Muzaffarnagar: इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) मुजफ्फरनगर चैप्टर  द्वारा बुधवार एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के क्षेत्र में उत्तराधिकार परिवर्तन, निकास योजना, विलय और अधिग्रहण के माध्यम से व्यवसाय वृद्धि को समझना और इस दिशा में रणनीतियाँ तैयार करना। बैठक की अध्यक्षता निवर्तमान चेयरमैन विपुल भटनागर ने की, जो अपने अनुभव और नेतृत्व के साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका में थे।

कार्यक्रम की शुरुआत

बैठक की शुरुआत एक शानदार उद्घाटन के साथ हुई, जहां कार्यक्रम का संचालन अमन गुप्ता और राहुल मित्तल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इन दोनों ने इस बैठक को व्यवस्थित और आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया, जिससे सभी उपस्थित सदस्य अंत तक जुड़े रहे। इस दौरान, कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों को विषय की गहराई से परिचित कराया गया, जिससे वे इस महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर चर्चा कर सके।

सीए आयुषी पुरी स्वरूप की प्रस्तुति

बैठक के पहले सत्र में सीए आयुषी पुरी स्वरूप ने एमएसएमई के लिए विलय, अधिग्रहण और निकास योजना पर अपनी प्रस्तुति दी। आयुषी पुरी स्वरूप, जो कि आईआईए के पूर्व चेयरमैन कुश पुरी की पुत्री हैं, ने इस प्रक्रिया के व्यावसायिक लाभों, संभावित जोखिमों और कर संबंधी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे एक सही और सुविचारित रणनीति के द्वारा व्यापार में वृद्धि हो सकती है और साथ ही कर नीतियों का उचित पालन किया जा सकता है। उनकी प्रस्तुति में विशेष रूप से यह महत्वपूर्ण पहलू था कि एमएसएमई सेक्टर के लिए यह योजना कितनी लाभकारी हो सकती है यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाए।

आयुषी पुरी की प्रस्तुति को सभी उपस्थित सदस्यों ने अत्यधिक सराहा और यह स्पष्ट हो गया कि युवा पीढ़ी की भागीदारी इस क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है। उनके शब्दों में जोश और आत्मविश्वास था, जो बैठक के माहौल को और भी ऊर्जावान बना रहा था।

डॉ. रवि गुप्ता का व्याख्यान

इसके बाद, दिल्ली से आए मुख्य वक्ता डॉ. रवि गुप्ता (एडवोकेट) ने उत्तराधिकार परिवर्तन योजना पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक व्यवस्थित उत्तराधिकार योजना व्यवसाय के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। डॉ. गुप्ता ने इस दौरान कई कानूनी पहलुओं और कर के प्रभावों पर चर्चा की, जिससे सभी उद्यमियों को अपनी वर्तमान और भविष्य की योजनाओं के बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण मिला।

उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराधिकार परिवर्तन योजना के बिना, कई परिवार व्यवसायों को संकट का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब तक कोई पारदर्शी और सुसंगत रणनीति नहीं बनती। इस सत्र में उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रश्नोत्तर काल में अपनी जिज्ञासाओं को पूछा, और डॉ. गुप्ता ने हर प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया।

अमित जैन का संदेश

इस मौके पर आईआईए के सचिव अमित जैन ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी क्षमता का एहसास होता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रम न केवल उद्यमियों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार करते हैं।

उन्होंने खासकर युवा पीढ़ी के योगदान की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें अधिक अनुभव और आत्मविश्वास मिलता है, जो व्यवसायों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

विपुल भटनागर का धन्यवाद

बैठक के समापन सत्र में निवर्तमान चैप्टर  चेयरमैन विपुल भटनागर ने सभी वक्ताओं और उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आईआईए को इस तरह के सेमिनारों के माध्यम से उद्यमियों को अपडेट करना चाहिए ताकि वे अपने व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जा सकें। विपुल भटनागर ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी बेहद जोश से भरी हुई है, और इस प्रकार के आयोजन यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे व्यवसायों की विरासत और आगे बढ़े।

उन्होंने आगे कहा कि आईआईए का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को समृद्ध और सफल बनाने के लिए ज्ञान और अवसर प्रदान करना है।

बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य

इस बैठक में कई प्रतिष्ठित और प्रमुख सदस्य उपस्थित थे, जिनमें अमित गर्ग, अश्विनी खंडेलवाल, उमेश गोयल, मनोज अरोड़ा, पंकज गर्ग, राहुल अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल, आचमन गोयल, रजत जैन, नवीन जैन, नीरज केडिया, कुश पुरी, राज शाह, अधिवक्ता तुषार, अरविंद मित्तल, अरविंद गुप्ता, सौरभ मित्तल, अशोक शाह, आकाश गर्ग, मून गर्ग, अनमोल गर्ग (हिमगिरी मेटल्स), वंश सांगल (रामा इलेक्ट्रोड्स), केशव गर्ग (डीपक सेरामिक्स एंड एलॉयज), लड्डूवाला, अपूर्वा अग्रवाल, सीए अजय अग्रवाल एंड एसोसिएट्स, पंछी अरोड़ा, प्रमोद अरोड़ा, अनुज स्वरूप बंसल, और रवींद्र सिंघल शामिल थे।

यह बैठक सभी उद्यमियों और उद्योगपतियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रही। इसने उन्हें व्यवसाय की नई रणनीतियों और उत्तराधिकार योजना की बेहतर समझ विकसित करने में मदद की। इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य न केवल वर्तमान उद्यमियों को समृद्ध करना है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी इस दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करना है।

 



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