Muzaffarnagarजिले के पथरौली ब्लॉक के गाँव खाना मटरा रोडन में देर रात आसमान से बरसी आफत ने एक मजदूर परिवार को सड़क पर ला दिया। मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाले सरेश पुत्र धर्मपाल का कच्चा घर तेज बारिश की मार झेल नहीं सका और देखते ही देखते भरभराकर ढह गया।

सबसे राहत की बात यह रही कि हादसे के वक्त घर के अंदर मौजूद सरेश, उनकी पत्नी और चारों बच्चे समय रहते बाहर निकल गए, वरना मलबे में दबकर कोई बड़ी त्रासदी हो सकती थी।


बारिश ने तोड़ी दीवारें, मलबे में दबा सामान
गाँव वालों के अनुसार, बारिश इतनी तेज थी कि कच्ची दीवारें पूरी तरह भीगकर कमजोर हो गईं। छत पर सीमेंट की चादर होने के बावजूद दीवारों का संतुलन बिगड़ गया और अचानक ढहने से घर के अंदर रखा सारा सामान मलबे के नीचे दब गया।

घटना के बाद परिवार ने पूरी रात पड़ोसियों के घर में शरण ली। सरेश का कहना है कि वह रोज़ाना मजदूरी करके किसी तरह अपने चार बच्चों—दो बेटे और दो बेटियों—का पालन-पोषण करते हैं। अब घर टूट जाने से उनके सामने सबसे बड़ी समस्या सिर छुपाने की जगह की है।


गाँव में उमड़ी सहानुभूति, नेताओं ने लिया संज्ञान
घटना की खबर मिलते ही भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता बृजेंद्र शर्मा मौके पर पहुँचे और परिवार का हालचाल लिया। उन्होंने नुकसान का जायजा लेने के बाद एसडीएम से पीड़ित को तत्काल मुआवजा देने की मांग की। बृजेंद्र शर्मा ने कहा कि यह घटना सरकार के राहत तंत्र की परीक्षा है और गरीब परिवार को जल्द मदद मिलनी चाहिए।

इसी दौरान गाँव के प्रधान सरपंच और जिला पंचायत सदस्य विकास शर्मा भी पहुंचे। उन्होंने हालात देखकर तुरंत प्रशासन से संपर्क किया। विकास शर्मा ने बताया कि एसडीएम ने पीड़ित परिवार के लिए राहत राशि और मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।


मानसून में कच्चे घरों पर बढ़ा खतरा
गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि इस तरह के हादसे मानसून में अक्सर होते हैं, खासकर उन घरों में जिनकी दीवारें कच्ची या पुरानी हैं। बारिश के लगातार दबाव से दीवारों की मिट्टी ढीली पड़ जाती है और थोड़ी सी तेज हवा या पानी से पूरा ढांचा गिर सकता है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों परिवार इस तरह के हादसों से प्रभावित होते हैं। ऐसे में समय पर राहत और पुनर्वास बेहद जरूरी हो जाता है।


प्रशासन की ओर से राहत का आश्वासन
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि घटना की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और मुआवजा प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। एसडीएम ने गांव वालों को भरोसा दिया कि पीड़ित परिवार को न केवल आर्थिक मदद दी जाएगी, बल्कि अस्थायी तौर पर सुरक्षित ठिकाना भी उपलब्ध कराया जाएगा।


गाँव में बारिश का कहर, लोगों में दहशत
तेज बारिश के कारण आसपास के इलाकों में भी कई जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है। किसानों की खड़ी फसलें पानी में डूबने लगी हैं। गाँव के लोग इस बात से डरे हुए हैं कि अगर बारिश का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, तो और भी घर व खेत प्रभावित हो सकते हैं।


मुज़फ्फरनगर के पथरौली ब्लॉक की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय गरीब और कमजोर वर्ग कितनी बड़ी मार झेलते हैं। तेज बारिश ने इस परिवार से उनका आशियाना छीन लिया, लेकिन समय रहते बाहर निकलने से उनकी जान बच गई। अब पूरा गाँव उम्मीद लगाए बैठा है कि प्रशासन जल्द राहत पहुँचाकर इनकी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाएगा।



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