Muzaffarnagar में बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय मोड में आ चुका है। इसी क्रम में Muzaffarnagar cyber crime की रोकथाम और प्रभावी कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने रिज़र्व पुलिस लाइन स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा गोष्ठी आयोजित की।
इस बैठक में जिले के समस्त क्षेत्राधिकारी, साइबर थाना, और सभी थानों में नियुक्त साइबर क्राइम टीमों ने भाग लिया।
विशेष बात यह रही कि बैठक में नोडल अधिकारी साइबर क्राइम—पुलिस अधीक्षक अपराध श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ भी मौजूद रहीं, जिन्होंने साइबर अपराधों के तकनीकी पहलुओं पर महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
डीजीपी के निर्देशों पर आधारित समीक्षा—सभी अधिकारियों को सख्त अनुपालन का आदेश
राष्ट्र स्तर पर लगातार बढ़ते साइबर षड्यंत्रों और डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए बैठक में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी निदेशों को विस्तार से समझाया गया।
SSP ने स्पष्ट किया कि—
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प्रत्येक आदेश का सख्ती से पालन अनिवार्य है,
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किसी भी साइबर शिकायत की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी,
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समयबद्ध निस्तारण ही थानों की कार्यक्षमता का प्रमुख आधार माना जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि साइबर अपराधों से संबंधित हर शिकायत का तत्काल संज्ञान लिया जाए और पीड़ित की आर्थिक हानि की अधिकतम रिकवरी कराने का प्रयास प्राथमिकता पर किया जाए।
फिशिंग, UPI फ्रॉड से लेकर सोशल मीडिया हैकिंग तक—सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई का आदेश
बैठक में कई प्रकार के साइबर अपराधों का विस्तृत समीक्षा की गई, जिनमें प्रमुख थे—
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फिशिंग
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ऑनलाइन मनी फ्रॉड
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ओटीपी/यूपीआई ठगी
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सोशल मीडिया हैकिंग
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नकली कस्टमर केयर
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निवेश धोखाधड़ी
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फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
SSP ने साइबर क्राइम टीमों को निर्देश दिया कि गंभीर मामलों में तुरंत FIR दर्ज, तकनीकी विश्लेषण शुरू किया जाए और ठगों के डिजिटल ट्रेल को ट्रेस कर कार्रवाई तेज की जाए।
साइबर सेल को तकनीकी विश्लेषण पर विशेष फोकस—डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रखना अनिवार्य
सभी साइबर सेल टीमों को निर्देशित किया गया कि—
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डिजिटल साक्ष्य (Digital Evidence) को सुरक्षित रखने में किसी तरह की लापरवाही न हो
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वॉलेट ट्रेसिंग, बैंक लॉग, IP विवरण, लेन-देन रिकॉर्ड की तुरंत जांच हो
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डार्क वेब गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए
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SIM धोखाधड़ी और फर्जी मोबाइल नंबरों की पहचान तेजी से की जाए
SSP वर्मा ने कहा कि साइबर अपराध सिर्फ तकनीकी चुनौती नहीं है, बल्कि यह अपराधियों के लिए आर्थिक शोषण का नया हथियार बन चुका है, इसलिए तकनीकी दक्षता बेहद आवश्यक है।
1930 हेल्पलाइन और बैंक समन्वय—रिकवरी में तेजी लाने का लक्ष्य
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि पीड़ितों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद बैंक और वित्तीय संस्थानों के साथ तेज समन्वय बेहद जरूरी है।
साइबर हेल्पलाइन 1930 को भी प्रभावी ढंग से उपयोग में लाने के निर्देश दिए गए।
SSP ने कहा कि कई मामलों में पीड़ित की राशि उचित समय में ब्लॉक कराकर वापस कराई जा सकती है, लेकिन इसके लिए—
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बैंक
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साइबर सेल
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और हेल्पलाइन 1930
का त्वरित तालमेल अनिवार्य है।
स्कूलों से लेकर बाजारों तक—व्यापक स्तर पर साइबर जागरूकता अभियान चलेगा
साइबर अपराध रोकथाम का सबसे सशक्त हथियार जागरूकता है। इसलिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि—
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विद्यालयों
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कॉलेजों
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भीड़-भाड़ वाले बाजारों
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ग्राम सभाओं
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
पर बड़े पैमाने पर साइबर जागरूकता अभियान चलाया जाए।
लोगों को OTP साझा करने के खतरे, फर्जी लिंक, QR ठगी, और कस्टमर केयर फ्रॉड जैसे मामलों के बारे में सचेत किया जाएगा।
इंटर-स्टेट साइबर गिरोहों पर भी कार्रवाई तेज—अन्य राज्यों की एजेंसियों से तालमेल आवश्यक
SSP वर्मा ने कहा कि कई साइबर अपराधी गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय होते हैं।
अतः आदेश दिया गया कि—
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अन्य राज्यों की साइबर क्राइम यूनिट्स
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पुलिस एजेंसियों
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और तकनीकी संस्थाओं
के साथ मजबूत तालमेल किया जाए, ताकि अपराधियों तक पहुंचा जा सके।
गिरफ्तारी के प्रयासों को और तेज करने के निर्देश भी जारी किए गए।
प्रत्येक थाने में साइबर शिकायतों की नियमित निगरानी—SSP का साफ संदेश
SSP संजय कुमार वर्मा ने दोहराया कि जिले का कोई भी थाना साइबर शिकायतों की मॉनिटरिंग में लापरवाही न करे।
उन्होंने निर्देश दिया कि—
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हर शिकायत का फॉलोअप
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शिकायतकर्ता से संवाद
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और डिजिटल जांच की अपडेट रिपोर्ट
नियमित रूप से तैयार की जाए।
यह भी स्पष्ट किया गया कि साइबर अपराधों में धीमी कार्रवाई या लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुजफ्फरनगर में आयोजित यह उच्चस्तरीय साइबर समीक्षा बैठक इस बात का स्पष्ट संकेत है कि Muzaffarnagar cyber crime की रोकथाम के लिए प्रशासन अब पूरी तरह आक्रामक और तकनीकी रूप से सक्षम मोड में काम कर रहा है। SSP संजय कुमार वर्मा द्वारा दिए गए निर्देश जिले में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम हैं, जो आम जनता को ऑनलाइन ठगी और डिजिटल अपराधों से सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
