मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) ।थाना सिविल लाइन क्षेत्र अंतर्गत रुड़की रोड पर स्थित एक कपड़े के गोदाम में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके में कोहराम मचा दिया। दीपावली की रात का जश्न मातम में बदल गया, जब आग ने इस क्षेत्र में शुभम नामक कपड़ा व्यापारी के गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया। इस भीषण अग्निकांड में लाखों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है, और स्थानीय प्रशासन एवं दमकल विभाग ने तेजी से आग पर काबू पाने की कोशिश की।

आग कैसे फैली इतनी तेजी से?

बताया जा रहा है कि यह आग दीपावली की रात करीब दो बजे लगी, जब अधिकतर लोग आतिशबाजी और पटाखों के कारण जश्न मना रहे थे। इस दौरान किसी ने देखा कि गोदाम से धुआं उठ रहा है और जल्द ही लपटों ने पूरे गोदाम को घेर लिया। गोदाम में बड़ी मात्रा में कपड़े और टी-शर्ट, लोअर जैसे ज्वलनशील वस्त्र भरे हुए थे, जिससे आग तेजी से फैल गई। क्षेत्र में हड़कंप मच गया और लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।

दमकल विभाग और फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने घटना स्थल पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुराग सिंह के अनुसार, कपड़ों का गोदाम होने के कारण आग तेजी से फैल रही थी और इसे नियंत्रण में लाने के लिए पास की पेपर मिलों से भी फायर टेंडरों को बुलवाना पड़ा। आग की भयावहता इतनी थी कि गोदाम के शटर को जेसीबी से तोड़कर अंदर घुसकर आग बुझाने का प्रयास किया गया।

दमकल विभाग का संघर्ष और लगातार बढ़ती चुनौतियाँ

मुजफ्फरनगर का दमकल विभाग इस भयंकर आग के बीच निरंतर प्रयासरत था। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि कपड़े का गोदाम होने के कारण आग पर काबू पाना बेहद कठिन हो रहा था, क्योंकि कपड़ा अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों में गिना जाता है और आसानी से आग पकड़ लेता है। दमकल विभाग की टीम ने काफी मेहनत कर कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। विभाग की सहायता के लिए स्थानीय पेपर मिलों से फायर टेंडरों को बुलाना पड़ा और स्थानीय पुलिस की टीम भी मोर्चे पर जुटी रही।

संभावित कारण और जाँच प्रक्रिया

थाना सिविल लाइन के प्रभारी के अनुसार, यह संभव है कि दीपावली की रात हुई पटाखों की आतिशबाजी के कारण आग लगी हो। लेकिन फिलहाल, प्रशासन ने आग के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए पूरी जाँच का आदेश दिया है। घटना की जाँच में यह देखा जाएगा कि कहीं गोदाम में फायर सेफ्टी मानकों का उल्लंघन तो नहीं किया गया था। इस दौरान दीवाली पर विशेष रूप से चेकिंग करने के आदेश दिए गए हैं कि ऐसे संभावित घटनाओं को रोका जा सके।

पटाखों की चिंगारी से अन्य स्थानों पर भी आग की घटनाएं

दीपावली की रात केवल रुड़की रोड का यह गोदाम ही नहीं, बल्कि पूरे मुजफ्फरनगर में फायर ब्रिगेड को विभिन्न स्थानों पर आग बुझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। सुबह लगभग 5 बजे भोपा पुल के पास मुस्तफाबाद में कूड़े के ढेर में आग लग गई, जिसे काबू पाने के लिए फायर टीम को बुलाना पड़ा। इसी तरह, गांव धौलरा में एक ईंट भट्टे में भी आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। शहर के विभिन्न हिस्सों में लगी आग की घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल के लिए कोई सख्त नियम नहीं बनाए जा सकते हैं?

दीपावली पर आतिशबाजी के दौरान पटाखों से आग लगने की घटनाएं आम बात हो चली हैं, लेकिन इस बार की घटनाएं पहले से कहीं अधिक थीं। यह आग केवल संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा रही, बल्कि इसके कारण लोगों की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है। मुजफ्फरनगर फायर डिपार्टमेंट ने भी इस साल के दीवाली के दौरान हुई आग की घटनाओं को लेकर चिंताजनक आंकड़े दिए हैं और कहा है कि इस पर नकेल कसना अब जरूरी हो गया है।

शहर में बढ़ती आग की घटनाओं पर प्रशासन की चिंता

हाल के कुछ वर्षों में मुजफ्फरनगर जैसे शहरों में आग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। इसके मुख्य कारणों में औद्योगिक इकाइयों और गोदामों का सुरक्षित रखरखाव न होना, फायर सेफ्टी के मानकों की अनदेखी और पटाखों के अनियंत्रित प्रयोग शामिल हैं।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुराग कुमार ने कहा कि इस तरह की आग की घटनाएं समाज के लिए खतरनाक हैं और हर वर्ष दीवाली जैसे त्यौहारों पर यह हादसे बड़ी संख्या में देखने को मिलते हैं। प्रशासन ने इसके लिए उचित कदम उठाने की बात कही है और साथ ही लोगों से अनुरोध किया है कि वे दीपावली या अन्य अवसरों पर पटाखों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें।

आग से बचाव और फायर सेफ्टी को लेकर सुझाव

इस तरह की घटनाओं के मद्देनजर विशेषज्ञों का मानना है कि गोदामों, उद्योगों और यहाँ तक कि घरों में भी फायर सेफ्टी सिस्टम को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। फायर अलार्म, फायर एक्सटिंग्विशर्स और फायर रेस्क्यू प्लान जैसे कदम उठाने से भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सकता है। साथ ही, सरकारी विभागों की ओर से भी आग से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की सख्त आवश्यकता है।

मुजफ्फरनगर प्रशासन ने हाल के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए फायर सेफ्टी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना से सबक लेकर सभी गोदाम मालिकों को फायर सेफ्टी को लेकर कड़े निर्देश दिए जाएंगे और स्थानीय स्तर पर ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

रुड़की रोड पर शुभम के कपड़े के गोदाम में लगी आग ने इस बार के दीपावली उत्सव में मातम भर दिया। इस घटना ने आग की रोकथाम और फायर सेफ्टी को लेकर प्रशासन और आम जनता दोनों के सामने एक गंभीर चेतावनी रख दी है। ऐसे हादसे न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा का संकट भी खड़ा कर देते हैं। यह समय है कि सरकार और प्रशासन मिलकर फायर सेफ्टी मानकों को सख्ती से लागू करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

मुजफ्फरनगर की इस घटना ने पूरे क्षेत्र को आग से बचाव के उपायों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *