मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)आगामी पवित्र त्योहार अलविदा जुमा और ईद-उल-फितर के मद्देनजर मुजफ्फरनगर प्रशासन और पुलिस ने जिले में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। थाना खालापार में आयोजित एक विशेष शांति समिति बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने समाज के प्रतिष्ठित नेताओं और धर्मगुरुओं से सहयोग की अपील की, ताकि त्योहारों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
🔹 क्या हुआ बैठक में?
बैठक की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नरेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने की। इस दौरान उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने, प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने और किसी भी प्रकार की अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी।
- सड़कों पर न हो कोई अवैध आयोजन
- जुमा की नमाज शांतिपूर्वक अदा करें
- सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट न करें
- असामाजिक तत्वों की सूचना तुरंत पुलिस को दें
🔹 क्यों जरूरी है यह बैठक?
मुजफ्फरनगर का इतिहास कुछ ऐसी घटनाओं से भरा रहा है जहां सांप्रदायिक तनाव ने हिंसा को जन्म दिया। इसलिए, प्रशासन इस बार पूरी सख्ती के साथ काम कर रहा है। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति जो कानून-व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा, उसे कड़ी से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
🔹 क्या कहते हैं धर्मगुरु?
बैठक में शामिल कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि ईद का त्योहार खुशियां बांटने का मौका है, इसे किसी भी विवाद में न बदला जाए।
🔹 पुलिस की तैयारियां
- संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई गश्त
- सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है
- अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- CCTV कैमरों और ड्रोन से निगरानी
🔹 आम जनता से अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से भी सहयोग मांगा है:
- किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें
- धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें
- पुलिस हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें
🔹 क्या होगा अगर कोई हिंसा भड़काने की कोशिश करे?
पुलिस अधीक्षक ने साफ किया कि आपराधिक तत्वों के खिलाफ NSA और गैंगस्टर एक्ट जैसे कड़े कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
🔹 शांति ही सबसे बड़ी जीत
मुजफ्फरनगर प्रशासन और पुलिस की यह पहल साबित करती है कि कानून-व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। अगर सभी लोग जिम्मेदारी से काम लें, तो अलविदा जुमा और ईद खुशहाली और भाईचारे के साथ मनाए जा सकते हैं।