मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) लाला जगदीश प्रसाद इंटर कॉलेज में एक ऐतिहासिक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहाँ छात्रों को उनके कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया गया। माननीय जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, डॉ. अजय कुमार के निर्देशन में आयोजित इस शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रीतिश सचदेवा ने मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी।

लोक अदालत: विवादों का सरल समाधान

आगामी 10 मई को लगने वाली लोक अदालत के बारे में छात्रों और उनके अभिभावकों को विशेष जानकारी दी गई। बताया गया कि लोक अदालत के माध्यम से बैंक विवाद, यातायात जुर्माना, विद्युत बिल विवाद, जमीन के झगड़े और घरेलू हिंसा जैसे मामलों का आपसी सहमति से त्वरित निपटारा किया जा सकता है। इससे न्यायालयों का बोझ कम होता है और आम लोगों को न्याय सुलभ तरीके से मिलता है।

साइबर क्राइम से बचने के टिप्स

साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए मुख्य अतिथि ने छात्रों को चेतावनी दी कि वे किसी भी अनजान लिंक या एप्लीकेशन को डाउनलोड न करें। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें और किसी को भी बैंक पासवर्ड या ओटीपी न बताएं। छात्राओं को सलाह दी गई कि वे अपनी प्रोफाइल पिक्चर और पोस्ट्स को प्राइवेट रखें ताकि गलत हाथों में जानकारी न पहुँचे।

जूनियर विंग का शुभारंभ और स्मार्ट क्लास का निरीक्षण

इस दौरान, मुख्य अतिथि ने विद्यालय के नवनिर्मित जूनियर विंग की स्मार्ट क्लास का निरीक्षण किया और इस पहल की सराहना की। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अखिलेश ने अतिथियों का पारंपरिक अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया और भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।

शिक्षकों और स्वयंसेवकों का योगदान

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों और पैरालीगल वालंटियर्स धनीराम व गौरव मालिक का विशेष योगदान रहा। उन्होंने छात्रों को कानूनी ज्ञान से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्यों जरूरी है ऐसे कार्यक्रम?

आज के दौर में जहाँ साइबर अपराध और कानूनी अज्ञानता बढ़ रही है, वहाँ छात्रों को उनके अधिकारों और सावधानियों के बारे में जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इस प्रयास से न केवल छात्र बल्कि उनके परिवार भी लाभान्वित होंगे।

इस तरह के आयोजन समाज में कानूनी चेतना फैलाने और युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम हैं। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रखने की आवश्यकता है ताकि हर नागरिक अपने अधिकारों के प्रति सजग रह सके।



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