मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)। जनपद में आस्था, श्रद्धा और भक्ति का माहौल तब और भी पवित्र हो गया जब श्री गणपतिधाम मंदिर, भरतिया कालोनी में चल रहे भगवान श्री खाटू श्याम जन्मोत्सव के अंतर्गत आज एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। पूरा शहर श्याम प्रेमियों के जयकारों से गूंज उठा और हर गली-मोहल्ला भक्ति के रंग में रंग गया।


पांच दिवसीय धार्मिक आयोजन — श्री खाटू श्याम जन्मोत्सव का उत्सव 29 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक जारी

श्री गणपतिधाम मंदिर में आयोजित यह पांच दिवसीय महोत्सव 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 2 नवम्बर 2025 तक चल रहा है। कार्यक्रम की श्रृंखला में प्रतिदिन भजन संध्या, कीर्तन, भोग, आरती और सत्संग जैसे धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। भक्त सुबह से ही मंदिर में पहुंचकर भगवान श्री श्याम के दर्शन कर रहे हैं, वहीं शाम को मंदिर परिसर में भव्य आरती और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाता है।


भव्य शोभायात्रा: नगर में आस्था की गूंज, झांकियों और बैंड-बाजों से सजा हर मार्ग

आज आयोजित शोभायात्रा का शुभारंभ श्री गणपतिधाम मंदिर से हुआ। शोभायात्रा पारंपरिक मार्गों से होकर गुज़री — गणपति धाम मंदिर से प्रारम्भ होकर नवीन मंडी स्थल, राजवाहा रोड, मुनीम कॉलोनी, जैन कन्या स्कूल, नई मंडी बड़ा डाकखाना, गौशाला रोड, पुरानी गुड़ मंडी, पीठ बाजार, बिंदल बाजार, वकील रोड, मेहता क्लब, चौड़ी गली, मालवीय चौक, अंसारी रोड, सर्राफा बाजार, भगतसिंह रोड, गांधी कॉलोनी, डाकखाना रोड होते हुए पुनः मंदिर परिसर में संपन्न हुई।

शोभायात्रा में 5 बैंड, ढोल, 10 झांकियां और भगवान श्री श्याम का विशाल रथ, जिसे भक्तों ने अपने हाथों से खींचा, मुख्य आकर्षण रहे। सड़कों को तोरणद्वार, फूलों की झालरों, रंग-बिरंगे झंडों और रोशनी से सजाया गया, जिससे पूरा शहर एक उत्सव स्थल में बदल गया।


शोभायात्रा के दौरान भक्ति, अनुशासन और उमंग का अद्भुत संगम

भक्तजन जयकारे लगाते हुए “श्याम तेरी भक्ति ने बड़ा कमाल कर दिया” और “हारे के सहारे खाटू श्याम हमारे” जैसे भजनों पर झूम उठे। शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर लोगों ने फूल बरसाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। महिलाओं, युवाओं और बच्चों की भारी भागीदारी रही।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा। पूरे मार्ग पर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अवरोध के भक्ति में लीन रह सकें।


धार्मिक एकता और सौहार्द का उदाहरण बनी शोभायात्रा

यह शोभायात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी बनी। स्थानीय निवासियों ने जगह-जगह श्रद्धालुओं को जलपान और प्रसाद वितरण किया। कई दुकानदारों और समाजसेवियों ने भी आयोजन में बढ़-चढ़कर सहयोग दिया।


समाजसेवियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का गौरव

शोभायात्रा के शुभारंभ अवसर पर अनेक प्रतिष्ठित समाजसेवी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष एवं समाजसेवी श्री भीमसेन कंसल, अशोक गर्ग, अनिल गोयल, चाचा जे.पी. गोयल, कैलाश चन्द ज्ञानी, सोमप्रकाश कुच्छल, अम्बरीश सिंघल, बिजेन्द्र कुमार रानो, विकास अग्रवाल, विनोद राठी, प्रतीक कंसल, नीरज गोयल, अमित गोयल, अमित गुप्ता, अंकित अग्रवाल, रजत गोयल, नवील अग्रवाल, शशांक राणा, रजत राठी, नवनीत गुप्ता, यश गर्ग सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इन सभी ने मिलकर भगवान श्री श्याम के चरणों में दीप प्रज्वलित कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया।


शहरवासियों की उमड़ी भीड़ — “जय श्री श्याम” के जयकारों से गूंजा वातावरण

शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर लोग पहले से एकत्र थे। जैसे ही शोभायात्रा वहां पहुंची, “जय श्री श्याम” और “जय गणपति बप्पा मोरया” के नारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। शोभायात्रा में निकली झांकियों ने भगवान श्री कृष्ण, श्री राम, माता रानी और विभिन्न पौराणिक प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।


खाटू श्याम जन्मोत्सव — भक्ति, करुणा और प्रेम का पर्व

भगवान श्री खाटू श्याम को ‘हारे के सहारे’ के नाम से जाना जाता है। उनकी भक्ति में निहित प्रेम, दया और करुणा का संदेश समाज को एकजुट करता है। इस जन्मोत्सव में श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति का उत्सव मनाया बल्कि सद्भाव और मानवता का संदेश भी दिया।


आयोजन समिति ने जताया आभार — भक्ति और व्यवस्था का समन्वय

मंदिर समिति ने नगरवासियों, पुलिस प्रशासन और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने आयोजन को सफल बनाया।
समिति के सदस्य अशोक गर्ग ने कहा —

“भगवान श्री श्याम की कृपा और सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से यह आयोजन ऐतिहासिक रहा। आने वाले वर्षों में इसे और भव्य रूप दिया जाएगा।”


मुजफ्फरनगर का यह खाटू श्याम जन्मोत्सव सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और सौहार्द का उत्सव है। गणपतिधाम मंदिर से निकली यह शोभायात्रा जनपद में प्रेम, शांति और एकता का सजीव उदाहरण बन गई है। श्रद्धालुओं की उमंग और भगवान श्री श्याम के प्रति आस्था ने पूरे शहर को दिव्यता से भर दिया।

 



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