Muzaffarnagar में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ा एक बड़ा विवाद तेजी से सुर्खियों में आ गया है। समाजसेवी और RTI एक्टिविस्ट विकास बालियान ने उन land scam आरोपों से स्थानीय प्रशासन, निवेशकों और नागरिकों को चौंका दिया है जिनके मुताबिक सहारा समूह की वह जमीन, जो 2013 से SEBI के पास गिरवी पड़ी थी, उसी भूमि पर एक विशाल इंटीग्रेटेड सिटी बसाई जा रही है।
विकास बालियान का दावा है कि करीब 1300 बीघा जमीन, जिसकी बाजार कीमत लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है, उसे अवैध तरीके से, बिना SEBI की अनुमति के और प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए बेचा गया। आरोपों में कहा गया है कि 600 बीघा हिस्से को NUMAX कंपनी ने मात्र 50 करोड़ रुपये में खरीद लिया, जबकि असली कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये की थी।
SEBI की अनुमति लिए बिना इतनी बड़ी जमीन की बिक्री—RTI से सामने आया चौंकाने वाला आरोप
RTI एक्टिविस्ट विकास बालियान ने एक बेहद गंभीर बात कही—
“इतनी बड़ी भूमि, जो पूरी तरह SEBI की कस्टडी में थी, उसे बेचने के लिए खरीदार कंपनी NUMAX को कानूनन अनुमति लेनी थी और बिक्री से प्राप्त पूरा पैसा SEBI के खाते में जमा कराना था। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में स्पष्ट रूप से दर्ज है, लेकिन यहां न अनुमति ली गई, न पैसा जमा कराया गया।”
उनका कहना है कि Sahara land scam Muzaffarnagar सिर्फ जमीन खरीद-बिक्री का मामला नहीं, बल्कि यह एक अत्यंत संगठित वित्तीय अनियमितता है जिसमें सरकारी आदेशों की अनदेखी की गई और करोड़ों रुपये की मानिटरिंग से बचने की कोशिश हुई।
NUMAX पर बड़ा सवाल—2025 में नक्शा पास, जबकि 2023 में ही प्लॉट बेच दिए गए!
आरोप है कि NUMAX कंपनी ने 2025 में जाकर इंटीग्रेटेड सिटी का नक्शा पास कराया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि कई प्लॉट 2023 में ही ग्राहकों को बेच दिए गए थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि—
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प्लॉट बिक्री खुलेआम की गई
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रजिस्ट्री के नाम पर अलग-अलग दस्तावेज ग्राहकों को दिए गए
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जमीन की वास्तविक स्थिति और SEBI की गिरवी स्थिति का कई लोगों को पता ही नहीं था
इससे evident होता है कि Sahara land scam Muzaffarnagar में न केवल सरकारी अनुमति का अभाव था, बल्कि “पहले बेचो, बाद में नक्शा पास कराओ” जैसा खतरनाक मॉडल अपनाया गया।
Muzaffarnagar Land Scam Allegation 🚨
RTI एक्टिविस्ट विकास बालियान का आरोप—SEBI के पास गिरवी सहारा की 1300 बीघा जमीन बिना अनुमति ₹100 करोड़ में बेच दी गई।
NUMAX पर भी आरोप—1000 करोड़ की जमीन 50 करोड़ में 600 बीघा खरीद, SEBI को न सूचना, न भुगतान।
बड़ा सवाल: ₹100 करोड़ गया कहाँ?… pic.twitter.com/gCDxQVUqYd— News & Features Network | World & Local News (@newsnetmzn) November 26, 2025
देहरादून निवासी आनंद बिष्ट की भूमिका—‘ऑथराइज्ड सिग्नेचरी’ बनकर कर दिए सभी बैनामे
इस पूरे विवाद में एक और नाम सामने आता है—
देहरादून निवासी आनंद बिष्ट, जिन्हें सहारा समूह की कई सेल कंपनियों में ऑथराइज्ड सिग्नेचरी बनाया गया।
विकास बालियान का कहना है कि—
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बिष्ट ने कई बैनामा दस्तावेज़ तैयार किए
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उन्हीं के हस्ताक्षरों से लाखों वर्गमीटर भूमि का लेनदेन हुआ
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यह सब SEBI को बताए बिना किया गया
ऐसे में यह सवाल और गहरा हो जाता है कि आखिर कौन-सी शक्तियाँ इतनी बड़ी जमीन को गिरवी स्थिति में होने के बावजूद बेचने में सफल हो गईं।
2013 में SEBI के पास गिरवी रखे जाने पर जमीन की कीमत थी 307 करोड़ — फिर 2023 में यह 100 करोड़ में कैसे बिक गई?
दस्तावेज़ बताते हैं कि सहारा समूह की 212.51 एकड़ जमीन (लगभग 1300 बीघा) को 2013 में SEBI के पास गिरवी रखा गया था।
उस समय इसकी कीमत 307 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
लेकिन आरोपों के अनुसार, वही जमीन 2023 में केवल 100 करोड़ में बेच दी गई।
यही नहीं, आरोप है कि—
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बिक्री की जानकारी SEBI को नहीं दी गई
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बिक्री से प्राप्त राशि SEBI में जमा नहीं की गई
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खरीदार कंपनी ने जमीन का मूल्यांकन वास्तविक बाजार भाव के आधार पर नहीं कराया
इस प्रकार Sahara land scam Muzaffarnagar सिर्फ अवैध बिक्री ही नहीं, बल्कि जमीन की कीमत को कृत्रिम रूप से कम दिखाने का भी मामला बनता दिखाई देता है।
100 करोड़ रुपये आखिर गए कहाँ? हवाला से जुड़े सवालों ने बढ़ाई चिंता
सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक सवाल यही है—
उस 100 करोड़ रुपये का क्या हुआ, जो जमीन बिक्री के दौरान लिया गया?
आरोपों के मुताबिक:
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राशि को किसी आधिकारिक खाते में जमा नहीं किया गया
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न SEBI के पास इसका रिकॉर्ड है
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न किसी सरकारी एजेंसी को इस लेनदेन की सूचना दी गई
इसी कारण हवाला जैसे अवैध वित्तीय चैनलों की आशंका सामने आई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पैसा कई हिस्सों में तोड़ा गया और अलग-अलग माध्यमों से भेजा गया, ताकि इसकी निगरानी न हो सके।
NUMAX की इंटीग्रेटेड सिटी—क्या लोगों को बिना जानकारी के ‘गिरवी जमीन’ पर बेच दिए प्लॉट?
रियल एस्टेट खरीदारों में इस विवाद के बाद चिंता बढ़ गई है।
कई ग्राहक अपने प्लॉट दस्तावेज़ लेकर संबंधित दफ्तरों में दौड़ लगा रहे हैं कि आखिर जमीन की कानूनी स्थिति क्या है?
RTI एक्टिविस्टों का कहना है कि—
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कई खरीदारों को इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि जमीन SEBI के पास गिरवी है
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उन्हें मार्केटिंग के दौरान गलत जानकारी दी गई
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इंटीग्रेटेड सिटी को ‘प्रोजेक्ट ऑफ़ द फ्यूचर’ बताकर हजारों लोगों को आकर्षित किया गया
यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह हजारों परिवारों को प्रभावित कर सकता है।
क्या प्रशासन अब जागेगा? हाई-लेवल जांच की मांग तेज
विकास बालियान ने प्रशासन से मांग की है कि Sahara land scam Muzaffarnagar की हाई-लेवल जांच हो—
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SEBI से अनुमति क्यों नहीं ली गई?
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100 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा कहाँ है?
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प्लॉट खरीदने वाले लोगों के साथ क्या हुआ?
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सहारा की बकाया राशि चुकाने का क्या तरीका अपनाया गया?
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क्या स्थानीय अधिकारियों को जानकारी थी?
RTI कार्यकर्ता कहते हैं कि यह मामला उत्तर भारत के सबसे बड़े भूमि घोटालों में से एक बन सकता है और इसे नज़रअंदाज़ करना जनता और निवेशकों के साथ अन्याय होगा।
Muzaffarnagar में उठे इस बड़े आरोप ने पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल पैदा कर दी है। SEBI के पास गिरवी 1300 बीघा जमीन पर इंटीग्रेटेड सिटी बसाए जाने और 100 करोड़ रुपये के लेनदेन में पारदर्शिता न होने से सवाल और गहरे हो गए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और जांच एजेंसियाँ इस प्रकरण पर क्या कदम उठाती हैं और क्या खरीदारों तथा जनता को न्याय मिल पाएगा।
यह समाचार RTI एक्टिविस्ट विकास बालियान द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पर आधारित है। NUMAX से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका। प्रस्तुत विवरण केवल जन-जागरूकता के उद्देश्य से हैं, और किसी भी दावे, विवाद या सटीकता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं। यदि संबंधित पक्ष की आधिकारिक प्रतिक्रिया प्राप्त होती है, तो सामग्री को आवश्यकतानुसार अद्यतन किया जाएगा।
