Muzaffarnagar  में पुलिस ने एक बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दिया है, जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी। दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन जैसे गंभीर आरोप लगाकर एक मासूम युवक से मोटी रकम वसूलने की गंदी चाल चली गई थी। लेकिन तेजतर्रार पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई कर इस जालसाजी का पर्दाफाश कर मुख्य साजिशकर्ताओं को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

जानकारी के अनुसार, पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देश पर, पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत के निकट पर्यवेक्षण में तथा क्षेत्राधिकारी नगर राजू कुमार साव और सहायक पुलिस अधीक्षक/थाना प्रभारी कोतवाली नगर राजेश गुनावत के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने बेहद पेशेवर तरीके से मामले की गहन जांच कर बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया।

पूरा मामला क्या था?

21 अप्रैल को एक युवती डोली पुत्री स्वर्गीय अमर सिंह निवासी ग्राम धनपुरा थाना पथरी, जनपद हरिद्वार ने कोतवाली नगर थाने में एक सनसनीखेज तहरीर दी। डोली ने आरोप लगाया कि बाबर पुत्र उम्मेद, निवासी गोपाली थाना देवबंद, जनपद सहारनपुर ने उसे मुजफ्फरनगर लाकर दुष्कर्म किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया।

तहरीर मिलते ही पुलिस हरकत में आई और मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। चूंकि मामला दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन से जुड़ा था, इसलिए उच्च अधिकारी खुद इसकी जांच में जुट गए।

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

जांच के दौरान क्षेत्राधिकारी नगर राजू कुमार साव और उनकी टीम ने हर पहलू को बारीकी से खंगाला। सर्विलांस सेल की मदद ली गई, घटनास्थल की जांच की गई और वादिया द्वारा दिए गए बयानों का गहनता से विश्लेषण किया गया।

जांच में यह सामने आया कि जिस दिन डोली ने घटना का दावा किया था, उस दिन वह मुजफ्फरनगर में मौजूद ही नहीं थी। बाबर के खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे और निराधार निकले।

साजिश की जड़ तक पहुंची पुलिस

आखिरकार पुलिस ने शाहनवाज उर्फ नवाज पुत्र शमशाद निवासी ग्राम दधेड़ू थाना चरथावल और सदाकत प्रधान पुत्र याकूब निवासी ग्राम बढ़ीवाला थाना छपार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान उनके कब्जे से 20 हजार रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ में सामने आया कि इन दोनों ने मिलकर पूरी साजिश रची थी।

सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि शाहनवाज, बाबर का सगा बहनोई निकला। उसने ही अपने साथी सदाकत के साथ मिलकर योजना बनाई थी कि बाबर से मोटी रकम वसूली जाए। इसके लिए उन्होंने डोली को अपने षड्यंत्र में शामिल किया और फर्जी दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन का मुकदमा दर्ज करवाया।

इस साजिश के तहत बाबर से कुल 1.25 लाख रुपये वसूले गए थे। पुलिस ने 20 हजार रुपये नकद बरामद कर लिए हैं, जबकि बाकी रकम की तलाश जारी है।

पुलिस ने दिखाई फुर्ती

थाना कोतवाली नगर पुलिस की टीम, जिसमें उपनिरीक्षक धर्मेंद्र श्योराण, कांस्टेबल विनीत और कांस्टेबल दिनेश कुमार शामिल थे, ने साहस और चतुराई का परिचय देते हुए दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया गया है और जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

डोली की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी

पुलिस अब इस पूरे षड्यंत्र में शामिल वादिया डोली की गिरफ्तारी के लिए भी तेजी से प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही डोली को भी कानून के शिकंजे में कसा जाएगा और पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

जिले में बढ़ी हलचल

इस सनसनीखेज मामले के उजागर होने के बाद जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। आम लोग इस बात को लेकर स्तब्ध हैं कि किस तरह दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन जैसे गंभीर आरोपों का दुरुपयोग कर निर्दोषों को फंसाया जा सकता है।

कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस की तत्परता और निष्पक्ष जांच की हर ओर सराहना हो रही है।

बड़े सवाल खड़े

इस मामले ने कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं:

  • फर्जी मुकदमे दर्ज कराने का गिरोह सक्रिय है या नहीं?

  • क्या और भी निर्दोष लोग ऐसी साजिशों के शिकार हो सकते हैं?

  • पुलिस को ऐसे मामलों में और सतर्कता बरतने की जरूरत है?

पुलिस का सतर्क संदेश

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्पष्ट संदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति यदि फर्जी मुकदमेबाजी में लिप्त पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनता से भी अपील की गई है कि कोई भी जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *