मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) शुक्रवार की नमाज से पूर्व सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक फ्लैग मार्च का आयोजन किया। इस मार्च का उद्देश्य न केवल आम जनमानस को सुरक्षा का एहसास कराना था, बल्कि असामाजिक तत्वों को स्पष्ट संदेश देना भी था कि कानून का शासन मजबूत है। इस फ्लैग मार्च ने नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाया और शहर में सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत किया।

फ्लैग मार्च की विशेषताएं

फ्लैग मार्च के दौरान मुजफ्फरनगर पुलिस ने प्रमुख चौराहों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में गश्त की। इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, दंगा निरोधी उपकरणों से लैस, उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत, सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर व्योम बिंदल, प्रभारी निरीक्षक खालापार महावीर सिंह चौहान, थानाध्यक्ष कोतवाली नगर श्री अक्षय शर्मा, और थाना सिविल लाइन के प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार ने पुलिस बल का नेतृत्व किया।

इस फ्लैग मार्च ने एक बार फिर यह साबित किया कि पुलिस प्रशासन समय पर और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। पुलिसकर्मी न केवल अपने रूटीन कर्तव्यों में लगे हुए थे, बल्कि नागरिकों से सीधे संवाद कर उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक भी कर रहे थे।

स्थानीय लोगों से संवाद

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और धर्मगुरुओं से बातचीत की। पुलिस ने उन्हें बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है और किसी भी भड़काऊ, गलत या अशोभनीय पोस्ट को शेयर करने से बचने की सलाह दी। साथ ही, लोगों से यह भी कहा गया कि वे किसी भी भ्रामक जानकारी की पुष्टि पुलिस या प्रशासन से करें। नागरिकों को यह समझाया गया कि हर एक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह किसी भी प्रकार की कानून-विरोधी गतिविधि से दूर रहे और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करे।

ड्रोन कैमरों से निगरानी

फ्लैग मार्च के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया। इन कैमरों ने संवेदनशील इलाकों की हवाई निगरानी की, जिससे पुलिस को हर गतिविधि की रियल-टाइम जानकारी मिली। ड्रोन तकनीक ने पुलिस को त्वरित निर्णय लेने में सक्षम बनाया और किसी भी अप्रिय घटना को टालने में मदद की।

पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देश

फ्लैग मार्च के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने पुलिस बल को सतर्क रहकर ड्यूटी निभाने की दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में निरंतर गश्त की जाए। असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए और संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की चेकिंग को भी प्राथमिकता दी गई।

सुरक्षा की दृष्टि से अनोखा कदम

मुजफ्फरनगर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना हो रही है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस तरह के कदमों से उनकी सुरक्षा की भावना में वृद्धि होती है और उन्हें कानून-व्यवस्था की ताकत का एहसास होता है। एक निवासी ने कहा, “पुलिस का फ्लैग मार्च हमें यह विश्वास दिलाता है कि हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से पुलिस के हाथों में है। हमें आशा है कि इस तरह की निगरानी और सतर्कता से हमारे शहर में शांति बनी रहेगी।“

सोशल मीडिया का महत्व

समय के साथ, सोशल मीडिया ने हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनकर सुरक्षा से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से नजर रखे हुए हैं। किसी भी तरह की अफवाह या भ्रामक सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरनगर में फ्लैग मार्च का आयोजन केवल एक सुरक्षा अभ्यास नहीं है, बल्कि यह लोगों के बीच एक सुरक्षा संदेश देने का माध्यम है। पुलिस प्रशासन ने यह साबित कर दिया कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए वह तैयार है।

इस तरह की पहल न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि नागरिकों के बीच आपसी विश्वास को भी बढ़ावा देती है। यह कदम एक सकारात्मक संकेत है कि प्रशासन, पुलिस और जनता मिलकर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज की दिशा में काम कर रहे हैं।



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