मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) ।एक माँ के लिए हर दिन विशेष होता है, लेकिन जब समाज और विद्यालय मिलकर उसे सार्वजनिक मंच पर सम्मानित करें, तो वह पल स्वर्णिम बन जाता है। इसी भावना के साथ मुज़फ्फरनगर स्थित Grain Chamber Public School के जूनियर विंग में मातृदिवस 2025 का आयोजन भव्यता और हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। स्कूल परिसर भावनाओं, प्रेम, और ममता की एक सुंदर मिसाल बन गया, जहाँ माताओं को सम्मानित कर उनका आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत – वंदे मातरम् और सरस्वती पूजन से
सुबह जैसे ही सूरज ने अपनी पहली किरणों से धरती को रोशन किया, वैसे ही स्कूल परिसर में “वंदे मातरम्” की गूंज ने माहौल को भक्तिमय कर दिया। हेडमिस्ट्रेस ममता चौहान, मुख्य अतिथियों शशि गर्ग, आशा संगल और रेनू गोयल के साथ-साथ समस्त स्टाफ की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। सभी अतिथियों और माताओं का स्वागत पारंपरिक ढंग से तिलक व चरण धोकर किया गया, जिसने भारतीय संस्कृति की जड़ें और गहराई दर्शाई।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ – नृत्य, गायन और कविताएँ बनीं आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा माताओं द्वारा प्रस्तुत किये गए दिल को छू जाने वाले गीत, नृत्य और कविताएँ। “हैप्पी मदर्स डे”, “इत्ती सी हंसी”, “उंगली पकड़कर चलना सिखाया”, “तू कितनी अच्छी है मेरी प्यारी माँ” जैसे गीतों पर माताओं ने न केवल नृत्य किया बल्कि अपनी संपूर्ण भावनाएं इन प्रस्तुतियों में उड़ेल दीं। कई माताओं ने मंच से अपनी कविताओं और अनुभवों के माध्यम से माँ-बेटे के रिश्ते की पवित्रता को रेखांकित किया।
माँ की भूमिका पर वक्तव्य – प्रेरक और संवेदनशील संदेश
विद्यालय के प्राचार्य आज़ाद वीर ने मातृत्व की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “माँ अपने बच्चों की पहली शिक्षिका होती है, वह जीवन की हर कठिनाई में प्रेरणा और शक्ति का स्रोत है। माँ वह स्नेहधारा है, जो हर परिस्थिति में अपने बच्चे को संबल देती है।”
हेडमिस्ट्रेस ममता चौहान ने अपने संदेश में कहा, “माँ का होना मनुष्य के लिए ईश्वर का दिया गया सबसे बड़ा वरदान है। मातृदिवस हमें यह स्मरण कराता है कि जीवन की जड़ों में माँ की ममता ही सबसे मजबूत स्तंभ होती है।”
कार्यक्रम का संचालन और आयोजन – अनुशासित और दिल छूने वाला
कार्यक्रम का संचालन बेहद भावपूर्ण और अनुशासित रूप में रूचि रानी, रश्मि पालीवाल, और बिंदिया त्यागी द्वारा किया गया। उन्होंने पूरे कार्यक्रम में उत्साह, गरिमा और अनुशासन बनाए रखा। पूरे आयोजन को सफल बनाने में स्कूल के सभी शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की मेहनत और भावनात्मक जुड़ाव स्पष्ट दिखाई दिया।
ग्रेन चेंबर स्कूल – संस्कारों और संस्कृति का संगम
Grain Chamber Public School ने एक बार फिर साबित किया कि वह न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों में अग्रणी है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराता है। इस आयोजन ने यह दिखा दिया कि विद्यालय बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों, आदर्शों और परिवारिक संस्कृति का भी पाठ पढ़ाता है।
मातृत्व की मूरतें – माँओं को मिला सम्मान और अपनापन
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली माताएँ बेहद भावुक दिखीं। कुछ की आँखों में आँसू थे, तो कुछ की मुस्कान में संतोष झलक रहा था। कई माताओं ने बताया कि यह उनके जीवन का ऐसा अनुभव था जिसे वह कभी नहीं भूलेंगी।
“यह मेरे लिए केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास था कि हमारी ममता की कद्र समाज भी करता है,” – श्रीमती अनुपमा शर्मा, एक अभिभावक ने कहा।
मातृदिवस की सार्थकता – बच्चों ने भी कहा धन्यवाद माँ
छोटे-छोटे बच्चों ने अपने हाथों से बनाए कार्ड्स, रंगीन चित्र, और गीतों के माध्यम से अपनी माओं को धन्यवाद कहा। इस अवसर पर बच्चों के चेहरे की मासूम खुशी और माँओं की आँखों में गर्व का तेज कार्यक्रम को भावनात्मक ऊँचाइयों तक ले गया।
क्या कहता है समाज – माँ केवल एक रिश्ता नहीं, वह सम्पूर्ण जीवन है
मातृदिवस केवल एक दिन नहीं, यह एक विचार है, एक चेतना है, जो हमें हर उस बलिदान की याद दिलाता है जो माँ हमारे लिए करती है। Grain Chamber School का यह आयोजन एक मिसाल है, जो अन्य शिक्षण संस्थानों को प्रेरित करेगा कि मातृत्व का सम्मान केवल घर तक सीमित नहीं होना चाहिए, उसे सार्वजनिक मंच मिलना चाहिए।
प्रेरणा, समर्पण और ममता का अद्वितीय संगम बना ये आयोजन
Muzaffarnagar Mother’s Day celebration at Grain Chamber School ने यह सिद्ध कर दिया कि जब शिक्षा के मंदिर में भावनाओं की आरती सजती है, तो समाज में एक नई चेतना का जन्म होता है। ऐसे आयोजनों से बच्चों में आदर, प्रेम, सेवा और भावनात्मक जुड़ाव की भावना विकसित होती है, जो उनके संपूर्ण विकास का अभिन्न हिस्सा है।