Muzaffarnagar उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्वास्थ्य के नाम पर हो रहे सबसे बड़े धोखाधड़ी के खेल का पर्दाफाश करते हुए खालापार थाना पुलिस ने नकली हेल्थ सप्लीमेंट बनाने वाले गिरोह को पकड़ लिया है। पुलिस ने मौके से करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य का भारी मात्रा में सामान बरामद किया है। इसमें प्रोटीन पाउडर, कैप्सूल, खाली डिब्बे, पैकिंग मशीन, लेबल, स्टिकर और कैप्सूल फिलिंग मशीन शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स जैसे कि यूएसए, रशिया और अन्य विदेशी कंपनियों के नाम पर नकली सप्लीमेंट तैयार करता था। इन प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और लोकल मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।


मुखबिर की सूचना और पुलिस का छापा
खालापार थाना पुलिस को एक गुप्त मुखबिर से सूचना मिली कि इलाके में एक फैक्ट्री में नकली हेल्थ सप्लीमेंट बनाए जा रहे हैं। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा।

छापेमारी के दौरान आसिफ सैफी और जावेद नाम के दो सगे भाइयों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। दोनों किदवईनगर के निवासी हैं और पहले भी इसी तरह के अपराध में जेल जा चुके हैं।


गिरोह का काला कारोबार और तरीका
पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि उनके पास ‘हर्बल पावर फार्मास्यूटिकल्स’ के नाम से न्यूट्रास्यूटिकल और सप्लीमेंट मैन्युफैक्चरिंग का लाइसेंस है, लेकिन इसी लाइसेंस की आड़ में वे नकली प्रोडक्ट बनाते थे।

  • असली सप्लीमेंट जैसी पैकेजिंग बनाने के लिए महंगे प्रिंटर और स्टिकर मशीन का इस्तेमाल किया जाता था।

  • कच्चा माल सस्ते दाम पर खरीदकर उसमें रंग और फ्लेवर मिलाकर प्रोटीन पाउडर जैसा मिश्रण तैयार किया जाता था।

  • बाजार में कम प्रचलित लेकिन महंगे ब्रांड नामों के नकली रैपर तैयार कर उन्हें डिब्बों पर चिपका दिया जाता था।

  • एमआरपी (Maximum Retail Price) भी मनमानी तरीके से प्रिंट की जाती थी, ताकि ग्राहक को असली प्रोडक्ट जैसा लगे।

आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे हर महीने 15-20 लाख रुपये की कमाई करते थे और अब तक करीब 2 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुके हैं।


पुलिस की सख्त कार्रवाई
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने प्रेस वार्ता में बताया कि दोनों आरोपी पहले भी जेल जा चुके हैं। इस बार उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।
एसएसपी संजय वर्मा ने चेतावनी दी कि “स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस तरह का अपराध लोगों की जान जोखिम में डालता है और समाज के लिए बेहद खतरनाक है।”


स्वास्थ्य पर खतरा और जनता को चेतावनी
नकली हेल्थ सप्लीमेंट का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है — जैसे कि लीवर डैमेज, हार्ट प्रॉब्लम, हार्मोनल असंतुलन और किडनी फेलियर।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहकों को सप्लीमेंट खरीदते समय ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट या प्रमाणित स्टोर से ही खरीद करनी चाहिए और पैकेजिंग पर बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और QR कोड चेक करना चाहिए।


अपराध की चेन और जांच
पुलिस अब इस गिरोह के सप्लाई नेटवर्क और ग्राहकों की सूची खंगाल रही है। यह भी जांच की जा रही है कि इस नकली माल की सप्लाई किन-किन राज्यों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स तक पहुंची।
संभावना है कि गिरोह के तार बड़े शहरों और अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चैन से भी जुड़े हों।


गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम
इस ऑपरेशन में प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान के साथ उ0नि0 लोकेश कुमार गौतम, है.का. शिवओम भाटी, अनिल कुमार, का. रहाल कुमार, सोनू कुमार, राजीव कुमार, नीरज कुमार, जितेंद्र, गवेन्द्र थाना खालापार शामिल रहे।


मुजफ्फरनगर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि नकली हेल्थ सप्लीमेंट जैसे घातक अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून और त्वरित कार्रवाई जरूरी है। आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि सस्ते दाम और आकर्षक पैकेजिंग के पीछे छुपा जहर उनकी सेहत छीन सकता है।

 



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