Muzaffarnagar जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल में आज का दिन छात्रों के लिए बेहद खास रहा, जब Muzaffarnagar Road and Fire Safety Training के तहत उत्तर प्रदेश यातायात परिवहन विभाग और अग्निशमन विभाग ने संयुक्त रूप से एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस आयोजन का मकसद केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि छात्रों को वास्तविक जीवन में काम आने वाली सुरक्षा तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव कराना था।

SP यातायात अतुल कुमार चौबे ने सड़क सुरक्षा के गुर सिखाए
पुलिस अधीक्षक (यातायात) अतुल कुमार चौबे ने छात्रों को सड़क पर चलते और वाहन चलाते समय बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि “सड़क पर हमेशा बाईं ओर चलना चाहिए और गति सीमा का पालन करना जरूरी है।” उन्होंने विशेष रूप से 18 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को गियरवाली गाड़ी चलाने की मनाही के कानूनी प्रावधान की जानकारी दी। चौबे ने समझाया कि वैध ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और ट्रैफिक संकेतों का पालन न केवल कानून की दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि यह जीवन बचाने की कुंजी है।

अग्निशमन विभाग ने किया लाइव डेमो
अग्निशमन विभाग से निषित जैन और उनकी टीम ने छात्रों को आग बुझाने की विभिन्न तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने गैस सिलेंडर में लगाई गई नियंत्रित आग को बुझाने का तरीका प्रदर्शित किया, जिसे छात्रों और विद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने स्वयं भी आजमाया। टीम ने छात्रों को बताया कि अलग-अलग प्रकार की आग — जैसे विद्युत आग, तेल की आग या रसोई गैस की आग — के लिए अलग-अलग बुझाने के तरीके अपनाने पड़ते हैं।

छात्रों में दिखा जबरदस्त उत्साह
प्रशिक्षण के दौरान छात्रों ने न केवल ध्यानपूर्वक सीखा, बल्कि उत्साह के साथ सवाल भी पूछे। कई छात्रों ने कहा कि उन्होंने टीवी पर आग बुझाने के दृश्य देखे थे, लेकिन आज पहली बार उन्होंने खुद हाथों से यह तकनीक आजमाई।

विद्यालय प्रशासन ने जताया आभार
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. स्वाति शर्मा और विद्यालय प्रबंधक ने SP अतुल कुमार चौबे और फायर अधिकारी निषित जैन को स्मृति चिह्न भेंट कर धन्यवाद किया। विद्यालय प्रशासन ने कहा कि यह प्रशिक्षण छात्रों के जीवन में सुरक्षा की जागरूकता को नई ऊंचाई देगा और उन्हें न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी सजग नागरिक बनाएगा।

भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों की योजना
विद्यालय प्रबंधन ने संकेत दिया कि भविष्य में ऐसे और भी सुरक्षा एवं जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि छात्र बचपन से ही सड़क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति सजग रह सकें।


मुजफ्फरनगर का यह संयुक्त सड़क और अग्निशमन सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि अगर प्रशासन, शिक्षा संस्थान और सुरक्षा विभाग मिलकर काम करें, तो बच्चों में बचपन से ही जागरूकता और आत्मविश्वास पैदा किया जा सकता है। आज के प्रशिक्षित छात्र कल के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे, जो खुद सुरक्षित रहेंगे और दूसरों की सुरक्षा में भी योगदान देंगे।

 



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