Muzaffarnagar के शहर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने एक बेहद सक्रिय और लंबे समय से चल रहे ठग गिरोह का भंडाफोड़ कर दो आरोपी गिरफ्तार किए हैं। पकड़े गए अपराधियों की पहचान राजेश पुत्र कुलवंत निवासी कैथल, हरियाणा और उसके साथी जयभगवान के रूप में हुई है।
यह गिरोह खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाता था और “दूर के रिश्तेदार” बनकर घरों में प्रवेश कर जेवर ठगने की वारदातों को अंजाम देता था।

हाल की घटना गऊशाला मोहल्ला निवासी ताराचंद वर्मा के घर घटी थी, जहां इन अपराधियों ने बेहद चालाकी से दो सोने की अंगूठियाँ ठग लीं और फरार हो गए।
पुलिस ने मात्र 48 घंटे के भीतर इस पूरे मामले का वैज्ञानिक तरीके से खुलासा कर दिया।


कैसे हुई वारदात — ‘रिश्तेदार’ बनकर आए और अंगूठी देखकर ले उड़े

दो दिन पहले, दो अनजान व्यक्ति ताराचंद वर्मा के घर पहुँचे।
उन्होंने खुद को दूर के रिश्तेदार बताते हुए पूरी सहजता से बातचीत शुरू की।
ताराचंद की पत्नी ने भी सामान्य रिश्तेदार समझकर बातचीत जारी रखी।

अपराधियों ने बहाना बनाया—
बहन की शादी है, सोने की अंगूठी का एक अच्छा डिज़ाइन देखना है।

इसी बहाने दोनों ने अलमारी से निकलवाई गई दो सोने की अंगूठियों को हाथ में लिया, देखा… और मौका मिलते ही घर से फरार हो गए।
परिवार को जब समझ आया कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं, तुरंत पुलिस को सूचना दी गई


48 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली — पुलिस टीम का हाई-टेक एक्शन

घटना की गंभीरता को देखते हुए आबकारी पुलिस चौकी इंचार्ज मोहित कुमार अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे।
टीम ने आसपास के मोहल्लों, गलियों और मुख्य मार्गों के लगभग 48 कैमरों की फुटेज खंगाल डाली।

इस विस्तृत जांच के बाद—

  • अपराधियों का चेहरा

  • उनके भागने का रास्ता

  • इस्तेमाल किए गए वाहन
    सब कुछ साफ़-साफ़ सामने आने लगा।

फुटेज की जांच में राजेश की पहचान सुनिश्चित हुई, जो पहले से ही पुलिस रिकॉर्ड में एक कुख्यात ठग के रूप में दर्ज था।


राजेश—25 मुकदमों वाला शातिर ठग, हरियाणा का मोस्ट एक्टिव अपराधी

जांच में सामने आया कि आरोपी राजेश के खिलाफ कुल 25 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 24 हरियाणा के कैथल जिले में दर्ज हैं।
उसका आपराधिक इतिहास दिखाता है कि—

  • वह कई बार जेल जा चुका है

  • महिलाओं को निशाना बनाना उसकी प्रमुख रणनीति है

  • घरों में रिश्तेदार बनकर घुसना उसका पुराना तरीका है

  • वह लोगों के व्यवहार और भरोसे का फायदा उठाता है

राजेश ने पूछताछ में यह भी माना कि वह वर्षों से ऐसे मामलों को अंजाम देता आ रहा है।
जयभगवान इस गिरोह में उसका भरोसेमंद साथी है और ज्यादातर वारदातों में साथ रहता है।


गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेशी—दोनों ठग जेल भेजे गए

पुख्ता सबूतों और सीसीटीवी के आधार पर शहर कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह गिरोह कई जिलों में सक्रिय था और आने वाले दिनों में इनके अन्य साथियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।


महिलाओं को चेतावनी—‘फर्जी रिश्तेदार’ गिरोह फिर सक्रिय हो सकता है

पुलिस ने इस घटना के बाद खासतौर पर महिलाओं को सावधान रहने की अपील की है।
कहा गया है कि—

  • अजनबी व्यक्ति यदि खुद को रिश्तेदार बताए तो पहले सत्यापन करें

  • अचानक आकर जेवर देखने या उधार मांगने वालों से सावधान रहें

  • कोई भी व्यक्ति घर में प्रवेश करे तो उसकी पहचान अवश्य पूछें

  • शक होने पर तुरंत 112 पर कॉल करें

पुलिस ने कहा कि ऐसे ठग आमतौर पर महिलाओं को ही निशाना बनाते हैं क्योंकि उन्हें बातचीत के बहाने आसानी से भ्रमित कर सकते हैं।


इंचार्ज मोहित कुमार की टीम की त्वरित कार्रवाई—48 घंटे में केस सुलझा

वारदात के तुरंत बाद जिस तेजी से पुलिस ने कार्रवाई की, वह प्रशंसनीय है।

इंचार्ज मोहित कुमार और उनकी टीम ने—

  • दिन-रात अलग-अलग लोकेशन पर जांच की

  • गवाहों और परिवार से बयान लिए

  • फुटेज को फ्रेम-बाय-फ्रेम जांचा

  • तकनीकी और मानव खुफिया दोनों का उपयोग किया

इन्हीं प्रयासों की बदौलत ‘Muzaffarnagar fraud gang’ का महत्वपूर्ण हिस्सा पकड़ लिया गया।


मुज़फ्फरनगर पुलिस द्वारा दो शातिर ठगों की गिरफ्तारी ने शहर में सक्रिय ‘फर्जी रिश्तेदार’ ठग गिरोह पर बड़ा प्रहार किया है। 48 कैमरों की फुटेज खंगालकर अपराधियों तक पहुंचने वाली यह हाई-टेक कार्रवाई साबित करती है कि पुलिस अब किसी भी ठग को खुली छूट नहीं देने वाली। महिलाओं को जागरूक रहने की अपील की गई है ताकि भविष्य में कोई भी परिवार ऐसे अपराधियों की चाल में न फंसे।



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