Muzaffarnagar। विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला शिक्षा परियोजना समिति, मुजफ्फरनगर की अध्यक्षता में जिला अनुश्रवण समिति/डीटीएफ की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की सुरक्षा, भवनों की स्थिति, टीकाकरण, नामांकन, सफाई और अन्य संबंधित विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।

बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर की सुरक्षा पर विशेष जोर
बैठक के दौरान सबसे पहला फोकस परिषदीय स्कूलों में मौजूद हाई टेंशन विद्युत लाइनों पर रहा। जिलाधिकारी ने कावड़ यात्रा के दौरान बिजली के खंभों व ट्रांसफार्मरों को पॉलिथीन से लपेटने के अनुभव के आधार पर निर्देश दिए कि बारिश के मौसम में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए विद्यालयों के अंदर और बाहर मौजूद सभी ट्रांसफार्मर व बिजली के खंभों को पॉलिथीन से अच्छी तरह ढका जाए। साथ ही, यदि विद्यालय परिसर के भीतर ट्रांसफार्मर स्थित है तो उसे सख्त बैरिकेडिंग कराई जाए ताकि बच्चे दुर्घटना से बच सकें। विद्युत विभाग से आग्रह किया गया है कि लोहे के खंभों की जगह सीमेंट वाले खंभे लगाए जाएं, जिससे सुरक्षा और बढ़ सके।

जर्जर स्कूल भवनों की तत्काल ध्वस्तीकरण की व्यवस्था
विद्यालय भवनों की स्थिति की समीक्षा में जिन स्कूलों के भवन जर्जर हो गए हैं, उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तुरंत पूरी करने के निर्देश दिए गए। खंड शिक्षा अधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों व अन्य सम्बंधित अधिकारियों को 1 अगस्त 2025 तक अपने-अपने क्षेत्रों में सभी परिषदीय स्कूलों की वीडियोग्राफी करानी होगी। वीडियो में स्कूल का नाम, ग्राम का नाम, कक्षा-कक्षों की संख्या, छात्र-छात्राओं की संख्या, विद्यालय की उम्र एवं परिसर की दूरी जैसी सूचनाएं स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड करनी अनिवार्य होंगी। यह कार्य विद्यालयों की स्थिति की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक है।

स्कूलों में शत प्रतिशत टीकाकरण और साफ-सफाई का निर्देश
बैठक में यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि विद्यालयों में पढ़ रहे सभी बच्चों का टीकाकरण पूर्ण हो। साथ ही, स्कूल परिसर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। एडीओ पंचायत और सचिव को विद्यालयों की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने और उसे बेहतर बनाने का निर्देश भी दिया गया।

स्कूल चलो अभियान में नामांकन पर चिंता
स्कूल चलो अभियान की समीक्षा के दौरान जिला प्रशासन ने पिछले वर्ष की तुलना में नामांकन की कमी पर गहरी नाराजगी जताई। विशेष रूप से उन ब्लॉकों में जहाँ नामांकन कम है, खंड शिक्षा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई कि वे इस कमी को दूर करने के लिए विशेष प्रयास करें। इस दिशा में कम प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी
जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के मासिक निरीक्षणों की समीक्षा में इस बात को प्राथमिकता दी गई कि हर विद्यालय में नियमित रूप से गुणवत्ता युक्त मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाए। निरीक्षण करते हुए अधिकारी स्वयं भोजन की गुणवत्ता का जायजा लें और शिक्षक व रसोइया से बैठक कर सुधार हेतु सुझाव दें।

विद्यालय परिसर की साफ-सफाई एवं सुविधाओं की जांच
खंड शिक्षा और विकास अधिकारियों को स्कूल परिसर में जलभराव, कीचड़ या घास-पात की समस्या दूर करने तथा प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। बारिश के मौसम में छतों पर पानी जमा न हो और कक्षाओं में कहीं पानी टपकने की समस्या न आए, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

शिक्षकों के सम्मान व प्रेरणा के लिए नामांकन
अच्छे शिक्षण कार्य करने वाले कम से कम दस अध्यापकों के नाम ब्लॉकवार उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनका सम्मान समारोह आयोजित कर उनकी मेहनत को सराहा जाएगा। इससे शिक्षकों के बीच प्रतिस्पर्धा और पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार होगा।

डीबीटी भुगतान एवं बच्चों के आधार कार्ड पर कड़ी निगरानी
डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खाते में समय पर धनराशि पहुंचाने को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी बच्चों के आधार कार्ड बनवाने का कार्य भी पूरा कराया जाएगा, ताकि योजनाओं का लाभ सटीक रूप से मिल सके।

विद्यालयों के फर्नीचर की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो
विद्यालयों में बच्चों के उपयोग के लिए खरीदे जा रहे फर्नीचर की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया। खराब फर्नीचर खरीदने की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फर्नीचर की आपूर्ति के बाद जिला अधिकारी गुणवत्ता जांच सुनिश्चित करेंगे।

ऑपरेशन कायाकल्प के अधूरे कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश
विद्यालयों के फर्श और बाउंड्री वॉल के अधूरे कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए खंड विकास और शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए ये सभी कदम आवश्यक हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गंभीरता से कार्य करें ताकि क्षेत्र के विद्यालय सुरक्षित और बेहतर शिक्षा के लिए आदर्श बन सकें।

अतिरिक्त जानकारी के लिए जिला प्रशासन से समन्वय बनाये रखें और बच्चों की सुरक्षा व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। विद्यालयों की जमीनी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित किया जाएगा ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल हो सके।

 



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