Muzaffarnagar में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक बार फिर से खाद्य सुरक्षा नियमों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और स्वच्छता की जांच के लिए विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण किया। इस कार्यवाही से होटल और अन्य खाद्य कारोबार करने वाले प्रतिष्ठानों में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने और नागरिकों को सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के दिशा निर्देशों पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने निरीक्षण की शुरुआत की और इस दौरान रुड़की रोड और मीनाक्षी चौक जैसे प्रमुख स्थानों से खाद्य नमूनों को जांच के लिए लैब में भेजा। इस अभियान में सहायक आयुक्त खाद्य अर्चना धीरान के नेतृत्व में विभाग की टीम ने कुछ प्रतिष्ठानों से छह खाद्य नमूने एकत्रित किए और उन्हें जांच के लिए वाराणसी स्थित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला में भेज दिया।
खाद्य सुरक्षा टीम ने किस प्रतिष्ठान से लिए नमूने?
इस अभियान के तहत सबसे पहले श्यामलाल अनिल कुमार आचार वाले प्रतिष्ठान से विभिन्न प्रकार के अचारों के नमूने लिए गए। इनमें मुख्य रूप से हींग का अचार, मूली का अचार और मुरब्बा शामिल थे। इन नमूनों को नियमों के अनुसार संग्रहित किया गया और खाद्य विश्लेषण के लिए भेजा गया।
इसके बाद टीम ने मीनाक्षी चौक स्थित मकबूल की ताहरी रेस्टोरेंट का दौरा किया, जहाँ से चिकन बिरयानी, भैंस के मीट का कोरमा, और चिकन कोरमा के नमूने लिए गए। इन खाद्य पदार्थों के नमूनों को भी जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया। इस प्रकार कुल छह खाद्य नमूने विभाग की टीम द्वारा विधिक प्रक्रिया के तहत एकत्रित किए गए, जो अब खाद्य सुरक्षा विभाग के विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी की भूमिका
इस अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी वैभव शर्मा, सुनील कुमार, विशाल चौधरी और खाद्य सहायक कृष्ण कुमार भी शामिल रहे। इन अधिकारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
सहायक आयुक्त खाद्य अर्चना धीरान ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत उचित कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई नमूना मानक के अनुसार नहीं पाया गया, तो संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
खाद्य मिलावट और खाद्य सुरक्षा
खाद्य मिलावट एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकती है। खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार मिलावट के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है, ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिल सके। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे निरंतर खाद्य कारोबारकर्ताओं के प्रतिष्ठानों की जांच करते रहेंगे और इस प्रकार के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।
एफएसडब्ल्यू जागरूकता अभियान
इस अभियान के अंतर्गत, खाद्य सुरक्षा विभाग ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हरी नगर पुरकाजी, मुजफ्फरनगर में एफएसडब्ल्यू जागरूकता, प्रशिक्षण और निगरानी अभियान भी चलाया। इस दौरान बच्चों और कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा और मिलावट के खिलाफ जागरूक किया गया। अभियान के दौरान दो खाद्य नमूने भी जांच के लिए संग्रहित किए गए।
डॉ. मनोज कुमार ने भी इस अभियान में अपनी उपस्थिति दर्ज की और खाद्य सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी। उनका कहना था कि खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या देशभर में बढ़ रही है, और इस पर कड़ी निगरानी रखना बेहद जरूरी है।
खाद्य सुरक्षा विभाग का लक्ष्य
खाद्य सुरक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर के सभी खाद्य प्रतिष्ठान मानक के अनुरूप खाद्य पदार्थ प्रदान करें। विभाग का कहना है कि अगर किसी भी प्रतिष्ठान में मिलावट पाई जाती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उसे सजा दी जाएगी।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का यह अभियान न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नागरिकों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए भी है। विभाग का कहना है कि वह समय-समय पर इस तरह की जांचें करता रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट से बचा जा सके।
Muzaffarnagar में खाद्य सुरक्षा विभाग का यह अभियान एक सख्त संदेश देता है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर विभाग पूरी तरह से सजग है। खाद्य सुरक्षा से जुड़ी यह कार्रवाई केवल शहर के प्रतिष्ठानों के लिए नहीं, बल्कि देशभर के अन्य शहरों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। मिलावट के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से नागरिकों को भी यह विश्वास होता है कि वे सुरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।