मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)किसान नेता Rakesh Tikait के साथ हुई अभद्रता ने पूरे किसान समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के विरोध में आयोजित ‘किसान स्वाभिमान पंचायत’ में हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हुए और एक स्वर में इस कृत्य की निंदा की। पंचायत में भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत, सांसद हरेन्द्र मलिक, सांसद इकरा हसन, रालोद नेता राजपाल बालियान, विधायक मदन भैया, समाजवादी नेता प्रमोद त्यागी सहित कई दिग्गज नेताओं ने मंच साझा किया और किसानों के सम्मान की रक्षा का संकल्प लिया।

“शेर के मुंह में हाथ डाला है”: नरेश टिकैत

भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हम किसी के विरोधी हो सकते हैं, लेकिन गद्दार नहीं। जिन लोगों ने राकेश टिकैत के साथ अभद्रता की, उन्होंने शेर के मुंह में हाथ डाला है। हमने अभी तो छोड़ दिया, लेकिन अगली बार बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान यूनियन किसी भी पार्टी की गुलाम नहीं है और अगर किसान का अपमान हुआ तो पूरी ताकत से उसका जवाब दिया जाएगा।

“आज नहीं चेते तो कल कोई सुरक्षित नहीं रहेगा”: हरेन्द्र मलिक

सांसद हरेन्द्र मलिक ने इस घटना को लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी की घंटी बताया। उन्होंने कहा, “अगर किसान यूनियन के साथ ऐसा हो सकता है तो आम नागरिक के साथ क्या होगा? यह लड़ाई लंबी है, पर टिकैत परिवार और हम सब साथ हैं।” उन्होंने मंच से ऐलान किया कि यह मुद्दा लोकसभा और विधानसभा दोनों में उठाया जाएगा, जिससे सत्ता के गलियारों में बैठे लोग समझ सकें कि किसानों का अपमान सस्ती चीज़ नहीं।

Iqra Hasan“किसान की रीढ़ हैं टिकैत, और उन पर हमला आतंकी हरकत”: इकरा हसन

कैराना की सांसद इकरा हसन ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि Rakesh Tikait पर किया गया हमला सिर्फ़ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि देश की रीढ़ की हड्डी – किसान पर हमला है। उन्होंने घटना को आतंकी मानसिकता का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे तत्वों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

“हमला किसान पर नहीं, उसकी आत्मा पर है”: युद्धवीर सिंह

भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि “यह घटना किसान को ललकारने की कोशिश है। अगर आज हम चुप रहे, तो कल कोई भी सिर उठाकर अपनी बात नहीं कह सकेगा।” उन्होंने गृह मंत्रालय पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कश्मीर में हाल ही में जो पर्यटकों की हत्या हुई है, वो गृह मंत्रालय की असफलता है और गृहमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

रालोद नेताओं ने दिखाई एकजुटता, बोले – “टिकैत परिवार के अपमान का बदला लिया जाएगा”

रालोद से जुड़े वरिष्ठ नेता भी किसान पंचायत में पहुंचे और एक सुर में घटना की कड़ी निंदा की। राजपाल बालियान, मदन भैया, और योगराज सिंह ने मंच से स्पष्ट कर दिया कि “जो हुआ वह निंदनीय है। अगर किसान का अपमान बर्दाश्त किया गया, तो देश की लोकतांत्रिक नींव हिल जाएगी।”

किसान महापंचायत से टाउनहाल तक – एक जुलूस, एक संदेश

महापंचायत के समापन के बाद भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान टाउनहाल तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। हालांकि वहां जाकर उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया और राष्ट्रगान गाकर शांति से आंदोलन समाप्त किया। यह कदम दिखाता है कि किसान आंदोलनों में गरिमा और अनुशासन अभी भी जिंदा है।

“किसान का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”: एकजुटता का परिचय

किसानों के इस विशाल जमावड़े में सिर्फ़ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान भी शामिल हुए। यह दिखाता है कि राकेश टिकैत सिर्फ एक नेता नहीं, एक भावना हैं, जो किसान समाज के गर्व का प्रतीक हैं।

सभी प्रमुख वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अगर ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो पूरा देश किसानों के साथ सड़कों पर उतर आएगा। किसान पंचायत अब सिर्फ़ एक बैठक नहीं, बल्कि स्वाभिमान की जंग बन चुकी है।





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