मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) ।कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन भारतीय सेना द्वारा तत्परता से चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल उन आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि हर भारतीय के हृदय में गर्व की एक नई लहर भी उत्पन्न कर दी। इसी गौरवशाली सफलता को श्रद्धांजलि स्वरूप मुजफ्फरनगर में एक विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
‘प्रबुद्ध प्रकोष्ठ’ की अगुवाई में तिरंगा यात्रा ने बिखेरा देशभक्ति का उजास
इस भव्य आयोजन की कमान संभाली भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ ने, जिसका संयोजन किया प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पवन सिंघल ने। यात्रा की शुरुआत रुड़की रोड स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर चौक से की गई, जो कच्ची सड़क से गुजरते हुए पुनः उसी स्थान पर संपन्न हुई।
भाजपा नेताओं की सशक्त उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का मान
तिरंगा यात्रा का शुभारंभ भाजपा नेता श्री मोहन तायल ने किया। इस आयोजन में मार्गदर्शन प्रदान किया भाजपा जिला अध्यक्ष सुधीर सैनी और क्षेत्रीय संयोजक अशोक बाटला ने। कार्यक्रम के संयोजक केशव मंडल और सहसंयोजक सलेक चंद सभासद रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रमुख चेहरे
इस आयोजन को भव्य बनाने में जिन चेहरों की विशेष भूमिका रही, उनमें जिला सहसंयोजक किरतपाल सैनी, भाई कमलकांत शर्मा, प्रमोद कुमार सभासद, नई मंडी मंडल संयोजक विनय अग्रवाल, अजय गर्ग आदि प्रमुख रहे। इनके अथक प्रयासों से यह यात्रा एक जन-ज्वार में परिवर्तित हो गई।
महिला शक्ति का जोश और सहभागिता बनी यात्रा की विशेषता
तिरंगा यात्रा की सबसे खूबसूरत तस्वीर रही महिला शक्ति की भारी भागीदारी। पुष्पा रानी, किरण रानी, कमला रानी, उषा शर्मा, विमला रानी, संगीता रानी, कमला सैनी जैसी अनेक महिलाएं जोश और ऊर्जा के साथ यात्रा में सम्मिलित हुईं और देशभक्ति के नारों से पूरे वातावरण को गूंजायमान कर दिया।
यात्रा में शामिल हुए अनेक गणमान्य नागरिक और कार्यकर्ता
इस ऐतिहासिक यात्रा में शामिल रहे सुरेश भाटी, राकेश वशिष्ठ, चंद्रशेखर शर्मा, कुलदीप शर्मा, डॉ महावीर सिंह, विशाल गर्ग, प्रदीप कुमार, कमल कुमार, आदित्य कुमार, सतपाल सिंह, अजय कुमार समेत कई नामचीन कार्यकर्ता, जिन्होंने अपने नेतृत्व और सक्रियता से यात्रा को यादगार बना दिया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना देश के आत्मगौरव का प्रतीक
यात्रा के समापन पर पवन सिंघल और मोहन तायल ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि हर भारतीय के आत्मसम्मान और संप्रभुता का प्रतीक थी। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की उस निर्णायक शक्ति का प्रतीक है, जो आतंकवाद को हर बार उसी की भाषा में जवाब देने में सक्षम है।
देश के कोने-कोने में गूंज रही है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गाथा
मुजफ्फरनगर में हुई यह तिरंगा यात्रा केवल एक स्थानीय आयोजन नहीं रही, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रभक्ति की भावना का जीवंत उदाहरण बनी। इस यात्रा ने यह साबित कर दिया कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, देश का आम नागरिक अपने राष्ट्र के साथ खड़ा है।
ऐसे आयोजन बना रहे हैं युवाओं में राष्ट्र प्रेम की चेतना
इस तरह के आयोजन न केवल तत्कालीन घटनाओं पर जनता की प्रतिक्रिया को स्वर देते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों में भी राष्ट्र प्रेम की भावना को प्रबल करते हैं। युवाओं में सेना के प्रति सम्मान और राष्ट्र की रक्षा हेतु प्रतिबद्धता की भावना को और भी प्रोत्साहित करते हैं।
मुजफ्फरनगर में हुई इस ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा ने न सिर्फ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जश्न मनाया, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि जब-जब देश को आवश्यकता होगी, जनमानस एकजुट होकर देशभक्ति की मिसाल पेश करेगा। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने वाला बन गया है।