Muzaffarnagar/बुढ़ाना।
उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब थाना बुढ़ाना पुलिस ने गन्ने के खेत में चल रही दिनदहाड़े गौकशी को रोकने के लिए छापेमारी की, लेकिन आरोपियों ने पुलिस पर ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो शातिर बदमाश घायल हो गए, जबकि तीसरे को पुलिस ने घेराबंदी कर मौके पर ही दबोच लिया।

पुलिस ने मौके से एक जीवित बछड़ा, गौकशी के धारदार उपकरण और तीन तमंचे बरामद किए हैं। यह मुठभेड़ न केवल कानून-व्यवस्था की सख्ती को दर्शाती है, बल्कि उन गैंगों के लिए चेतावनी भी है, जो गौकशी जैसे अवैध और संवेदनशील अपराधों में लिप्त हैं।


गुप्त सूचना ने बचाई एक और बड़ी वारदात
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को उपनिरीक्षक ललित कुमार अपनी टीम के साथ बुढ़ाना-दृकांधला मार्ग पर नियमित गश्त कर रहे थे। इसी दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि एचपी गैस गोदाम से जाने वाले रास्ते पर, राहिल क्रिकेट ग्राउंड के पास स्थित गन्ने के खेत में कुछ लोग गौकशी कर रहे हैं।

पुलिस दल ने जैसे ही खेत में प्रवेश किया, वहां मौजूद बदमाशों ने गोलियां चला दीं। पुलिस ने भी तुरंत पोज़िशन लेकर जवाबी फायरिंग की, जिससे रहीश पुत्र मोहम्मद उमर निवासी लुहसाना रोड, बुढ़ाना और नौशाद पुत्र सगीर निवासी सम्भलहेड़ा, मीरापुर घायल हो गए। तीसरे आरोपी मूसा पुत्र जमरूद निवासी जौला, बुढ़ाना को पुलिस ने जंगल में घेरकर गिरफ्तार कर लिया।


घटना स्थल पर आला अधिकारी भी पहुंचे
मुठभेड़ की खबर मिलते ही सीओ बुढ़ाना गजेन्द्र पाल सिंह और प्रभारी निरीक्षक आनंद देव मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मुठभेड़ स्थल का निरीक्षण किया और कहा कि यह पुलिस की सतर्कता का नतीजा है कि गौकशी की घटना को समय रहते रोका जा सका।

सीओ ने यह भी बताया कि आरोपी न केवल दिनदहाड़े गौकशी की कोशिश कर रहे थे, बल्कि पुलिस पर हमला कर बच निकलने की फिराक में भी थे। यह कार्रवाई कानून व्यवस्था के प्रति राज्य की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का प्रमाण है।


पुलिस टीम की बहादुरी
गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों के नाम भी महत्वपूर्ण हैं। प्रभारी निरीक्षक बुढ़ाना आनंद देव मिश्र के नेतृत्व में उपनिरीक्षक ललित कुमार, संदीप कुमार, छविकान्त सिंह, अभिषेक चौधरी, आशीष चौधरी, शुभम सिंह, हेड कांस्टेबल अमित कुमार, मनोज कुमार, राजीव गिरी, संजय कुमार, नीरज त्यागी, सुनील कुमार और कांस्टेबल गौरव पुनिया ने इस ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई।

स्थानीय ग्रामीणों ने भी पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।


गौकशी मामलों में यूपी में बढ़ रही सख्ती
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में गौकशी और अवैध पशु तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए कई सख्त कानून लागू किए हैं। पुलिस और एसटीएफ समय-समय पर ऐसे गैंग्स पर बड़ी कार्रवाई कर रही है।
राज्य के कई जिलों में पिछले एक साल में इस तरह की मुठभेड़ों में दर्जनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। गौकशी न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि इससे जुड़ी माफिया गतिविधियां कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौती हैं।


पशु संरक्षण कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त सजा
उत्तर प्रदेश में गौवध अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर सख्त जेल की सजा और भारी जुर्माना लगाया जाता है। इस मामले में भी पुलिस ने धारा 3/5/8 गौवध निवारण अधिनियम, आर्म्स एक्ट और पुलिस पर हमले के तहत धाराएं लगाई हैं।


जांच में और नाम आ सकते हैं सामने
सूत्रों का मानना है कि पकड़े गए आरोपी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं, जो मुज़फ्फरनगर, शामली और मेरठ के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय है। पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिससे और भी नाम सामने आ सकते हैं।


स्थानीय लोगों का आक्रोश और पुलिस की अपील
गांव के लोगों ने इस घटना के बाद प्रशासन से मांग की है कि गन्ने के खेतों में नियमित निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि इस तरह के अपराध दोबारा न हों। पुलिस ने भी जनता से अपील की है कि अगर किसी को गौकशी या पशु तस्करी की जानकारी मिले तो तुरंत थाने को सूचित करें।


मुज़फ्फरनगर में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून के खिलाफ जाने वालों के लिए पुलिस का रुख बेहद सख्त है। गौकशी जैसे संवेदनशील अपराध में लिप्त आरोपियों को न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि समय रहते घटना को अंजाम देने से भी रोका गया। यह कार्रवाई आने वाले समय में ऐसे अपराधियों के लिए एक मजबूत संदेश है कि कानून से खिलवाड़ करने की कीमत चुकानी पड़ेगी।



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