Muzaffarnagar में जमानत प्रक्रिया से जुड़ी एक हैरान करने वाली आपराधिक गतिविधि का पर्दाफाश करते हुए थाना खालापार पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से फर्जी जमानती तैयार कर मुल्जिमों की जमानत कराने में संलिप्त था।
इस गिरोह की जड़ें मुज़फ्फरनगर कचहरी परिसर से जुड़ी बताई जा रही हैं, जहाँ आरोपी अपने नेटवर्क के ज़रिये पेशेवर जमानती तैयार कराता था।
Muzaffarnagar fake bail racket के इस मामले ने स्थानीय न्याय व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है, क्योंकि यह गतिविधि सीधे न्याय प्रणाली के दुरुपयोग से जुड़ी है।
उच्चाधिकारियों की निगरानी में चली कार्रवाई—मेरठ ज़ोन से लेकर सहारनपुर परिक्षेत्र तक अधिकारियों का कड़ा निर्देश
इस पूरे अभियान में कई वरिष्ठ अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्रवाई—
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अपर पुलिस महानिदेशक (मेरठ ज़ोन)
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पुलिस उपमहानिरीक्षक, सहारनपुर परिक्षेत्र
के दिशा-निर्देश पर -
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुज़फ्फरनगर संजय कुमार वर्मा
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पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत
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अपर पुलिस अधीक्षक नगर सिद्धार्थ के. मिश्रा
के पर्यवेक्षण में की गई।
थाना प्रभारी महावीर सिंह चौहान के नेतृत्व में यह पूरा अभियान चलाया गया।
अधिकारी के अनुसार यह मामला बेहद संवेदनशील था क्योंकि यह कानून और न्यायिक प्रक्रिया को सीधे प्रभावित कर रहा था।
तबलशा रोड पर पकड़ा गया शातिर आरोपी—अवैध असलहा और दो आधार कार्ड बरामद
दौराने चेकिंग पुलिस टीम को संदिग्ध गतिविधि का अंदेशा हुआ, जिसके बाद कार्रवाई की गई।
पकड़े गए अभियुक्त की पहचान—
आशु जैन पुत्र नरेश जैन निवासी कृष्णापुरी, थाना खालापार, मुज़फ्फरनगर
के रूप में हुई है।
बरामदगी में शामिल—
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एक अवैध शस्त्र
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दो आधार कार्ड, जिनकी सत्यता पर संदेह
पुलिस को तुरंत शक हुआ कि ये दस्तावेज फर्जी पहचान निर्माण और जमानती प्रक्रियाओं में उपयोग किए जा रहे थे।
Muzaffarnagar fake bail racket से जुड़े इस आरोपी पर अब कई धाराओं में गंभीर कार्यवाही की जा रही है।
कैसे चलता था फर्जी जमानतियों का खेल? आरोपी ने खोले कई चौंकाने वाले राज
पूछताछ में आशु जैन ने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी।
उसने बताया—
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वह मुज़फ्फरनगर कचहरी में वकीलों के पास काम करता था
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वहाँ उसे पता चला कि कई मुल्जिमों को “जमानती न मिलने के कारण” जेल से रिहाई नहीं मिल पाती
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इसी कमी का फ़ायदा उठाते हुए उसने एक फर्जी जमानती नेटवर्क तैयार किया
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उसने अपनी जमीन और संपत्ति से जुड़े कागजात तहसील से निकलवाए
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फिर उन्हीं दस्तावेज़ों का उपयोग कर पेशेवर जमानतियां तैयार कीं
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वह उन लोगों को तलाशता था जिन्हें जल्दी जमानत चाहिए लेकिन गवाह या जमानती उपलब्ध नहीं होते
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वकीलों से “सांठगांठ” कर वह अपनी जमीन के कागजात पेश कर जमानत प्रक्रिया पूरी होने में सहायता करता था
इस तरीके से जमानत कानूनी रूप से एक औपचारिक प्रक्रिया बनती थी, लेकिन पीछे का खेल पूरी तरह अवैध था।
आरोपी की कहानी दिखाती है कि कैसे कानूनी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग हो रहा था
इस मामले की गंभीरता इसलिए भी अधिक है क्योंकि—
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जमानत जैसे संवैधानिक अधिकार को धंधा बना दिया गया
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अदालतों को गुमराह करने के लिए ग़लत दस्तावेज़ों का उपयोग किया गया
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संपत्ति, पहचान और पते के प्रमाण सहित कई संवेदनशील कागजातों का अनुचित इस्तेमाल किया गया
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आरोपी ने स्वीकार किया कि पेशेवर जमानती तैयार करने में वह आर्थिक लाभ भी कमाता था
कानून व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क बिना पकड़े लंबे समय तक चलता रह सकता था और इससे कई अपराधी आसानी से जेल से बाहर निकल सकते थे।
Muzaffarnagar fake bail racket का बड़ा खतरा—न्यायिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार
इस मामले के उजागर होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने कहा कि—
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फर्जी जमानतियों से न्याय का उद्देश्य प्रभावित होता है
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अपराधी आसानी से छूटते हैं
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जमानती दस्तावेज़ आगे कई गंभीर मामलों में भी उपयोग हो सकते हैं
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इससे समाज में अपराध बढ़ने की आशंका रहती है
कानूनी विशेषज्ञों की राय में “पेशेवर जमानती” का अवैध बाजार किसी भी जिले की सुरक्षा को कमजोर बना सकता है।
इसलिए इस कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
कौन-कौन था पुलिस टीम में शामिल?—सटीक और तेज़ प्रतिक्रिया से मिली सफलता
गिरफ्तारी करने वाली टीम में शामिल रहे—
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उ0नि0 राकेश कुमार
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है0का0 जयदीप नागर
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का0 नीरज कुमार
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का0 2197 रविंद्र कुमार
थाना खालापार पुलिस ने कम समय में जानकारी इकट्ठी कर एक शातिर व्यक्ति को धर-दबोचा।
पुलिस टीम की तत्परता के चलते मामला गंभीर रूप से बढ़ने से पहले ही पकड़ में आ गया।
अभियुक्त के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू—शस्त्र अधिनियम और फर्जी दस्तावेज़ों पर सख्त धाराएँ लगने की संभावना
थाना खालापार पुलिस ने बताया कि आरोपी पर अवैध हथियार और फर्जी दस्तावेज़ों से संबंधित धाराएँ लगाई जा रही हैं।
साथ ही, नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी शुरू कर दी गई है, जिनमें वकीलों या दलालों की भूमिका की भी जांच हो सकती है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर यह Muzaffarnagar fake bail racket और भी बड़ा निकल सकता है।
Muzaffarnagar fake bail racket उजागर होने के बाद खालापार पुलिस की इस कार्रवाई को कानून व्यवस्था के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। फर्जी जमानती बनाकर अपराधियों को लाभ पहुंचाने वाले इस नेटवर्क ने न्यायिक प्रक्रिया को खतरे में डाल दिया था। अब मामले में गहन जांच की जा रही है, ताकि इस अवैध प्रणाली से जुड़े हर व्यक्ति को चिन्हित कर कानून के दायरे में लाया जा सके।
