Muzaffarnagar। हाल के दिनों में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह द्वारा पुलिस लाइन में आयोजित गोष्ठी में ‘मिशन शक्ति’ और महिला बीट प्रणाली के सुदृढीकरण की चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है।

‘मिशन शक्ति’ का शुभारंभ

पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित इस गोष्ठी में जिले के सभी पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्यालय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा शारदीय नवरात्रों से ‘मिशन शक्ति’ फेज-0.5 का शुभारंभ किया जाएगा। इसके अंतर्गत महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न अभियानों की योजना बनाई गई है। महिला बीट प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी थानों में एक तिहाई बीटों को महिला बीट के रूप में चिन्हित किया गया है।

महिला बीट प्रणाली का महत्व

इस योजना के तहत, महिला आरक्षियों और महिला मुख्य आरक्षियों को बीट में नियुक्त किया गया है। इन महिला बीट अधिकारियों द्वारा घरेलू हिंसा, महिला अपराध, और संबंधित अभियुक्तों की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके साथ ही, पीड़ित महिलाओं से मुलाकात, उनकी काउंसलिंग और शिकायतों का निस्तारण भी किया जाएगा। इन कार्यों की नियमित समीक्षा की जाएगी और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला बीट अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

सुरक्षा संबंधी जागरूकता कार्यक्रम

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी बीट में जाकर ग्राम प्रधानों, स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। इनमें महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी। UP पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सुरक्षा संबंधित सेवाओं जैसे वूमेन पावर लाइन (1090), महिला हेल्पलाइन (181) और अन्य हेल्पलाइन नंबरों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

आईजीआरएस और शिकायत निस्तारण

इस गोष्ठी में आईजीआरएस (इंटरएक्टिव ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) पर भी चर्चा की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने निर्देशित किया कि आईजीआरएस से प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का निस्तारण समय सीमा के भीतर किया जाए। महिला अपराधों से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने की आवश्यकता है।

संगठित अपराधों पर कार्रवाई

अंत में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अवैध शराब, जुआ, सट्टा और मादक पदार्थ की बिक्री जैसे संगठित अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही। सभी थाना प्रभारियों को ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

इस प्रकार, मुजफ्फरनगर में महिला सुरक्षा के प्रति उत्तर प्रदेश पुलिस का यह नया कदम एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में है। पुलिस द्वारा उठाए गए इस कदम से न केवल महिलाओं के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें समाज में एक सशक्त स्थान भी मिलेगा। आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रमों से महिलाओं को अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का मौका मिलेगा।

महिला बीट अधिकारी द्वारा अपनी-अपनी बीट में जाकर ग्राम प्रधान आदि के सहयोग से स्कूलध्कॉलेज, कोचिंग संस्थान आदि में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन हेतु विभिन्न कार्यक्रम व गोष्ठी करके उन्हें सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए महिलाओं/बालिकाओं/छात्राओं के सुरक्षार्थ यूपी पुलिस द्वारा चलाई जा रही सुरक्षा संबंधित सेवाएँ जैसे वूमेन पावर लाइन १०९०, महिला हेल्पलाइन १८१, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन १०७६, पुलिस आपातकालीन सेवा ११२, चाइल्ड हेल्पलाइन १०९८, स्वास्थ्य सेवा १०२, एम्बुलेंस सेवा, महिला हेल्पलाइन १०८, थाने के सीयूजी नम्बर एवम अपराध सम्बन्धी कानूनों के बारे में जानकारी देना, महिलाओं एवं बच्चो की मानव तस्करी के बारे में जानकारी देना, पाक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देना, महिलाओं के लिए विविध सहायता, डालसाध्सालसाध्विविध परामर्श केन्द्र के बारे में जानकारी देकर जागरुक किया जाएगा।

यह गोष्ठी न केवल पुलिस अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। जब तक हम सभी मिलकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम नहीं करेंगे, तब तक वास्तविक परिवर्तन संभव नहीं है। मुजफ्फरनगर का यह प्रयास निश्चित रूप से अन्य जिलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।



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