Muzaffarnagar Financial Literacy Camp के तहत खानूपुर और भेसी ग्राम पंचायतों में तीन महीने के संतृप्ति अभियान के दौरान वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता और समावेशन बढ़ाना था, ताकि ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें।


भारतीय रिजर्व बैंक और क्रिसिल फाउंडेशन का सहयोग

शिविरों में भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ श्रवण कुमार, एलडीएम शिशिर त्रिवेदी और क्रिसिल फाउंडेशन की सीबीओ शीजा खानम ने ग्रामीणों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। इन विशेषज्ञों ने वित्तीय योजनाओं, डिजिटल लेनदेन और बचत के महत्व को विस्तार से समझाया।


ग्राम खानूपुर में वित्तीय साक्षरता शिविर

मनीवाईज वित्तीय साक्षरता केंद्र खतौली के सेंटर मैनेजर मोहित कुमार ने ग्राम खानूपुर में शिविर का संचालन किया। इस अवसर पर एलडीओ श्रवण कुमार ने केवाईसी के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए यह कितना आवश्यक है। उन्होंने युवाओं के लिए युवा उद्यमी योजना और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों के बारे में जानकारी दी, जो ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते हैं।


बचत और निवेश: ग्रामीणों को दी गई विस्तृत जानकारी

क्रिसिल फाउंडेशन की क्षमता वर्धन अधिकारी शीजा खानम ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बचत और बजट बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना, आवर्ती जमा, सावधि जमा, लोक भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी निवेश योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से अप्रत्याशित परिस्थितियों में वित्तीय सहायता प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन किया।


डिजिटल लेनदेन और साइबर सुरक्षा

डिजिटल धोखाधड़ी और सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के महत्व पर भी जोर दिया गया। एलडीएम शिशिर त्रिवेदी ने कहा, “एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति पूरे जीवन पैसे के लिए काम करता है, जबकि अमीर आदमी के लिए पैसा काम करता है। पैसे को काम पर लगाना सीखना ही सफलता की कुंजी है।”


भेसी ग्राम पंचायत में शिविर: सरकारी योजनाओं का ज्ञान

खतौली ब्लॉक की एफसी समरीन के नेतृत्व में भेसी में आयोजित शिविर में ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और डिजिटल बैंकिंग के लाभ बताए गए। स्थानीय साइबर पुलिस ने डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपाय बताए, जैसे एटीएम पिन, ओटीपी और सीवीवी को किसी के साथ साझा न करना, जिससे ग्रामीण सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं का उपयोग कर सकें।


शिविरों में उपस्थित गणमान्य नागरिक और आयोजक

इस अवसर पर वित्तीय साक्षरता केंद्र हेमंत कुमार, एसबीआई से वीरेश कुमार, ग्राम प्रधान अमित कुमार, जानसठ के फील्ड कोर्डिनेटर वसीम अहमद और अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इन शिविरों ने तीन महीने के संतृप्ति अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम योगदान दिया।


ग्रामीणों के लिए डिजिटल बैंकिंग का महत्व

Muzaffarnagar Financial Literacy Camp ने ग्रामीणों को यह समझाया कि डिजिटल बैंकिंग आज की आवश्यकता है। समय के साथ चलना ही सफलता की कुंजी है। डिजिटल सेवाओं का प्रयोग न करने से ग्रामीण पीछे रह सकते हैं। इसलिए उन्हें डिजिटल बैंकिंग की पूरी जानकारी और सुरक्षा उपाय समझाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य रहा।

Muzaffarnagar Financial Literacy Camp ने ग्रामीणों को वित्तीय जागरूकता, बचत, निवेश और डिजिटल बैंकिंग के महत्व के बारे में जानकारी देकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त बनाया। इन शिविरों ने ग्रामीणों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।



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