मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) – जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र में रविवार देर रात दिल्ली–देहरादून नेशनल हाईवे (NH-58) पर एक भीषण सड़क हादसे में तमिलनाडु के दो युवा इंजीनियरों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों इंजीनियर अपनी मोटरसाइकिल से मुजफ्फरनगर लौट रहे थे, तभी पीछे से आ रहे एक अज्ञात ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, जबकि दोनों इंजीनियरों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
घटना की सूचना पर मंसूरपुर थाना प्रभारी आनंद देव मिश्रा मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। हादसे के बाद क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
तेज रफ्तार ट्रक ने मचाया कहर – बाइक के उड़े परखच्चे, मौके पर मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा धौला पुल के पास हुआ। दिल्ली–देहरादून हाईवे पर तेज रफ्तार में आ रहे ट्रक ने आगे चल रही बाइक को पीछे से इतनी जोरदार टक्कर मारी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। दोनों सवार सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए और ट्रक उन्हें कुचलता हुआ निकल गया।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मंसूरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को मॉर्चरी भिजवाया। पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद आरोपी चालक ट्रक सहित फरार हो गया और उसकी तलाश के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
मृतकों की पहचान – अविनेश और माधव, दोनों तमिलनाडु के निवासी और युवा इंजीनियर
थाना प्रभारी आनंद देव मिश्रा ने बताया कि मृतकों की पहचान अविनेश (26 वर्ष) पुत्र शंकर, निवासी तिरुपुर (तमिलनाडु) और माधव रामानुजन (29 वर्ष) पुत्र पार्थसिरदी, निवासी तिरुनेलवेली (तमिलनाडु) के रूप में हुई है। दोनों पिछले तीन वर्षों से मुजफ्फरनगर जिले में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेलवे लाइन परियोजना में कार्यरत थे।
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अविनेश एक टेस्टिंग इंजीनियर के पद पर थे,
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जबकि माधव रामानुजन साइट इंजीनियर के रूप में कार्य कर रहे थे।
दोनों इंजीनियर मुजफ्फरनगर की नई मंडी भरतिया कॉलोनी में किराए के मकान में रहते थे और प्रतिदिन मंसूरपुर से भरतिया कॉलोनी के बीच अपनी मोटरसाइकिल से आवागमन करते थे।
रविवार रात भी दोनों अपना दिनभर का कार्य पूरा कर बाइक से अपने कमरे लौट रहे थे, जब यह भयावह हादसा हुआ।
एक विवाहित, दूसरा अविवाहित – दोनों परिवारों में पसरा मातम
सूत्रों के अनुसार, मृतक माधव रामानुजन विवाहित थे, जबकि अविनेश अविवाहित थे। दोनों के परिवार तमिलनाडु में रहते हैं और हादसे की खबर सुनकर गहरे सदमे में हैं। पुलिस ने दोनों के परिजनों को सूचना दे दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, हादसे की जानकारी उन्हें एक स्थानीय उद्यमी ने दी थी, जो अयोध्या से दर्शन कर दिल्ली होते हुए मुजफ्फरनगर लौट रहे थे। उन्होंने हाईवे किनारे पड़े शवों को देखा और तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को सूचना दी।
ट्रक चालक फरार, पुलिस ने शुरू की जांच – सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं
मंसूरपुर थाना प्रभारी आनंद देव मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने आसपास के इलाकों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त कर ली है ताकि आरोपी ट्रक और उसके चालक की पहचान की जा सके।
उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद और गंभीर मामला है। फरार ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश के लिए टीम गठित की गई है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।”
रेलवे परियोजना विभाग में शोक की लहर – सहकर्मियों ने जताया दुख
दोनों इंजीनियरों की मृत्यु की खबर से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मियों ने बताया कि दोनों न केवल मेहनती बल्कि अत्यंत ईमानदार और जिम्मेदार इंजीनियर थे।
एक सहकर्मी ने बताया,
“अविनेश और माधव दोनों ही तकनीकी रूप से बेहद दक्ष थे। वे प्रोजेक्ट की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे। उनकी अचानक हुई मृत्यु से परियोजना को भी गहरा आघात पहुंचा है।”
परियोजना अधिकारियों ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग की ओर से मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
मुजफ्फरनगर में बढ़ते हादसों पर उठे सवाल – प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग
यह हादसा एक बार फिर एनएच-58 पर सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दिल्ली–देहरादून हाईवे पर भारी वाहनों की रफ्तार पर कोई नियंत्रण नहीं है। कई जगहों पर स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं, जिससे रात के समय दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
ग्रामीणों ने मांग की कि हाईवे पर कैमरा निगरानी, स्पीड कंट्रोल ज़ोन और नाइट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है। तमिलनाडु से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने कार्यस्थल पर समर्पण से काम कर रहे दो युवा इंजीनियरों की मौत ने पूरे जिले को झकझोर दिया है। पुलिस अब आरोपी ट्रक चालक की तलाश में जुटी है, जबकि मृतकों के परिजन अपने बच्चों की अंतिम झलक के इंतजार में हैं।
