मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) ।जिले के थाना पुरकाजी क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई जब पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने एक बड़े ड्रग्स तस्कर को धर दबोचा। इस कार्रवाई में पुलिस को बड़ी मात्रा में डोडा पोस्त, नकद रुपए और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। पुलिस ने यह छापा मुखबिर की सटीक सूचना पर धमात नहर पुल के पास डाला और वहां से अभियुक्त को धर दबोचा।

तस्करी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, ₹70 लाख का माल और ₹10 लाख कैश जब्त
गिरफ्तार आरोपी की पहचान जयदेव उर्फ सोनू पुत्र बलबीर गुर्जर के रूप में हुई है, जो हरियाणा के करनाल जिले के सालवन गांव का निवासी है। पुलिस को जयदेव के पास से 851.63 किलोग्राम डोडा पोस्त, एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा, तिरपाल और एक बैग में भरे ₹10,54,000 नकद मिले। इस भारी मात्रा में जब्त माल की कुल कीमत करीब ₹70 लाख बताई जा रही है।

कई राज्यों में फैला नेटवर्क, साथी फरार, कई मुकदमों में वांछित
पूछताछ में आरोपी जयदेव ने खुलासा किया कि वह अपने साथी बबली पुत्र बलबीर गुर्जर के साथ मिलकर यह कारोबार चला रहा था। बबली वर्तमान में फरार है और उसके खिलाफ थाना झिंझाना, असंध करनाल और रामराज में गंभीर आपराधिक धाराओं में मामले दर्ज हैं। पुलिस अब बबली की गिरफ्तारी के लिए कई राज्यों में दबिश दे रही है।

गठित हुई थी स्पेशल टीम, लोकेशन ट्रेस कर की गई रेड
एसएसपी संजय वर्मा के निर्देशन में बनी इस विशेष टीम में थाना पुरकाजी के थानाध्यक्ष जयवीर सिंह और एसओजी के अनुभवी अधिकारी शामिल थे। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत और सीओ सदर देववृत वाजपेयी के सुपरविजन में टीम ने कार्य किया और रेड की योजना बनाई गई। तकनीकी निगरानी, मोबाइल सर्विलांस और लोकेशन ट्रैकिंग से अभियुक्त को पकड़ा गया।

टीम में शामिल बहादुर अफसरों ने दिखाई दिलेरी
इस ऑपरेशन में थानाध्यक्ष जयवीर सिंह के साथ एसओजी सब इंस्पेक्टर अजय गौड़, उप निरीक्षक अखिल चौधरी, मोहित चौधरी, संजय सोलंकी, नवीन गौतम, विक्रम वीरेन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल जगदीश कुमार, जितेन्द्र त्यागी, जोगिन्द्र सिंह, ब्रहमप्रकाश, नितिन मलिक, गुरनाम सिंह, सचिन अत्री, तरूणपाल, विक्रांत चौधरी, कपिल तेवतिया, पिन्टू, सचिन कुन्तल और राहुल कुमार ने सक्रिय भूमिका निभाई।

नशे की जड़ें गहराई तक फैलीं, अंतरराज्यीय गिरोह की जांच तेज
पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब तक फैला हुआ है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी अन्य राज्यों से भी ड्रग्स की खेप मंगाता था और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में सप्लाई करता था। इस प्रकार के संगठित अपराध के पीछे कई और बड़े नाम हो सकते हैं, जिनकी पुलिस पहचान कर रही है।

ड्रग्स के साथ नगदी, इलेक्ट्रॉनिक कांटा और अन्य सामग्री ने खोले राज
इस छापेमारी में जो इलेक्ट्रॉनिक कांटा और तिरपाल मिले हैं, वे इस बात की ओर संकेत करते हैं कि यह एक पूरी संगठित व्यवस्था थी, जिसमें माल को तौलने, पैकिंग करने और बड़े स्तर पर डिस्ट्रीब्यूशन की व्यवस्था थी। ₹10 लाख से अधिक नकदी यह भी दर्शाती है कि यह धंधा कितना लाभकारी है और इसमें किस स्तर के लोग शामिल हो सकते हैं।

पुलिस की सतर्कता ने बचाई युवा पीढ़ी, तस्करों की अब खैर नहीं
एसएसपी ने प्रेस वार्ता में कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। ऐसे तत्वों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। समाज में नशे के जहर को फैलने नहीं दिया जाएगा। पुलिस की सतर्कता और मुखबिर तंत्र की सक्रियता ने इस बड़े मामले का खुलासा कर एक बड़ा खतरा टाल दिया है।

अधिकारियों ने किया ऐलान – अगला निशाना फरार आरोपी बबली और उसका नेटवर्क
अब पुलिस की नजर फरार अभियुक्त बबली और उसके नेटवर्क पर है। उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी जारी है। जल्द ही उसका नेटवर्क भी ध्वस्त किया जाएगा और ऐसे अपराधियों को जेल भेजा जाएगा।

प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप पुलिस का अभियान, मादक पदार्थ तस्करों की उलटी गिनती शुरू
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मादक पदार्थों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देशों के अनुरूप मुजफ्फरनगर पुलिस का यह अभियान एक उदाहरण बन गया है। यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य जिलों में भी अभियान की दिशा तय करेगी।


मुजफ्फरनगर की पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यदि सटीक सूचना, तकनीकी निगरानी और दृढ़ संकल्प हो तो संगठित अपराध को भी ध्वस्त किया जा सकता है। अब सभी की निगाहें पुलिस की अगली कार्रवाई पर हैं, जो जल्द ही इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने वाली है।



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