Muzaffarnagar drug protest ने मंगलवार को जिला मुख्यालय का माहौल गर्म कर दिया, जहाँ शिवसेना और क्रांतिसेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश और प्रदर्शन दिखाया। कार्यकर्ताओं ने नशीले पदार्थों के बढ़ते कारोबार और युवाओं को बर्बाद करने वाले इस सुनियोजित षड्यंत्र के खिलाफ जिला प्रशासन के सामने एक ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
जोरदार जुलूस और नारेबाजी के साथ हुआ प्रदर्शन का आगाज
यह प्रदर्शन शिवसेना के मंडल अध्यक्ष शरद कपूर और जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा के नेतृत्व में हुआ। कार्यकर्ता पहले पार्टी कार्यालय पर एकत्रित हुए, जहाँ से उन्होंने एक जोरदार जुलूस निकाला। यह जुलूस शहर के मुख्य मार्गों, कोर्ट रोड, शिव चौक और झांसी की रानी रोड से होता हुआ जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचा। पूरे रास्ते कार्यकर्ताओं ने “ड्रग्स माफिया के खिलाफ जंग छेड़ दो”, “युवाओं को बचाओ, देश बचाओ” और “नशे की बिक्री बंद करो” जैसे मुखर नारों से अपना गुस्सा जाहिर किया।
ज्ञापन में उठाए गए गंभीर आरोप, जनपद बना ड्रग्स का गढ़
जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में शिवसेना नेताओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर जनपद ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि शक्तिशाली लोगों के संरक्षण में गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले और गाँव-गाँव में नशीली दवाएं और इंजेक्शन खुलेआम बेचे जा रहे हैं, जिसके कारण युवाओं और बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। शहर की सड़कों और गाँव की चौपालों पर नशे में धुत लोगों का देखा जाना एक आम बात हो गई है।
नए बेरोजगारों को फंसाने की सुनियोजित साजिश का खुलासा
ज्ञापन में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह किया गया कि ड्रग्स माफिया एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत काम कर रहा है। वे नए-नए बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाते हैं और मिलीभगत से उनके नाम पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बनवा देते हैं। इसके बाद, वे उस लाइसेंस को महज 5-7 हजार रुपए monthly किराए पर लेकर उसी स्टोर से नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार शुरू कर देते हैं। जब कभी छापा पड़ता है, तो लाइसेंस धारक बेरोजगार युवक पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है, जबकि असली माफिया अपने पैश और पावर के दम पर बच निकलता है।
नारकोटिक्स विभाग पर लगाया गंभीर आरोप
शिवसेना नेताओं ने नारकोटिक्स विभाग पर भी कागजी खानापूर्ति और सेटिंग का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विभाग सिर्फ छोटे मुर्गों को पकड़कर अपनी ड्यूटी पूरी समझ लेता है, जबकि बड़े माफिया अपने रसूख के बल पर फरार रहते हैं। कई बार छापेमारी की जाती है, लेकिन कार्रवाई की इतिश्री हो जाती है।
प्रशासन को दी गई सख्त चेतावनी
नेताओं ने प्रशासन को एक सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ड्रग्स माफिया के खिलाफ त्वरित और ठोस कार्रवाई नहीं की गई और जेलों में बंद बेरोजगार युवकों की रिहाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई, तो पार्टी अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देगी। साथ ही, उन्होंने धमकी दी कि वे खुद ही ड्रग्स माफिया के ठिकानों के ताले बंद कर देंगे।
मौजूद रहे प्रमुख नेता और कार्यकर्ता
इस बड़े प्रदर्शन में शिवसेना और क्रांतिसेना के सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। जिनमें प्रमोद अग्रवाल, देवेंद्र चौहान, ओंकार पंडित, मंगतराम सोनकर, नरेंद्र ठाकुर, अमित गुप्ता, योगेंद्र सैनी, उज्ज्वल पंडित समेत कई अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे, जिन्होंने प्रशासन के सामने अपनी मांगों को जोरशोर से रखा।
मुजफ्फरनगर का यह प्रदर्शन सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में फैली एक बड़ी बुराई के खिलाफ उठती आवाज है। ड्रग्स की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि अब केवल पुलिसिया छापेमारी से काम नहीं चलेगा। इसके लिए एक समग्र सामाजिक जागरूकता और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की दृढ़ता की जरूरत है। शिवसेना की यह चेतावनी प्रशासन के लिए एक अल्टीमेटम है कि वह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इन माफियाओं के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़े, नहीं तो स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है। आने वाले दिनों में प्रशासन की कार्रवाई ही तय करेगी कि यह आग और कितनी फैलती है।
