Muzaffarnagar। सिखेड़ा पुलिस थाना में पुलिस अधीक्षक नगर श्री सत्यनारायण प्रजापत द्वारा किए गए आकस्मिक निरीक्षण ने पूरे जिले में एक नई दिशा और सख्त कार्रवाई की आहट दी है। पुलिस अधीक्षक के इस निरीक्षण के दौरान थाने के सभी प्रमुख हिस्सों का बारीकी से निरीक्षण किया गया, और थाने में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े दिशा-निर्देश दिए गए। उनका मुख्य उद्देश्य थाने की कार्यप्रणाली, अपराध नियंत्रण और जनता के प्रति पुलिस के व्यवहार में सुधार लाना था।
निरीक्षण का पूरा विवरण
श्री सत्यनारायण प्रजापत ने सिखेड़ा थाने में पहुंचते ही थाने के सभी महत्त्वपूर्ण स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले थाना परिसर की साफ-सफाई का जायजा लिया और सुनिश्चित किया कि थाने का वातावरण स्वच्छ हो, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य में कोई विघ्न न आए। फिर उन्होंने थाना कार्यालय, महिला हेल्प डेस्क, मालखाना, बंदी गृह, संतरी पहरा, कम्प्यूटर कक्ष, विवेचक कक्ष और साइबर हेल्प डेस्क का भी निरीक्षण किया। इस दौरान थाने में रखे गए अभिलेखों का गहनता से अवलोकन किया गया, और अपराधों के रजिस्टर की जांच की गई।
श्री प्रजापत ने थाने में रखे त्यौहार रजिस्टर, अपराध रजिस्टर और टॉप-10 अपराधियों की सूची का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि पुराने अपराधियों पर और अधिक सख्त कार्रवाई की जाए और साथ ही नए टॉप-10 अपराधियों की सूची तैयार कर उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज की जाए।
अर्दली रूम की बैठक में दिए गए निर्देश
निरीक्षण के बाद, पुलिस अधीक्षक नगर ने थाने पर नियुक्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का अर्दली रूम लिया। इस दौरान महोदय ने थाने में लम्बित विवेचनाओं, महिला संबंधित अपराधों, प्रार्थना पत्रों और वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के विषय में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने सभी विवेचकों को निर्देशित किया कि वे लम्बित मामलों का निष्पक्ष निस्तारण जल्द से जल्द करें और अभियुक्तों की गिरफ्तारी को प्राथमिकता दें।
साथ ही, पुलिस अधीक्षक ने अवैध मादक पदार्थों, अवैध शराब, जुआ, और सट्टा के कारोबार पर सख्त रोकथाम करने की बात की। उन्होंने शातिर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश भी दिया। उनका मानना था कि अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस को जनता के प्रति शालीन और संवेदनशील होना चाहिए।
अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम
पुलिस अधीक्षक ने खास तौर पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत अपराधियों की संपत्तियों की जब्तीकरण प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, अवैध खनन, पशु तस्करी, वन तस्करी और भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हिस्ट्रीशीटर्स की समय-समय पर चेकिंग की जाए और फ्लाई सीट में चेकिंग की प्रविष्टियों को पूरा किया जाए।
जनता से संवाद और समस्याओं का समाधान
निरीक्षण के अंत में, पुलिस अधीक्षक ने थाने के अधिकारियों और कर्मचारियों से संवाद किया। उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना और तत्काल निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। यह बैठक न केवल पुलिस कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए थी, बल्कि थाने में सुधारात्मक कार्यवाहियों को गति देने के लिए भी थी।
महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान
मुजफ्फरनगर में महिला सुरक्षा एक अहम मुद्दा बन चुका है। पुलिस अधीक्षक ने महिला संबंधित अपराधों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला हेल्प डेस्क की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़ित महिलाएं आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। इसके साथ ही, महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने और उनकी संख्या बढ़ाने की बात भी की गई।
पैट्रोलिंग की आवश्यकता
पुलिस अधीक्षक ने थाना क्षेत्र में नियमित रूप से पैट्रोलिंग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना था कि अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस की उपस्थिति को सड़क पर बढ़ाना जरूरी है। पैट्रोलिंग से न केवल अपराधियों पर दबाव पड़ेगा, बल्कि जनता के बीच पुलिस का विश्वास भी बढ़ेगा।
मुजफ्फरनगर में पुलिस अधीक्षक नगर का यह आकस्मिक निरीक्षण पुलिस कार्यप्रणाली में सुधार और अपराध नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। उनकी सख्त दिशा-निर्देशों से थाने में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के मनोबल को एक नया संचार मिलेगा और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के जरिए जिले में अपराधों की रोकथाम की दिशा में सार्थक प्रयास होंगे।