Muzaffarnagarके स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप और अवैध रूप से संचालित हो रही मेडिकल प्रयोगशालाओं के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद चलाए गए एक सुनियोजित छापेमारी अभियान के तहत बुधवार को शहर की तीन प्रमुख अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबों को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया। यह कार्रवाई आम जनता को गलत और फर्जी जांच रिपोर्टों के कारण होने वाली मुसीबतों से बचाने की एक बड़ी पहल है।

लोगों की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

स्वास्थ्य विभाग की इस विशेष टीम का नेतृत्व डिप्टी सीएमओ डॉ. विपिन कुमार ने किया। टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में कई संदिग्ध लैबों का निरीक्षण किया, जिसमें से तीन लैबें पूरी तरह से बिना किसी पंजीकरण और मानकों के विपरीत चलाई जा रही थीं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन लैबों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सील करने का आदेश दिया।

किन लैबों पर गिरी कार्रवाई का गाज?

स्वास्थ्य विभाग की इस रैड में जिन तीन लैबों को सील किया गया, उनके नाम और पते हैं: एम.के. लैब, मोहल्ला गांधीनगर; डायमंड पैथोलॉजी लैब (कलेक्शन सेंटर), कमल नगर; और एडवांस पैथोलॉजी लैब, अलमासपुर रोड, कमल नगर। टीम को मौके पर ही यह पता चला कि ये सभी लैब स्वास्थ्य विभाग में बिना किसी उचित पंजीकरण और मंजूरी के सालों से चल रही थीं और हजारों मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार कर रही थीं।

गलत रिपोर्ट से होता है मरीजों का नुकसान

डिप्टी सीएमओ डॉ. विपिन कुमार ने इस कार्रवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस तरह की अवैध लैबों से जनसामान्य को बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने बताया कि इन लैबों में बिना किसी ट्रेंड टेक्नीशियन या उचित मशीनों के गलत और फर्जी रिपोर्ट तैयार की जाती हैं। इससे मरीजों का गलत इलाज होने का खतरा बना रहता है, जो उनकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। कई बार तो मामूली बीमारी की गलत रिपोर्ट आने से मरीज गंभीर परेशानी में भी आ जाते हैं।

निरंतर जारी रहेगा अभियान

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कोई एकबारगी कार्रवाई नहीं है, बल्कि झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध लैबों के खिलाफ एक निरंतर चलने वाला अभियान है। जिले के सभी इलाकों में इस तरह की और भी लैबों और क्लीनिकों पर नजर रखी जा रही है। डॉ. कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भी संस्थान या व्यक्ति बिना उचित पंजीकरण और मानकों के मेडिकल गतिविधियां चलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसे बंद करवा दिया जाएगा।

जनता से भी मांगा सहयोग

स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी पैथोलॉजी लैब या क्लीनिक में जांच कराने से पहले उसके पंजीकरण और लाइसेंस की जांच अवश्य कर लें। केवल विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त और पंजीकृत लैबों में ही अपने टेस्ट करवाएं, ताकि आपकी सेहत से कोई खिलवाड़ न हो पाए। एक सही और सटीक रिपोर्ट ही सही इलाज की पहली सीढ़ी है।

स्वास्थ्य अधिकारियों की यह कार्रवाई निश्चित तौर पर उन सभी अवैध तत्वों के लिए एक बड़ा झटका है, जो लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ करके अनैतिक तरीके से पैसा कमा रहे हैं। भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखने का विभाग का संकल्प है।

यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जहाँ आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे अवैध ठिकानों पर कार्रवाई न केवल मरीजों को गलत इलाज से बचाती है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी लाती है। स्वास्थ्य विभाग का यह सराहनीय कदम निश्चित ही एक चेतावनी का संदेश देता है।

 



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