Muzaffarnagar: विजयदशमी के पावन पर्व पर शाहपुर कन्या इंटर कॉलेज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों द्वारा भव्य पथ संचलन निकाला गया। इस आयोजन में स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश धारण किए हुए थे, और “भारत माता की जय” के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था। इस तरह के पथ संचलन भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो देश की एकता और अखंडता के प्रतीक माने जाते हैं।

पथ संचलन का मार्ग और समापन

पथ संचलन नगर के विभिन्न स्थानों से होते हुए वापस कन्या इंटर कॉलेज पर पहुंचा, जहां इसका समापन हुआ। इस अवसर पर पूर्व विधायक उमेश मलिक, श्यामपाल भाईजी, डा. हरवीर आर्य, मणिकांत मित्तल, विजय चौधरी, पूर्व चेयरमैन प्रमेश सेनी, विजय बंसल, डा. कुलदीप त्यागी, संदीप बंसल और अनुज सैनी जैसे गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। यह सब लोग इस आयोजन के महत्व को समझते हुए इसमें शामिल हुए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऐसे आयोजन समाज में कितना महत्व रखते हैं।

नई मंडी पटेलनगर में विशेष आयोजन

वहीं दूसरी ओर, नई मंडी पटेलनगर स्थित आरएसएस शाखा से भी स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला। यह पथ संचलन पूरी मंडी की परिक्रमा करते हुए वापस पटेलनगर शाखा पर समाप्त हुआ। इस दौरान काफी संख्या में आरएसएस और हिंदू संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे। इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक मान्यता को दर्शाते हैं, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामुदायिक सहयोग को भी बढ़ावा देते हैं।

विजयदशमी का महत्व

विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी। ऐसे पर्व पर पथ संचलन जैसे कार्यक्रम हमें यह याद दिलाते हैं कि हमें हमेशा सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

पथ संचलन का आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमें एकजुट होने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का भी अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में सकारात्मकता और प्रेरणा का संचार करते हैं, जिससे युवा पीढ़ी को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।

सांस्कृतिक विविधता का उत्सव

इस आयोजन में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों ने अपने साथ अपने परिवारों को भी लाया। यह सांस्कृतिक विविधता का एक बड़ा उत्सव था, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने अपने उत्साह और जोश के साथ इस पर्व को मनाया। यह देखकर यह स्पष्ट होता है कि ऐसे कार्यक्रम न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देते हैं।

आरएसएस और समाज का योगदान

आरएसएस, जिसे सामाजिक समर्पण और सेवा के लिए जाना जाता है, ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करता है। संगठन का उद्देश्य न केवल धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाना भी है। इस प्रकार के पथ संचलन और कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं।

पथ संचलन जैसे कार्यक्रम समाज में एकता, अखंडता और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विजयदशमी पर निकला यह विशाल पथ संचलन न केवल आरएसएस के सदस्यों के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम अपने देश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को जीवित रख सकते हैं।

इस प्रकार, मुजफ्फरनगर में आयोजित यह पथ संचलन विजयदशमी के अवसर पर एक नई ऊर्जा और सामूहिक भावना का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति में उत्सव केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

इस प्रकार, इस विजयदशमी पर निकला विशाल पथ संचलन मुजफ्फरनगर की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।



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