Muzaffarnagar । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में निराश्रित गौ आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश की देखभाल, सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश के संरक्षण और गौशालाओं में ठंड से बचाव हेतु उपायों पर एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी, जैसे उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। यह बैठक जूम द्वारा आयोजित की गई थी, ताकि पूरी जनपद स्तरीय व्यवस्था की निगरानी की जा सके और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
बैठक में जिलाधिकारी ने निराश्रित गोवंश के संरक्षण के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए गौशालाओं में पालतू और संरक्षित गोवंश के लिए ठंड से बचाव के उपायों पर जोर दिया। इसके साथ ही, सड़कों पर घूम रहे गायों को तत्काल आश्रय में लाने के निर्देश दिए गए, ताकि वे खुले में सर्दी और अन्य खतरों से बच सकें। जिलाधिकारी ने इस प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों के द्वारा की जाने वाली नियमित निगरानी पर भी जोर दिया।
निराश्रित गोवंश की स्थिति में सुधार की आवश्यकता
मुजफ्फरनगर में सड़कों पर घूमते निराश्रित गोवंश की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे न केवल शहर की सड़कों पर जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है, बल्कि इन गायों के सड़क पर रहने से दुर्घटनाओं का भी खतरा है। जिला प्रशासन ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक आयोजित की, ताकि गोवंश को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने इस दौरान सभी संबंधित विभागों को एक साथ मिलकर इस मुद्दे का हल निकालने की आवश्यकता पर बल दिया।
गौशालाओं में ठंड से बचाव के उपाय
ठंड के मौसम में गौवंश की सुरक्षा के लिए गौशालाओं में उचित इंतजाम करना बहुत जरूरी हो जाता है। जिलाधिकारी ने इस बैठक के दौरान गौशालाओं में ठंड से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौशालाओं में तिरपाल का उचित इंतजाम किया जाए ताकि गोवंश ठंड से बच सकें। इसके अलावा, जमीन पर पराली बिछाने का भी सुझाव दिया गया, जिससे गोवंश को ठंड से राहत मिल सके।
पेयजल की उपलब्धता और नियमित निरीक्षण
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी गौशालाओं में ताजा पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गौशालाओं में पानी की उपलब्धता दिन में कम से कम दो बार होनी चाहिए। इसके अलावा, सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों, और अधिशासी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि वे नियमित रूप से गौशालाओं का दौरा करें। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को सप्ताह में दो बार और पाक्षिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि व्यवस्थाओं की जांच की जा सके और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निम्नलिखित निर्देश दिए गए:
- गौशालाओं में ठंड से बचाव के उपायों को प्राथमिकता से लागू किया जाएगा।
- सभी आश्रय स्थलों पर तिरपाल लगाने का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाएगा।
- सड़क पर घूम रहे निराश्रित गोवंश को तत्काल संरक्षित किया जाएगा।
- सभी गौशालाओं में ताजा पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- पशु चिकित्सा अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को गौशालाओं का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला प्रशासन का लक्ष्य
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि प्रशासन का लक्ष्य न केवल गोवंश के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना है, बल्कि गौशालाओं में सुधार के उपाय भी सुनिश्चित करना है। सर्दी के मौसम में गोवंश को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग और सक्रिय है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जल्द से जल्द इस कार्य को पूर्ण करें।
जनपद स्तर पर निगरानी और सुधारात्मक कदम
बैठक में विशेष रूप से जनपद स्तर पर गौशालाओं का मासिक सत्यापन किए जाने की योजना पर चर्चा की गई। इस सत्यापन के दौरान सभी नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का जिम्मा दिया गया कि गौशालाओं में उचित व्यवस्थाएं हों और गोवंश के संरक्षण के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए। इसके साथ ही, सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि वे गोवंश के संरक्षण के लिए किसी भी प्रकार के प्रयासों में ढिलाई न बरतें।
समाज का योगदान और जिम्मेदारी
इस बैठक में यह भी तय किया गया कि गौवंश के संरक्षण में समाज का भी बड़ा योगदान हो सकता है। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर समाज के नागरिकों से अपील की कि वे इस कार्य में प्रशासन का साथ दें और गौशालाओं में गोवंश के संरक्षण के लिए सहयोग करें। यह सुनिश्चित करना कि हर गाय को सही स्थान और देखभाल मिले, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।
अंतिम शब्द
मुजफ्फरनगर में निराश्रित गोवंश के संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और गोवंश की सुरक्षा एवं कल्याण के लिए ठोस उपाय किए जा रहे हैं। यह सभी उपाय गौवंश के कल्याण के साथ-साथ सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।