Muzaffarnagar जिले में निर्वाचन प्रक्रिया को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में यह बैठक भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान स्थलों के सम्भाजन पर आयोजित की गई। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे, जिनसे चुनावी प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया गया।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान स्थलों के सम्भाजन का रोडमैप
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान स्थलों के सम्भाजन के संबंध में रोडमैप का ऐलान कर दिया है, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सटीक तरीके से पूरा किया जा सके। इस बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्र के मतदेय स्थलों के सम्भाजन के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम घोषित किया गया है।
मतदान स्थलों का भौतिक सत्यापन और नए स्थल की स्थापना की प्रक्रिया
बैठक में यह भी बताया गया कि मतदान स्थलों के भौतिक सत्यापन का कार्य 29 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक पूरा किया गया। साथ ही, नए मतदेय स्थलों की स्थापना के लिए भवनों का चिन्हांकन भी किया गया। चुनाव आयोग ने 6 नवंबर से लेकर 7 नवंबर तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मतदान स्थलों के प्रस्ताव तैयार किए।
मतदान स्थल की आलेख्य सूची का प्रकाशन और सुझावों का निस्तारण
इसके बाद, मतदान स्थलों की आलेख्य सूची का प्रकाशन 10 नवंबर को किया गया। साथ ही, राजनीतिक दलों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गईं, जिनका निस्तारण 18 नवंबर तक किया जाएगा। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के बाद मतदान स्थलों के सभी प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे, जो 19, 20, और 21 नवंबर तक उपलब्ध कराए जाएंगे।
मतदाता सूची की स्वच्छता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास
जिला निर्वाचन अधिकारी उमेश मिश्रा ने निर्वाचन नामावलियों के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी। इस कार्यक्रम के तहत बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) द्वारा घर-घर जाकर मतदाताओं से फार्म भरवाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि यदि किसी बीएलओ की नियुक्ति नहीं की गई है, तो उसे शीघ्र नियुक्त किया जाए ताकि मतदाता सूची स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से तैयार की जा सके।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का सकारात्मक योगदान
बैठक में उपस्थित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए। इनमें प्रमुख दलों जैसे भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), सीपीआई (CPI), बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य छोटे दलों के पदाधिकारी शामिल थे। सभी ने मतदान प्रक्रिया को सुधारने और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
किस प्रकार मतदान प्रक्रिया में सुधार की दिशा में उठाए गए कदम
निर्वाचन आयोग द्वारा इस बैठक में उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट हो गया कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इससे न केवल मतदान स्थलों की सही पहचान हो सकेगी, बल्कि मतदाता सूची की स्वच्छता भी बनी रहेगी।
चुनाव आयोग की सख्त निगरानी और स्थानीय प्रशासन का सहयोग
इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन ने चुनावी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। प्रशासन की सख्त निगरानी में चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस बैठक में जिले के अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी, और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी ने अपनी राय दी और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में सहयोग करने की बात की।
उम्मीद जताई गई कि मतदान प्रक्रिया में इन सुधारों के बाद चुनावी परिणामों में और अधिक विश्वसनीयता आएगी।
इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन मिलकर आगामी विधानसभा चुनावों को सशक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इन सुधारों के साथ, मतदाता सूची की स्वच्छता, मतदान स्थलों की सटीकता, और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी। सभी राजनीतिक दलों और प्रतिनिधियों से अपील की जाती है कि वे चुनावी प्रक्रिया में प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें ताकि लोकतंत्र की मूल भावना को बल मिल सके।
