मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आज तहसील सदर के विकासखंड सदर के ग्राम बहादुरपुर में स्थित वृहद गौ संरक्षण केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्होंने गायों की देखभाल, चारे और पानी की व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई अहम निर्देश जारी किए, जिससे गौ संरक्षण केंद्र में सुधार हो सके।

249 गायों के लिए चार सेट का इंतजाम
जिलाधिकारी को जानकारी दी गई कि गौ संरक्षण केंद्र में कुल 249 गायों को चार सेट में रखा गया है। केयरटेकर ने बताया कि गायों को भूसा और पानी समय से दिया जा रहा है। हालांकि, बारिश के कारण हरा चारा समय पर नहीं पहुंच पाया। जिलाधिकारी ने इस पर सख्त हिदायत दी कि किसी भी परिस्थिति में गायों को हरा चारा और भूसा की कमी नहीं होनी चाहिए।

बीमार गायों की चिकित्सा पर जोर
निरीक्षण के दौरान तीन गायें बीमार पाई गईं। केयरटेकर ने बताया कि डॉक्टर दो से तीन दिन में केंद्र का दौरा करते हैं और बीमार गायों का इलाज करते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि बीमार गायों के स्वास्थ्य का तत्काल ध्यान रखा जाए और उनकी समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि डॉक्टर की उपस्थिति और दवाइयों की उपलब्धता नियमित होनी चाहिए।

खाद्य और जल आपूर्ति पर जिलाधिकारी की चिंता
निरीक्षण के दौरान भूसा और पानी की व्यवस्था की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने देखा कि वर्तमान व्यवस्था संतोषजनक है, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि आने वाले ठंड के मौसम में गायों को पर्याप्त गर्माहट और सुविधाएं मिलें। उन्होंने निर्देश दिया कि गायों को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल का उपयोग किया जाए। साथ ही, नवजात बछड़ों के लिए विशेष देखभाल के निर्देश दिए गए।

मानदेय और अन्य प्रशासनिक पहलू
केयरटेकर से बातचीत के दौरान जिलाधिकारी ने उनके मानदेय के बारे में जानकारी ली। केयरटेकर ने बताया कि मानदेय समय से मिल रहा है। जिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी कर्मचारियों को समय पर भुगतान हो और केंद्र में किसी भी प्रकार की वित्तीय समस्या न हो।

खंड विकास अधिकारी की लापरवाही पर नाराजगी
जिलाधिकारी ने पाया कि खंड विकास अधिकारी ने पिछले महीने निरीक्षण किया था, लेकिन उसके बाद कोई फॉलोअप नहीं हुआ। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और उप जिलाधिकारी को समय-समय पर केंद्र का दौरा करने का आदेश दिया। यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि केंद्र में गायों के स्वास्थ्य, भोजन, और जल आपूर्ति में कोई कमी न हो।

गौ संरक्षण केंद्र का महत्व और प्रशासनिक प्रयास
गौ संरक्षण केंद्र पशुओं के कल्याण और उनके संरक्षण के लिए बनाए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि यह हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है कि हम इन गायों की पूरी देखभाल करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर महीने निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करें और किसी भी समस्या को तुरंत हल करें।

स्थानीय प्रशासन की भागीदारी और जनता की उम्मीदें
इस निरीक्षण के बाद स्थानीय लोगों में यह चर्चा रही कि जिलाधिकारी का यह कदम अत्यंत सराहनीय है। ग्रामीणों ने कहा कि गौ संरक्षण केंद्र की स्थिति में सुधार के लिए ऐसी सख्ती आवश्यक है। कुछ ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि हरा चारा और चिकित्सा सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जाएं।

गौ संरक्षण केंद्रों की अन्य समस्याएं और समाधान के सुझाव
यह घटना मुजफ्फरनगर के गौ संरक्षण केंद्रों में सुधार के लिए प्रशासन की सक्रियता को दिखाती है। हालांकि, पूरे प्रदेश में गौ संरक्षण केंद्रों को लेकर कई समस्याएं सामने आती रही हैं। इनमें स्टाफ की कमी, चारे की अनुपलब्धता, और बीमार पशुओं के इलाज में देरी प्रमुख हैं। सरकार और प्रशासन को इन समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान निकालने की जरूरत है।

भविष्य की योजनाएं और कार्रवाई
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देश के बाद उम्मीद है कि मुजफ्फरनगर के गौ संरक्षण केंद्रों में सुविधाएं बेहतर होंगी। प्रशासन ने यह आश्वासन दिया है कि नियमित निरीक्षण और सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, अन्य गौ संरक्षण केंद्रों में भी ऐसी सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है।

मुजफ्फरनगर की यह घटना न केवल प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण है, बल्कि यह दिखाती है कि अगर सही कदम उठाए जाएं तो पशु कल्याण में सुधार किया जा सकता है।

संभावित प्रभाव:
इस तरह की सख्ती और जागरूकता से न केवल गौ संरक्षण केंद्रों की स्थिति सुधरेगी, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगी। प्रशासन और जनता के संयुक्त प्रयास से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गायों को सम्मान और सुरक्षा मिले, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं।



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