Muzaffarnagar शहर की व्यस्ततम सड़कों में से एक जानसठ रोड पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक चलती वॉगनआर कार अचानक जलने लगी। अलमासपुर चौक और स्टेट बैंक कॉलोनी के बीच घटित इस हादसे ने राहगीरों और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। देखते ही देखते पूरी कार आग के गोले में तब्दील हो गई और कुछ ही मिनटों में राख के ढेर में बदल गई।
कार सवारों ने दिखाई फुर्ती, बड़ी अनहोनी टली
हादसे में एक बड़ा राहत भरा पहलू यह रहा कि कार सवार दोनों व्यक्ति समय रहते बाहर निकल गए और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। कार चला रहे श्याम सुंदर बंसल पुत्र रामचंद्र बंसल, निवासी स्टेट बैंक कॉलोनी, अलमासपुर, थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर, ने साहस और सतर्कता का परिचय देते हुए कार को तुरंत सड़क किनारे रोका और दोनों यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
कार में आग लगने का कारण बना शॉर्ट सर्किट
प्रत्यक्षदर्शियों और कार सवारों के अनुसार, कार में पहले से ही तकनीकी गड़बड़ी थी और उसे ठीक करवाने के लिए वे उसे कंपनी सर्विस सेंटर ले जा रहे थे। लेकिन जैसे ही कार अलमासपुर के पास पहुंची, अचानक बोनट से धुआं निकलना शुरू हुआ और कुछ ही सेकेंड में आग की लपटें उठने लगीं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण बताया गया है।
स्थानीय लोगों ने बुझाई आग, दमकल की आवश्यकता नहीं पड़ी
जैसे ही आग लगी, मौके पर मौजूद स्थानीय लोग पानी और अन्य संसाधनों से आग बुझाने में जुट गए। आसपास के लोगों की तत्परता की वजह से आग को दमकल विभाग के आने से पहले ही काबू में कर लिया गया, लेकिन तब तक पूरी कार जल चुकी थी। घटना के बाद जानसठ रोड पर कुछ समय के लिए यातायात बाधित रहा।
हादसे के समय कार में क्या हुआ?
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कार एकदम सामान्य रूप से चल रही थी।
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अचानक इंजन से धुआं निकला और कुछ ही देर में आग भड़क गई।
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कार रुकते ही चालक और उसके साथ सवार व्यक्ति फौरन बाहर कूदे।
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आस-पास के लोग पहुंचे और पानी डालना शुरू किया।
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कुछ ही समय में पूरी कार जलकर खाक हो गई।
हादसे के बाद लोग डरे, लेकिन जागरूकता बनी मिसाल
स्थानीय लोगों की जागरूकता और तत्परता ने यह साबित कर दिया कि आपदा की घड़ी में सामूहिक प्रयास कितना असरदार साबित हो सकता है। हालांकि हादसे ने राहगीरों को डर जरूराया, लेकिन साथ ही लोगों को यह सीख भी दी कि चलती गाड़ी में किसी भी तरह की तकनीकी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
श्याम सुंदर बंसल की सूझबूझ ने बचाई जान
श्याम सुंदर बंसल, जो कि पेशे से एक व्यापारी हैं, ने कहा कि कार को कुछ दिनों से स्टार्ट करते समय झटका लग रहा था और वह इसे कंपनी में दिखाने जा रहे थे। लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि रास्ते में ऐसा भयानक हादसा हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कार में सुरक्षा उपकरण मौजूद नहीं थे, जो कि आग की स्थिति में शुरुआती सहायता दे सकते थे।
वाहन सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर से वाहनों में तकनीकी निगरानी और सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय-समय पर गाड़ियों की सर्विसिंग और तकनीकी जांच कराई जाए, तो इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकता है। इलेक्ट्रिक वायरिंग, बैटरी फिटिंग और फ्यूल लाइन जैसे हिस्सों की जरा सी लापरवाही भी एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
स्थानीय पुलिस ने लिया संज्ञान
हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन थाना नई मंडी पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस द्वारा फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है जो यह जांच करेगी कि आग वास्तव में शॉर्ट सर्किट से ही लगी या फिर इसके पीछे कोई अन्य तकनीकी या मानवीय चूक है।
कार में आग लगने के अन्य मामलों की बढ़ती संख्या
यह पहला मामला नहीं है जब मुजफ्फरनगर या आसपास के क्षेत्र में चलते वाहन में आग लगी हो। पिछले छह महीनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चलती गाड़ियों में आग लगने के कुल 11 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 7 शॉर्ट सर्किट के कारण और 4 इंजन ओवरहीटिंग या गैस कनेक्शन लीकेज के चलते हुए।
इससे साफ है कि वाहनों में सुरक्षा उपकरणों और समय-समय पर निरीक्षण की आवश्यकता है। वाहन मालिकों को चाहिए कि वे सावधानीपूर्वक निरीक्षण और अग्निशमन उपकरणों को अपने वाहनों में जरूर रखें।
मुजफ्फरनगर के अलमासपुर क्षेत्र में घटित इस हादसे ने एक बार फिर वाहन सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। श्याम सुंदर बंसल और उनके साथी की सूझबूझ ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी वाहन चालकों को सावधानी, समय पर सर्विसिंग और वाहन में सुरक्षा उपकरणों को अनिवार्य रूप से अपनाना चाहिए।