Muzaffarnagar में शिक्षक समाज की एक बड़ी और भावनात्मक पहल सामने आई है। Teachers Self Care Team द्वारा दिवंगत शिक्षिका किशवर खातून के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
यह राशि किसी सरकारी स्कीम के तहत नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के चार लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा मात्र 15-15 रुपये के योगदान से एकत्र की गई है—जो शिक्षक समुदाय की एकजुटता और सेवा भावना की अनोखी मिसाल है।
किशवर खातून कंपोजिट स्कूल शेरपुर, ब्लॉक सदर, जिला मुज़फ्फरनगर में इंचार्ज अध्यापिका थीं और नवंबर 2024 में उनका दुखद निधन हो गया था। वह Teachers Self Care Team की सक्रिय सदस्य थीं और स्वयं भी कई दिवंगत साथियों के परिवारों की सहायता में आगे रहती थीं।
परिवार तक सीधे बैंक खाते में भेजी गई सहायता—किशवर खातून के तीन बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित
स्वर्गीय किशवर खातून के परिवार में—
शामिल हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
टीम के सदस्यों ने पारदर्शिता बरतते हुए परिवार के नॉमिनी के बैंक खाते में सीधे 50 लाख रुपये भेजे, ताकि किसी प्रकार की देरी, कटौती या तकनीकी जटिलता परिवार के समक्ष न आए।
इस आर्थिक सहायता ने परिवार को एक बड़ी राहत दी है, जो एकाकीपन और आर्थिक संकट के दोहरे बोझ से गुजर रहा था।
Teachers Self Care Team—सिर्फ 15 रुपये की शक्ति से हजारों परिवारों का सहारा
Teachers Self Care Team की स्थापना जुलाई 2020 में विवेकानंद और उनके साथियों द्वारा की गई थी।
आज यह टीम उत्तर प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था में सहकार, संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का सबसे सशक्त उदाहरण बन चुकी है।
वर्तमान में—
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4,00,000+ शिक्षक और कर्मचारी इसके सदस्य हैं
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हर सदस्य प्रति माह केवल 15 रुपये देता है
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टीम सीधे दिवंगत शिक्षकों के परिवारों के बैंक खातों में सहायता भेजती है
टीम के राज्य संगठन मंत्री और कोर टीम सदस्य डॉ. फर्रुख हसन ने बताया कि—
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केवल इस महीने प्रदेश के विभिन्न जिलों के 20 दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को करीब 10 करोड़ रुपये भेजे गए
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हर परिवार को लगभग 50 लाख रुपये मिलते हैं
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पाँच वर्षों में टीम ने 436 शिक्षक परिवारों को करीब 218 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की है
यह आँकड़े इस बात का सबूत हैं कि जब समाज एकजुट होता है, तो छोटे-छोटे योगदान भी बड़े परिवर्तन की नींव रख देते हैं।
चिकित्सा, बेटियों के विवाह और आपदाओं में भी आगे रहती है टीम
Teachers Self Care Team केवल अंतिम संस्कार या दिवंगत शिक्षकों के परिवारों की मदद तक सीमित नहीं है।
यह टीम—
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गम्भीर बीमारियों
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ऑपरेशन
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दुर्घटनाओं
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बेटियों के विवाह
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और आपातकालीन आर्थिक संकट
में भी जरूरतमंद साथियों की मदद करती है।
टीम की विशेषता इसकी पारदर्शिता और निस्वार्थ भावना है।
हर सहायता सीधे लाभार्थी तक पहुंचती है—बिना किसी मध्यस्थ, फीस, कागज़ी झंझट या देरी के।
Muzaffarnagar News में शिक्षकों की इस एकजुटता को मिली बड़ी सराहना
शिक्षकों, कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों ने इस सहायता को शिक्षण समुदाय की अद्वितीय एकता और मानवीय संवेदना का उदाहरण बताया।
कई लोगों ने कहा कि—
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15 रुपये का यह छोटा योगदान बड़े संकट में सहारा बन जाता है
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शिक्षक समाज उसी आदर्श को जी रहा है, जिसकी सीख वह छात्रों को देता है
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इस मॉडल को देश भर में लागू किया जाना चाहिए
Teachers Self Care Team ने न केवल एक आर्थिक सुरक्षा प्रणाली बनाई है, बल्कि समाज में देखभाल, सद्भाव और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत किया है।
Muzaffarnagar में दर्ज यह पहल शिक्षकों के सामूहिक प्रयास की शक्ति को दर्शाती है। दिवंगत शिक्षिका किशवर खातून के परिवार को मिली 50 लाख रुपये की सहायता यह साबित करती है कि शिक्षक सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज की हर कठिन घड़ी में एक-दूसरे के सच्चे साथी भी हैं। Teachers Self Care Team ने संवेदनशीलता और सहयोग की नई परिभाषा लिखी है, जो पूरे प्रदेश में आशा और इंसानियत की प्रेरक मिसाल बन चुकी है।
