Muzaffarnagar। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। खालापार थाना क्षेत्र में अवैध हथियारों के व्यापार से जुड़े सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में 32 बोर की दो पिस्टल, 315 बोर के तीन तमंचे, और 315 बोर के दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इसके साथ ही, अपराधियों के पास से एक स्विफ्ट कार, एक मोटरसाइकिल और सात मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन और नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में यह बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया गया।

गिरफ्तारी के दौरान जब अभियुक्तों से अवैध हथियारों के स्रोत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इन हथियारों को ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगाया गया था। एक अभियुक्त, विशाल, ने यह खुलासा किया कि उसने प्रतीक नामक व्यक्ति को पिस्टल का ऑनलाइन भुगतान किया था, जिसके माध्यम से मनीष नामक एक अन्य व्यक्ति से यह डिलीवरी मिलनी थी। पुलिस की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे एक बड़ा गिरोह चलाते हैं जो अवैध हथियारों का व्यापार करता है और इस व्यापार से होने वाले लाभ को आपस में बांटते हैं।

अवैध हथियारों का व्यापार: सुरक्षा के लिए चुनौती

उत्तर प्रदेश और खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध हथियारों का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन हथियारों की उपलब्धता अपराधियों को मजबूत बनाती है और आम नागरिकों के जीवन को संकट में डालती है। ऐसे में, मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक राहतभरी खबर है। पुलिस के अनुसार, इन अवैध हथियारों का प्रयोग अक्सर गली-कूचों में होने वाले झगड़ों से लेकर बड़ी आपराधिक गतिविधियों तक में किया जाता है।

ऑपरेशन के दौरान अभियुक्तों की पहचान और भूमिका

इस ऑपरेशन में पकड़े गए अभियुक्तों में शामिल हैं:

  • आजम रिजवी (मेरठ के जाटो वाली गली से)
  • विवेक नागर उर्फ हैप्पी (मेरठ के गांव चरला से)
  • प्रतीक त्यागी (मुजफ्फरनगर के गांव नावला से)
  • मनीष कुमार (मुजफ्फरनगर के गाँव मन्तोडी से)
  • ऋषभ प्रजापति (खतौली के यमुना विहार से)
  • विशाल (छपार थाना क्षेत्र से)
  • प्रतीक त्यागी (खतौली थाना क्षेत्र से)

गिरफ्तार अभियुक्तों के अनुसार, वे लंबे समय से अवैध हथियारों की तस्करी में संलिप्त हैं। वे अपने संपर्कों के जरिए अवैध हथियार मंगाते हैं और इन्हें अन्य राज्यों में भी बेचने का काम करते हैं। इनका व्यापार का नेटवर्क इतना व्यापक है कि वे हथियारों के ऑर्डर ऑनलाइन भी स्वीकार करते हैं और डिजिटल भुगतान के माध्यम से लेन-देन करते हैं। इस गिरोह के पास से मिले हथियारों के साथ एक स्विफ्ट कार और मोटरसाइकिल को भी जब्त किया गया है, जिसका उपयोग ये हथियारों की डिलीवरी में करते थे।

इस ऑपरेशन के लिए पुलिस टीम की तारीफ

इस साहसिक कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कई पुलिस अधिकारीयों की मेहनत शामिल रही। इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे अम्बा विहार चौकी प्रभारी मोहित कुमार, खालापार चौकी प्रभारी लोकेश कुमार गौतम, प्रशिक्षु रमित यादव समेत पुलिस दल के अन्य अधिकारी जैसे हैड कांस्टेबल हाशिम रजा, महेन्द्र बाबू, अजय कुमार, अनिल कुमार, जितेन्द्र कुमार, गवेन्द्र कुमार, और हरीश शामिल थे। पुलिस टीम की इस सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया बल्कि शहर के सुरक्षा को लेकर एक मजबूत संदेश भी दिया।

बढ़ती अवैध हथियारों की मांग और पुलिस के लिए चुनौती

अवैध हथियारों की मांग पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है। पुलिस के अनुसार, कई अपराधी गिरोह इन हथियारों का उपयोग अपने वर्चस्व को बनाए रखने, दुश्मनी निपटाने और छोटे-मोटे अपराधों में करते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस तरह के अवैध कारोबार तेजी से फैल रहे हैं। अपराधियों के पास उच्च गुणवत्ता वाले विदेशी हथियार भी होते हैं, जो इनकी पहुँच और ताकत को बढ़ाते हैं। इसके चलते पुलिस पर इन गतिविधियों को रोकने का दबाव बढ़ रहा है।

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा इस ऑपरेशन के सफलतापूर्वक अंजाम दिए जाने के बाद, स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। पुलिस विभाग का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सहयोगियों का भी जल्द पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।

राज्य में अवैध हथियारों के नेटवर्क का सफाया

उत्तर प्रदेश में इस तरह के अवैध व्यापार का सफाया करना पुलिस की प्राथमिकता में आता है। पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उनके आसपास ऐसी कोई गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत इसकी सूचना दें। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही अन्य अपराधियों पर भी नकेल कसी जाएगी।



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