मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)जिले के समर्पित और कर्मठ जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार द्वितीय का हापुड़ स्थानांतरण होने के बाद एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस विदाई समारोह में उनके कार्यकाल को लेकर उन्हें ढेर सारी सराहनाएं और शुभकामनाएं दी गईं। जिला न्यायाधीश के कार्यों और उनके योगदान को लेकर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन और सिविल बार एसोसिएशन ने एकत्र होकर उनके सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। यह समारोह कचहरी प्रांगण में स्थित डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के फैन्थम हॉल में हुआ, जहां उनके योगदान को लेकर चर्चा की गई और उन्हें विदाई दी गई।

विदाई समारोह में सम्मानित किया गया

समारोह की शुरुआत डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ठा. कंवरपाल सिंह और महासचिव चन्द्रवीर निर्वाल द्वारा जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार द्वितीय का स्वागत करते हुए उन्हें माल्यार्पण और मोमेंटो देकर किया गया। यह कार्यक्रम उस समय कानूनी जगत के लिए विशेष महत्व रखता था, क्योंकि डॉ. अजय कुमार द्वितीय का कार्यकाल कानूनी क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय योगदान के कारण यादगार बना।

अधिवक्ताओं द्वारा की गई सराहना

समारोह में उपस्थित सभी प्रमुख अधिवक्ताओं ने डॉ. अजय कुमार द्वितीय के कार्यों की सराहना की। महासचिव चन्द्रवीर निर्वाल ने कहा कि जिला न्यायाधीश का कार्यकाल न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बेहतरीन था, बल्कि उन्होंने अधिवक्ताओं और न्यायपालिका के संबंधों में भी सुधार किया। उनका यह योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। इसके साथ ही डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ठा. कंवरपाल सिंह ने भी जिला न्यायाधीश के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. अजय कुमार द्वितीय ने हमेशा बार और बैंच के बीच अच्छे रिश्ते बनाए रखने की कोशिश की और यही कारण है कि उनके कार्यकाल को इतना सराहा गया।

कोर्ट का अनुशासन और एडमिनिस्ट्रेशन की प्रशंसा

इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल जिन्दल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डॉ. अजय कुमार द्वितीय के कार्यकाल में कोर्ट का अनुशासन और कोर्ट परिसर का प्रशासन अत्यधिक सुसंगत और व्यवस्थित था। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था कानूनी क्षेत्र में एक आदर्श प्रस्तुत करती है, जिसे आने वाले वर्षों तक याद किया जाएगा। अदालतों का संचालन और उनके द्वारा बनाए गए कानूनों के तहत काम करने का तरीका आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है, और डॉ. अजय कुमार द्वितीय ने इसे बखूबी निभाया।

अधिवक्ताओं का मजबूत होना है न्यायपालिका की सफलता

इस अवसर पर जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार द्वितीय ने कहा कि “अधिवक्ता जितने मजबूत होंगे, न्यायपालिका उतनी ही मजबूत होगी।” यह वाक्य उनके कार्यकाल का सार प्रस्तुत करता है, जिसमें उन्होंने हमेशा न्यायिक प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि एक मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका ही समाज में न्याय का सही वितरण सुनिश्चित कर सकती है, और इसके लिए अधिवक्ताओं का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सैकड़ों अधिवक्ताओं की उपस्थिति

समारोह में सैकड़ों अधिवक्ता और कानूनी क्षेत्र से जुड़े लोग मौजूद थे, जिन्होंने डॉ. अजय कुमार द्वितीय के कार्यकाल को लेकर अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्तियों में पूर्व अध्यक्ष प्रमोद त्यागी, अनिल जिन्दल, पूर्व महासचिव सुरेन्द्र मलिक, जितेन्द्र कुमार, प्रदीप मलिक, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार मित्तल, महासचिव राजेंद्र सिंह रावत, ठा. देवेन्द्र, ठा. दुष्यन्त सिंह, नरेश चन्द्र त्यागी, प्रेमदत्त त्यागी, एम.के. राठौर, उदयवीर पौरिया और समस्त कार्यकारिणी सदस्य शामिल थे।

जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार द्वितीय का कार्यकाल

डॉ. अजय कुमार द्वितीय के कार्यकाल को कानूनी दृष्टिकोण से कई उल्लेखनीय कार्यों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने अदालतों में कामकाजी प्रक्रियाओं को तेज करने और मामलों के निपटारे की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट परिसर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में, न्यायालय ने उन मामलों में तेजी से सुनवाई की, जो समाज के लिए संवेदनशील थे।

उनके स्थानांतरण के बाद, यह समारोह एक समय था जब सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके द्वारा किए गए कार्यों को सलाम किया। उनका योगदान न केवल मुजफ्फरनगर जिले, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के न्यायिक क्षेत्र में अहम रहेगा। डॉ. अजय कुमार द्वितीय ने हमेशा अपनी ईमानदारी, समर्पण और कड़ी मेहनत से न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में सुधार की कोशिश की।

आगामी दिशा और नए जिला न्यायाधीश

हापुड़ में स्थानांतरण के बाद अब डॉ. अजय कुमार द्वितीय एक नई जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। उनकी नीतियों और कार्यों से प्रेरित होकर भविष्य में अन्य न्यायधीश भी उनके कदमों का पालन करेंगे। हालांकि, उनके स्थानांतरण के साथ मुजफ्फरनगर में एक नई दिशा का आगमन होगा, जिसमें न्यायिक प्रक्रिया में और भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।

इस विदाई समारोह ने यह साबित कर दिया कि एक न्यायधीश का कार्यकाल केवल कानूनी फैसले तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह समाज की न्यायिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए एक प्रेरणा बनता है। उनका योगदान न केवल न्यायपालिका के लिए, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए लाभकारी रहा है।

समारोह में मौजूद सभी व्यक्तियों ने डॉ. अजय कुमार द्वितीय के उज्जवल भविष्य की कामना की और साथ ही यह भी उम्मीद जताई कि हापुड़ में उनका योगदान उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा, जितना मुजफ्फरनगर में था। यह विदाई समारोह एक यादगार पल बन गया, जो जिले के कानूनी इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज रहेगा।

 



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