Muzaffarnagar में आध्यात्मिक भक्ति, शांति और गुरु प्रेम का दुर्लभ संगम देखने को मिला जब श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज और भाई मती दास जी, भाई सती दास जी तथा भाई दयाला जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य और अतुलनीय रैन सबाई कीर्तन दरबार आयोजित किया गया।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (रजि.), गांधी कॉलोनी में संपन्न यह कार्यक्रम 27 नवंबर की शाम 7 बजे आरंभ होकर 29 नवंबर की भोर 3 बजे तक लगातार चलता रहा।

दो रातों तक हजारों की संख्या में संगत ने गुरु घर में बैठकर शबद-कीर्तन, कथा और सेवा में अपना मन लगाया। वातावरण गुरु चरणों की भक्ति और अमृतमयी वाणी से गूंजता रहा।


प्रख्यात रागी और कथावाचकों की श्रेष्ठ हाजिरी—शबद कीर्तन से भक्ति रस उमड़ा

रैन सबाई कीर्तन में देशभर से आए विभिन्न रागी, कीर्तनी जत्थों और कथावाचकों ने संगत को गुरु साहिब की शहादत और त्याग की स्मृति में भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख जत्थे व रागी—

  • गांधी कॉलोनी का कीर्तनी जत्था

  • रूड़की रोड गुरुद्वारा का कीर्तनी जत्था

  • प्रसिद्ध रागी ज्ञानी जोगा सिंह जी

  • ज्ञानी हरजीत सिंह जी

  • भाई प्रभजिंदर सिंह जी (लुधियाना वाले)

  • प्रख्यात कथावाचक ज्ञानी दविंदर सिंह जी (गोइंदवाल साहिब)

  • बीबी कवलजीत कौर जी (शाहबाद मरकंडा)

  • भाई दविंदर सिंह जी, हजूरी जत्था श्री दरबार साहिब पातशाही छेवीं मंजी (अंबाला)

इन सभी रागियों ने अपने शबद, राग और कथा के माध्यम से गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अमूल्य बलिदान को संगत के हृदय में पुनः जीवंत कर दिया।


भक्ति से भरी रातें—संगत पूरी रात कीर्तन में मग्न रही

मुज़फ्फरनगर Kirtan Darbar की खासियत यह रही कि ठंड के बावजूद संगत देर रात तक एकाग्र भक्ति में डूबी रही।
गुरुद्वारे में—

  • निरंतर शबद कीर्तन

  • अमृतमयी कथा प्रवचन

  • गुरु साहिब की शहादत का स्मरण

चलता रहा।

एक-एक शबद के साथ वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती रही, और संगत मन, वचन, कर्म से गुरु चरणों में समर्पित होती चली गई।


सेवा की अद्भुत मिसाल—पूरी रात चलता रहा दूध और कॉफी का लंगर

ठंड के मौसम को देखते हुए संगत के लिए अटूट लंगर की व्यवस्था की गई।
पूरी रात—

निरंतर चलता रहा, जिससे संगत को गर्माहट और ऊर्जा मिलती रही।
सेवक पूरी श्रद्धा से संगत की सेवा में लगे रहे, जो सिख परंपरा की महानतम पहचान है।


सुबह का नितनेम—भोर में भी उमड़ी संगत

29 नवंबर की सुबह 3 बजे कार्यक्रम के समापन के बाद नितनेम के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुनः गुरुद्वारे में उपस्थित रहे।
भक्ति का यह प्रवाह सुबह तक जारी रहा, जिसने पूरे कार्यक्रम को और भी पवित्र व ऐतिहासिक बना दिया।


समापन समारोह—सिरोपा देकर सम्मानित किए गए रागी और कथावाचक

कार्यक्रम के समापन पर श्री गुरु सिंह सभा कमेटी, मुज़फ्फरनगर के—

  • प्रधान सरदार सतपाल सिंह मान

  • सचिव सरदार अजीत सिंह मलिक
    तथा सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने मंच पर उपस्थित रागियों, कीर्तनी जत्थों और कथावाचकों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया।

यह सम्मान समारोह इस बात का प्रतीक था कि गुरमत प्रचार और कीर्तन सेवा सिख समाज के लिए कितना पवित्र और आदरणीय स्थान रखती है।


Muzaffarnagar Kirtan Darbar बना सिख इतिहास का यादगार अध्याय

इस विशाल कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और गुरु तेग बहादुर साहिब जी के अद्वितीय बलिदान को याद किया।
संगत की विशाल उपस्थिति ने इस रैन सबाई कीर्तन को मुज़फ्फरनगर के सिख इतिहास में एक अविस्मरणीय आयोजन बना दिया।

गुरु साहिब की शिक्षाओं—धर्म की रक्षा, मानवता, बलिदान और निडरता—को इस कार्यक्रम में जिस भाव से याद किया गया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।


मुज़फ्फरनगर में संपन्न यह रैन सबाई कीर्तन न केवल गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस का स्मरण था, बल्कि यह भक्ति, सेवा, संगत और शहादत की वह पवित्र अनुभूति थी जिसने शहर के आध्यात्मिक वातावरण को अलौकिक बना दिया। यह आयोजन आने वाले वर्षों में भी श्रद्धालुओं द्वारा एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कार्यक्रम के रूप में याद किया जाएगा।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *