Muzaffarnagar उत्तर प्रदेश — शुक्रवार को मुजफ्फरनगर ने एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनते हुए राष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता दिवस को भव्यता और गरिमा के साथ मनाया। जानसठ रोड स्थित बैंकट हॉल पत्रकारों और गणमान्य अतिथियों से खचाखच भरा था, जब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित गोष्ठी में पत्रकारिता के दिग्गजों को सम्मानित किया गया।

जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित गोष्ठीमाँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
इस यादगार आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया गया। इस दौरान कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुंचे पैरा वॉलीबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन राघव अग्रवाल, डिस्कवरी चैनल के निदेशक फोटोग्राफी जीशान हैदर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय कुमार सिंह, मंडलीय सूचना अधिकारी दिलीप कुमार गुप्ता, समाजसेवी देवराज पंवार, संरक्षक संजय मिश्रा और विजय प्रताप सिंह मंच पर उपस्थित रहे।

मैजिक डांस एकेडमी की प्रस्तुतियों ने जीता दिल
कार्यक्रम की शुरुआत में मैजिक डांस एकेडमी, गांधी कॉलोनी के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। बच्चों की परफॉर्मेंस ने तालियों की गूंज से हॉल को गुंजायमान कर दिया।

वरिष्ठ पत्रकारों को मिला सम्मान का ताज
एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ पत्रकार गोविंद वर्मा, समाजसेवी देवराज पंवार, संरक्षक संजय मिश्रा, और विजय प्रताप सिंह को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। उनके साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कई अन्य पत्रकारों को भी स्मृति चिन्ह देकर सराहा गया।

जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कंधों पर सजी साख की जिम्मेदारी
गोष्ठी में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव मोहन गोयल, राष्ट्रीय महासचिव काजी अमजद अली, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुज अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शरद शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष शिवम जैन, प्रदेश प्रधान महासचिव अमित सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता, प्रदेश संगठन मंत्री राकेश गुप्ता, प्रदेश महासचिव अमजद रजा, जिलाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, जिला महासचिव नैय्यर अब्बास, कार्यालय प्रभारी रचित गोयल की सक्रिय भूमिका रही।

बिजनौर से लेकर जिले तक की मौजूदगी ने भरा उत्साह
इस आयोजन में अन्य गणमान्य और पत्रकारों की लिस्ट भी शानदार रही। जिनमें शामिल थे:
नीतीश मलिक, नीरज कुमार, शक्ति सिंह, वी.पी. सिंह (जिलाध्यक्ष बिजनौर), सचिन गुप्ता, जुगनू शर्मा, दिलशाद मलिक, धर्मेंद्र सिंह, धर्मेंद्र कुमार, मेहराब खान, सुरेश धीमन, अरविंद कुमार, और खुशबू। सभी ने कार्यक्रम को सफल और ऐतिहासिक बनाने में योगदान दिया।

पत्रकारिता के मूल्यों पर विचार और विमर्श
वक्ताओं ने लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका पर चर्चा की और कहा कि आज जब मीडिया पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है, ऐसे में पत्रकारों को और अधिक सतर्क और जिम्मेदार होने की आवश्यकता है।

पत्रकार सुरक्षा और सशक्तिकरण की आवाज
गोष्ठी में यह भी मांग उठी कि सरकार को पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून बनाना चाहिए। इससे पत्रकार निडर होकर सच्चाई सामने ला सकें।

युवा पत्रकारों के लिए बना सीखने का मंच
वरिष्ठ पत्रकारों ने युवाओं को तकनीकी दक्षता, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्हें सिखाया गया कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा है।

प्रेस की स्वतंत्रता का जश्न
यह आयोजन न सिर्फ एक सम्मान समारोह था, बल्कि एक सशक्त संदेश भी — कि हिंदी पत्रकारिता आज भी जनचेतना की सबसे प्रभावशाली आवाज है।


मुजफ्फरनगर की धरती ने इस दिन न सिर्फ पत्रकारिता के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी। ऐसे आयोजनों से न केवल पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि लोकतंत्र की नींव और भी सशक्त होती है।



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