मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में आज का दिन बुजुर्ग पेंशनरों के लिए विशेष रहा। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में चौधरी चरण सिंह सभागार में आयोजित पेंशनर्स दिवस ने पेंशनरों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक नई उम्मीद दी। इस अवसर पर जिले के तमाम पेंशनर, उनके प्रतिनिधि, और जिला प्रशासन के अधिकारी एक साथ एकत्रित हुए।

पेंशनर्स की समस्याओं पर फोकस

पेंशनर्स दिवस का उद्देश्य था कि बुजुर्गों की समस्याओं को सीधे जिला प्रशासन के सामने रखा जाए और उनके त्वरित समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने पेंशनरों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने संबंधित कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया कि वे पेंशन से जुड़े मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करें और बुजुर्गों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

पेंशनरों की समस्याएं और सुझाव

कार्यक्रम के दौरान पेंशनरों ने अपने मुद्दे और सुझाव साझा किए। कुछ प्रमुख समस्याएं थीं:

  1. पेंशन भुगतान में देरी: कई पेंशनरों ने शिकायत की कि महीनों तक उनकी पेंशन का भुगतान अटक जाता है, जिससे उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है।
  2. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: पेंशनरों ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग की। कई लोगों ने बताया कि उनकी पेंशन का बड़ा हिस्सा दवाइयों और इलाज में खर्च हो जाता है।
  3. हेल्प डेस्क की आवश्यकता: पेंशनरों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक हेल्प डेस्क स्थापित किया जाए, जो विशेष रूप से पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान करे।

जिलाधिकारी ने सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि पेंशनरों की समस्याएं उनकी प्राथमिकता में हैं। उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए।

पेंशनर्स हेल्प डेस्क की स्थापना

जिलाधिकारी ने घोषणा की कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक विशेष “पेंशनर्स हेल्प डेस्क” स्थापित किया जाएगा। यह हेल्प डेस्क उन बुजुर्गों की मदद करेगी जो अपने पेंशन भुगतान या अन्य संबंधित समस्याओं को लेकर असहाय महसूस करते हैं। इस कदम से पेंशनरों को उम्मीद है कि उनकी समस्याएं जल्दी और सुगमता से हल होंगी।

वरिष्ठ कोषाधिकारी और अधिकारियों की उपस्थिति

पेंशनर्स दिवस कार्यक्रम में वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश चंद यादव, कोषाधिकारी श्रीमती श्रुति गुप्ता, और अन्य कोषागार कर्मचारी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने पेंशनरों के साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोषागार विभाग हर संभव मदद करेगा।

पेंशनरों के लिए यह कार्यक्रम क्यों है महत्वपूर्ण?

इस कार्यक्रम ने उन बुजुर्गों को मंच दिया, जो अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों तक पहुंचाने में असमर्थ थे। पेंशनर्स दिवस न केवल उनकी चिंताओं को उजागर करने का माध्यम बना, बल्कि यह भी साबित किया कि जिला प्रशासन उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

अन्य जिलों में भी होनी चाहिए ऐसी पहल

पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह की पहल अन्य जिलों में भी की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि पेंशनरों के लिए हर जिले में हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए।

बुजुर्गों के लिए बेहतर योजनाओं की जरूरत

पेंशनरों ने सरकार से मांग की कि उनके लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएं, जैसे:

  1. स्वास्थ्य बीमा योजना: सभी पेंशनरों को सरकारी स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए।
  2. सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन: पेंशनरों को सामाजिक रूप से सक्रिय रखने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
  3. डिजिटल सहायता: ऑनलाइन पेंशन सेवाओं के बारे में बुजुर्गों को जागरूक किया जाए।

प्रशासन की प्रतिबद्धता

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कार्यक्रम के अंत में सभी पेंशनरों को विश्वास दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द होगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बुजुर्ग नागरिकों की देखभाल करे और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दे।

बल्कि उम्मीद का संदेश

यह पेंशनर्स दिवस न केवल एक कार्यक्रम था, बल्कि बुजुर्गों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक भी बना। यह दिखाता है कि अगर प्रशासन और समाज एक साथ मिलकर काम करें, तो पेंशनरों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

ऐसे कार्यक्रम न केवल बुजुर्गों के लिए राहत का माध्यम बनते हैं, बल्कि समाज को यह संदेश भी देते हैं कि हर व्यक्ति की भलाई समाज की जिम्मेदारी है।



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