मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) में देर रात हुए एक दर्दनाक हादसे ने न केवल आमजन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि कानून व्यवस्था और पशु सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बेगराजपुर दूध फैक्ट्री के पास तड़के करीब 2 बजे एक तेज रफ्तार अज्ञात सफेद फॉर्च्यूनर कार ने एक बेजुबान नंदी को टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गई। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई और लोग भारी संख्या में घटनास्थल पर जमा हो गए।
घायल नंदी तड़पता रहा, लेकिन सौभाग्य से स्थानीय पुलिस को हादसे की सूचना मिल गई। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला और गंभीर रूप से घायल नंदी के लिए रेस्क्यू की व्यवस्था की। इस बीच, क्षेत्र के सक्रिय गौसेवक नीशू नवीन प्रणामी, अंकुर त्यागी और सचिन बिरला तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने अपने स्तर पर किराए के वाहन की व्यवस्था की और नंदी को कुकड़ा मंडी स्थित गौशाला ट्रीटमेंट सेंटर पहुंचाया, जहां उसका तत्काल उपचार शुरू हो सका।
पुलिस जुटी जांच में, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह साफ हो गया है कि जिस फॉर्च्यूनर कार से हादसा हुआ, वह बिना नंबर प्लेट के थी, जिससे वाहन की पहचान में मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है और जल्द ही आरोपी चालक की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।
स्थानीय थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि घटना की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित की गई है और गाड़ी की पहचान के लिए हाईवे और टोल प्लाजा की फुटेज को खंगाला जा रहा है। वहीं, पशु प्रेमियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों को कठोर दंड दिया जाए।
गौसेवकों की तारीफ, सोशल मीडिया पर वायरल हुई घटना
घायल नंदी को बचाने में जिस प्रकार नीशू नवीन प्रणामी, अंकुर त्यागी और सचिन बिरला ने तत्परता दिखाई, उसकी हर तरफ सराहना हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि समय पर मदद न मिली होती तो नंदी की जान बचना मुश्किल था। यह हादसा सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया है और लोग इन गौसेवकों की प्रशंसा करते नहीं थक रहे।
इससे पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहला मामला नहीं है जब इस क्षेत्र में इस तरह की घटना घटी हो। इससे पूर्व भी कई बार तेज रफ्तार वाहनों द्वारा पशुओं को टक्कर मारने की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इससे पशु संरक्षण कार्यकर्ताओं में रोष भी है।
स्थानीय प्रशासन ने इस बार आश्वासन दिया है कि इस घटना को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषी को जल्द पकड़ कर कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। वहीं, जिले के जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि हाईवे और मुख्य मार्गों पर पशु संकेतक बोर्ड लगाए जाएं और रात्रिकालीन निगरानी बढ़ाई जाए।
गंभीर स्थिति में भी बची जान: इलाज जारी
नंदी की हालत प्रारंभ में अत्यंत गंभीर बताई जा रही थी। उसके शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आई थीं, खासकर टांगों और कमर के पास। लेकिन गौशाला ट्रीटमेंट सेंटर में समय पर मिले उपचार के चलते अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर इसी तरह उपचार जारी रहा तो वह जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा।
क्या कहता है कानून?
भारतीय कानून के तहत किसी भी जानवर को जानबूझकर चोट पहुंचाना दंडनीय अपराध है। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस घटना ने प्रशासन और समाज दोनों को पशुओं की सुरक्षा को लेकर और अधिक सजग रहने की आवश्यकता का संकेत दिया है।
प्रशासन पर दबाव, जागरूकता की ज़रूरत
इस हादसे के बाद पशु अधिकार संगठनों ने भी अपनी आवाज बुलंद की है और प्रशासन से ऐसे इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने की मांग की है जहां पशु अक्सर सड़कों पर विचरण करते हैं। साथ ही जागरूकता अभियान चलाने की भी मांग की गई है ताकि लोग तेज रफ्तार वाहनों से चलने से पहले सावधानी बरतें।