Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर एक बार फिर से सुर्खियों में है। भारतीय किसान यूनियन संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कचहरी परिसर स्थित एसएसपी कार्यालय के समक्ष एक बड़ी संख्या में एकत्र होकर अपनी आवाज़ को बुलंद किया। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य जिले में व्याप्त कई गंभीर समस्याओं की ओर प्रशासन का ध्यान खींचना था। कार्यकर्ताओं ने न केवल अपनी शिकायतों को उजागर किया, बल्कि प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
धरने के दौरान किसानों ने कहा कि थाना सिविल लाइन में 17 नवंबर 2024 को एक गंभीर मामला दर्ज हुआ था। इसमें एहसान उर्फ हनी, जो कि थाना मंसूरपुर का हिस्ट्रीशीटर है, और साजिद अल्वी, जो मदिना कॉलोनी के निवासी हैं, के खिलाफ तहरीर दी गई थी। यह तहरीर पुलिस द्वारा नजरअंदाज कर दी गई, और न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही मुकदमा दर्ज किया गया।
किसानों का कहना था कि यह घटना केवल एक उदाहरण है, जो जिले में पुलिस और अपराधियों के बीच गहरे संपर्क और साजिश को उजागर करती है। “जब अपराधी खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, तो आम जनता का क्या होगा?” प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने एसएसपी कार्यालय के सामने यह सवाल उठाया।
बागोवाली में फर्जी आधार कार्ड से ठगी
धरने के दौरान किसानों ने एक और गंभीर आरोप लगाया। बागोवाली क्षेत्र में तीन अपराधी, अब्दुल वाहिद, शाहबाज, और गुल्लू, फर्जी आधार कार्ड बनाकर हर महीने लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं। इस गैंग के खिलाफ छह महीने पहले तहरीर दी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ितों का कहना था कि ये अपराधी स्थानीय पुलिस चौकी और सीओ नई मण्डी को पैसा देकर अपनी सुरक्षा का दावा करते हैं और पीड़ितों को जान से मारने की धमकी भी देते हैं।
किसानों का यह भी आरोप था कि पुलिस की मिलीभगत से ये अपराधी अपने कृत्यों को अंजाम देने में सक्षम हैं, जिससे स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है।
नशीले पदार्थों का कारोबार और पुलिस की चुप्पी
धरने के दौरान एक और गंभीर मामला उठाया गया। मुजफ्फरनगर के भोपा पुल के नीचे कुछ लोग नशीले पदार्थों का व्यापार कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह कारोबार खुलेआम चल रहा है और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है।
“यह जानकर बेहद दुख होता है कि हमारे इलाके में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है और पुलिस उसे रोकने में असफल है,” प्रदर्शनकारियों ने कहा। उन्होंने प्रशासन से इस अवैध व्यापार को तत्काल रोकने की मांग की।
अवैध खनन पर कार्रवाई की मांग
मुजफ्फरनगर के सिटी कोतवाली क्षेत्र में अवैध खनन का भी मामला उठा। किसानों ने कहा कि रात के समय पुलिस की मिलीभगत से खनन का काम चल रहा है, जिससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है, बल्कि स्थानीय समुदायों की जान-माल को भी खतरा हो रहा है।
“यह खनन किसकी मदद से हो रहा है? यह प्रशासन की नाकामी है,” किसानों ने गुस्से में कहा।
युवा पीढ़ी का भविष्य खराब करने वाले स्पा सेंटर और कैफे
किसानों का एक और आरोप था कि जिले में कुछ स्पा सेंटर, कैफे और ओयो जैसी जगहें युवाओं के भविष्य को खराब कर रही हैं। यह स्थान न केवल अवैध गतिविधियों के लिए मशहूर हो रहे हैं, बल्कि यहां युवाओं को बुरी संगत और नशे की लत भी लग रही है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से इन स्थानों को बंद करने की मांग की ताकि भविष्य में युवा पीढ़ी को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
सट्टे का धंधा और पुलिस की मिलीभगत
पुलिस की सट्टे के काम में मिलीभगत का मामला भी सामने आया। किसानों ने आरोप लगाया कि जिले में पुलिस की सहमति से सट्टे का काम चल रहा है। यह काम स्थानीय लोगों के बीच विवादों और हिंसा को जन्म देता है।
“जब पुलिस सट्टे के काम को रोकने में असफल हो रही है, तो यह जनता की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है,” किसानों ने कहा।
प्रशासन से मांगी गई कार्रवाई
धरने के अंत में, किसानों ने एसएसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें सभी समस्याओं का विवरण था। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की। “हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारे मुद्दों को गंभीरता से ले और इन पर त्वरित कार्रवाई करे।”
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे, जिससे जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।
यह विरोध प्रदर्शन मुजफ्फरनगर की जनता की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए एक बड़ा संकेत है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है और किस हद तक कार्रवाई करता है।