शनिवार की देर रात Muzaffarnagar -मेरठ रोड स्थित टिहरी आयरन एंड स्टील कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड में उस वक्त हड़कंप मच गया जब फैक्ट्री के फ्यूल टैंक में अचानक आग भड़क उठी।
देखते ही देखते आग ने पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया और आसमान में धुएं का घना गुबार छा गया।

रात करीब 11:30 बजे शुरू हुई यह आग इतनी भयावह थी कि आसपास के इलाकों में भी लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सूजडू गांव स्थित 66 केवी बिजलीघर के पास यह हादसा हुआ। सौभाग्य से किसी की जान नहीं गई, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन के अनुसार लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।


दमकल विभाग ने दिखाई बहादुरी, तीन घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया

आग की सूचना मिलते ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) अनुराग सिंह और फायर स्टेशन अधिकारी (FSO) आर.के. यादव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
दमकल विभाग की दो बड़ी फायर टैंकरें तत्काल घटनास्थल पर पहुंचाई गईं और युद्धस्तर पर आग बुझाने का कार्य शुरू हुआ।

एफएसओ आर.के. यादव ने बताया कि –

“आग लगते ही तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। फ्यूल टैंक तक पहुंचना बेहद मुश्किल था क्योंकि लपटें बहुत तेज़ थीं। हमारे फायरकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाया।”

करीब तीन घंटे की लगातार मशक्कत के बाद आग को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया।
दमकलकर्मियों की तत्परता और साहस से एक बड़ा औद्योगिक हादसा टल गया।


फैक्ट्री के फ्यूल टैंक से उठे धमाके जैसे आवाज़ें, कर्मचारियों में भगदड़

घटना के वक्त फैक्ट्री परिसर में कुछ कर्मचारी मौजूद थे।
जैसे ही फ्यूल टैंक से धमाके जैसी आवाज़ें आईं, कर्मचारी घबराकर बाहर भागने लगे।
कई ने तुरंत पुलिस और फायर विभाग को सूचना दी।

आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे, लेकिन सुरक्षा कारणों से किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया।
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वह दूर से ही धधकती दिखाई दे रही थीं।


शॉर्ट सर्किट से लगी आग की संभावना, जांच के निर्देश जारी

प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री के फ्यूल स्टोरेज टैंक में शॉर्ट सर्किट से आग लगी।
हालांकि, फॉरेंसिक टीम और बिजली विभाग को जांच के लिए बुलाया गया है ताकि सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।

सीएफओ अनुराग सिंह ने बताया कि –

“आग लगने का वास्तविक कारण जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल ऐसा प्रतीत होता है कि फ्यूल पंप के नजदीक किसी विद्युत खराबी से चिंगारी निकली होगी।”


औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फ्यूल टैंक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त फायर प्रोटेक्शन सिस्टम, अलार्म और सेफ्टी ड्रिल्स का होना जरूरी है।

सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन को सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने और फायर सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही जिले की अन्य फैक्ट्रियों में भी फायर सेफ्टी जांच कराने का निर्णय लिया गया है।


फायर विभाग का साहसिक प्रयास बना चर्चा का विषय

दमकलकर्मियों ने जिस तरह रातभर मेहनत कर आग पर काबू पाया, उसकी पूरे जिले में सराहना हो रही है।
लोग सोशल मीडिया पर फायर टीम की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं।

फायर विभाग के एक अधिकारी ने बताया —

“अगर आग फैल जाती तो आस-पास के बिजलीघर और अन्य फैक्ट्रियों को भी खतरा हो सकता था। समय पर नियंत्रण पाने से बड़ी तबाही टल गई।”


प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा, फैक्ट्री प्रबंधन को सख्त निर्देश

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने नुकसान का जायजा लिया और फैक्ट्री प्रबंधन को अग्नि सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करने का आदेश दिया।

एसपी सिटी और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और सुरक्षा का निरीक्षण किया।
प्रशासन ने कहा कि दोषी पाए जाने पर लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


स्थानीय लोगों ने जताई चिंता – “ऐसी घटनाएं बार-बार न हों”

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की कमी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
लोगों ने मांग की कि जिला प्रशासन नियमित रूप से फायर सेफ्टी ड्रिल और निरीक्षण करे ताकि भविष्य में कोई बड़ी त्रासदी न हो।

कई लोगों ने दमकल विभाग की कार्यकुशलता की सराहना करते हुए कहा कि अगर फायरकर्मी समय पर नहीं पहुंचते, तो यह हादसा विनाशकारी रूप ले सकता था।


फैक्ट्री में नुकसान का आकलन जारी, बीमा कंपनी को भी दी गई सूचना

फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया कि आग से कच्चा माल, फ्यूल टैंक, मशीनरी और विद्युत उपकरणों को भारी नुकसान हुआ है। बीमा कंपनी को सूचित कर दिया गया है और नुकसान का आकलन जल्द शुरू किया जाएगा।प्रबंधन ने कहा कि वे सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने के लिए कदम उठाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी कोई दुर्घटना न हो।


मुजफ्फरनगर-मेरठ रोड पर टिहरी आयरन एंड स्टील कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड में लगी आग ने प्रशासन और उद्योग जगत दोनों को चेतावनी दी है।
दमकल विभाग की बहादुरी से बड़ी त्रासदी टल गई, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि औद्योगिक क्षेत्रों में फायर सेफ्टी नियमों का पालन और नियमित निरीक्षण अब अनिवार्य है।
मुजफ्फरनगर के फायर ब्रिगेड की तत्परता और कर्मठता ने जिले को एक बड़ा हादसा झेलने से बचा लिया।

 



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