मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar) पीआरडी (पब्लिक रिस्पांस ड्यूटी) जवानों ने अपनी लंबित समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन कचहरी परिसर में सौंपा गया और इसमें प्रमुख रूप से दो महत्वपूर्ण मांगें शामिल थीं। पहले, यशपाल सिंह प्रधान सहायक, विकास विभाग के स्थानांतरण को उनके मूल विभाग में करने की बात की गई। दूसरी महत्वपूर्ण मांग कपिल, पीआरडी जवान, के कार्यालय से स्थानांतरण को लेकर थी। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि पिछले कुछ समय से पीआरडी जवानों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
पिछले कुछ महीनों की स्थिति:
पिछले कुछ महीनों से पीआरडी जवानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, जिसके कारण उनके मनोबल पर असर पड़ा है। पीआरडी जवान, जो कि आमतौर पर पुलिस बल के सहयोगी के रूप में काम करते हैं, समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा में भी खलल डालता है। पीआरडी जवानों के बीच असंतोष का यह मामला तब बढ़ा, जब उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए पहले भी कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन अधिकारियों ने उचित कदम नहीं उठाए।
सौंपे गए ज्ञापन का विषय:
ज्ञापन में प्रमुख रूप से यशपाल सिंह प्रधान सहायक के स्थानांतरण को उनके मूल विभाग में करने की मांग की गई। पीआरडी जवानों का मानना है कि यह स्थानांतरण उनके कार्यक्षेत्र में उनकी भूमिका और कार्यक्षमता को बेहतर बनाएगा। साथ ही, कपिल पीआरडी जवान के कार्यालय स्थानांतरण की मांग भी की गई, ताकि उनकी ड्यूटी और कार्य स्थितियां सुधार सकें। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि पीआरडी जवानों द्वारा पहले किए गए अनुरोधों को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिससे उनके मनोबल में गिरावट आई है।
पीआरडी जवानों की उपस्थिति और योगदान:
ज्ञापन सौंपने के दौरान कई पीआरडी जवान कचहरी परिसर में मौजूद रहे, जिनमें विनोद कुमार, सुन्दरपाल, मौ.असगर, पूरनसिंह, अमित कुमार, बाबूराम, राजेश कुमार, बृजभूषण, देवेन्द्र कुमार, राजमोनी, ब्रिजेश, अंकुर शर्मा, और रविन्द्र सिंह शामिल थे। इन जवानों ने अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी के सामने रखने के बाद प्रशासन से उचित कार्यवाही की अपेक्षा जताई। पीआरडी जवानों ने बताया कि उन्हें कई बार अपनी समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों से भी समर्थन नहीं मिला है, जिससे उनके मन में असंतोष की भावना बढ़ी है।
जिलाधिकारी की प्रतिक्रिया:
जिलाधिकारी, सिटी मजिस्टेट विकास कश्यप, ने पीआरडी जवानों से ज्ञापन प्राप्त करने के बाद उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया कि यह मामला प्रशासन के ध्यान में है और इसे शीघ्र ही समाधान की दिशा में देखा जाएगा। जिलाधिकारी ने पीआरडी जवानों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाते रहें, और उन्होंने प्रशासन की ओर से उनका समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन दिया।
समाज में पीआरडी जवानों की भूमिका:
पब्लिक रिस्पांस ड्यूटी जवानों का मुख्य कार्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, और आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना है। ये जवान अक्सर बिना किसी छुट्टी के लंबी-लंबी ड्यूटियों में काम करते हैं और कई बार कठिन परिस्थितियों का सामना भी करते हैं। उनकी मेहनत और योगदान का समाज में बड़ा महत्व है, और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना समाज की सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के प्रति एक बड़ी लापरवाही होगी।
समाज में चर्चा:
कचहरी परिसर में पीआरडी जवानों द्वारा किए गए इस कदम को लेकर स्थानीय समाज में भी चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि जब तक पीआरडी जवानों की समस्याओं को प्रभावी तरीके से हल नहीं किया जाएगा, तब तक उनके मनोबल में सुधार संभव नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासन को इन जवानों के प्रति संवेदनशील और समर्पित रहकर उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करना चाहिए ताकि वे अपनी सेवाओं को पूरे जोश और आत्मविश्वास के साथ अंजाम दे सकें।
आगे की कार्रवाई:
अधिकारियों ने इस ज्ञापन को स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही एक बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें पीआरडी जवानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस बैठक में पीआरडी जवानों के प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के लोग शामिल होंगे।
इस तरह के प्रयासों से उम्मीद है कि पीआरडी जवानों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा और उनके मनोबल को नया संबल मिलेगा। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि समाज और प्रशासन को एक-दूसरे के सहयोग से ही सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है।
संपूर्ण समाज का संदेश:
इस खबर से यह संदेश भी मिलता है कि समाज में किसी भी वर्ग के लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पीआरडी जवानों का कर्तव्य केवल उनकी नौकरी नहीं है, बल्कि एक ऐसा दायित्व है जो उन्हें समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित करता है। उनके बिना समाज की सुरक्षा अधूरी रह सकती है, इसीलिए उनकी समस्याओं को हल करना हर जिम्मेदार नागरिक और प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस घटना के बाद के प्रयासों में शामिल व्यक्तियों की प्रतिक्रियाएं:
ज्ञापन देने वाले पीआरडी जवानों ने कहा कि वे प्रशासन के उत्तरदायित्व को समझते हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र हो ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर तरीके से निभा सकें।