Muzaffarnagar में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत बनाने के लक्ष्य के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सुनील तेवतिया ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जानसठ (CHC Jansath) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादरपुर (PHC Bahadurpur) का आकस्मिक दौरा किया।
यह पूरा निरीक्षण जिले में चल रही Muzaffarnagar health inspection मुहिम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा, जिसमें अस्पतालों की बेहतरी, मरीजों की सुविधा और सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के सही क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति को जाँचा गया।


स्वास्थ्य केंद्रों की संपूर्ण जाँच—ओपीडी से टीकाकरण तक हर विभाग की समीक्षा

निरीक्षण के दौरान CMO ने कई प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की—

  • ओपीडी सेवा की समयबद्धता और गुणवत्ता

  • चिकित्सकों की उपलब्धता और मरीजों से व्यवहार

  • आवश्यक दवाओं का स्टॉक

  • टीकाकरण सेवाओं की प्रगति

  • साफ-सफाई व स्वच्छता व्यवस्था

  • सभी रजिस्टरों का सही एवं अद्यतन संधारण

  • लैब सेवाओं की गुणवत्ता व उपकरणों की स्थिति

निरीक्षण के दौरान कुछ जगह अव्यवस्थाओं पर असंतोष भी जताया गया।
साफ-सफाई और रिकॉर्ड में कई कमियाँ मिलने पर स्वास्थ्यकर्मियों को तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए।


CMO के सख्त निर्देश—“लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं”

डॉ. सुनील तेवतिया ने उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों और स्टाफ से स्पष्ट शब्दों में कहा कि—
“मरीजों को गुणवत्तापूर्ण, समयबद्ध और संवेदनशील सेवाएँ देना हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर कठोर कार्रवाई तय है।”

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार, कार्यकुशलता और तत्परता सीधे मरीजों के जीवन से जुड़ी है, इसलिए मानकों से किसी भी प्रकार का विचलन स्वीकार्य नहीं होगा।
Muzaffarnagar health inspection के अंतर्गत यह सख्त रुख स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर दिशा देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।


मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ और राष्ट्रीय कार्यक्रम समीक्षा के केंद्र में

निरीक्षण के दौरान CMO ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य (MCH) कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा—

  • गर्भवती महिलाओं की समय पर जाँच

  • नवजात शिशुओं की देखभाल

  • पोषण व टीकाकरण रिकॉर्ड

  • जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान

इन सभी पहलुओं पर स्वास्थ्य केंद्रों को एकदम सक्रिय रहना होगा।

साथ ही, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों—जैसे टीबी उन्मूलन, कुष्ठ नियंत्रण, परिवार नियोजन और गैर-संचारी रोग निगरानी—की प्रगति का भी विस्तृत अवलोकन किया गया।

CMO ने सभी रिकॉर्ड को अप-टू-डेट रखने और रिपोर्टिंग में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने के आदेश दिए।


स्वच्छता, उपकरण और लैब सेवाएँ—सुधार पर विशेष जोर

निरीक्षण में पता चला कि कुछ स्थानों पर—

  • सफाई कार्य मानक के अनुरूप नहीं था

  • उपकरणों की मरम्मत लंबित थी

  • लैब में आवश्यक परीक्षण सुविधा सीमित थी

  • मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार की आवश्यकता थी

डॉ. तेवतिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी स्वास्थ्य संस्थान निर्धारित मानकों के अनुरूप काम करें और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए।

उन्होंने उपकरणों की नियमित सर्विसिंग, लैब सेवाओं के विस्तार और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया ताकि मरीजों को बिना परेशानी सभी सेवाएँ मिल सकें।


जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को ‘और प्रभावी’ बनाने की बड़ी मुहिम

CMO ने साफ कहा कि स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य जिले में ऐसी व्यवस्था तैयार करना है जिसमें—

  • मरीजों को प्रतीक्षा न करनी पड़े

  • सभी दवाएँ समय पर उपलब्ध हों

  • प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की छवि मजबूत बने

  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक सहज हों

उन्होंने यह भी कहा कि विभाग निरंतर Muzaffarnagar health inspection जारी रखेगा और आने वाले दिनों में और कई केंद्रों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया का यह औचक निरीक्षण स्पष्ट संदेश देता है कि जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करना अब प्राथमिकता का विषय है। जानसठ और बहादरपुर केंद्रों में मिली खामियों पर तत्काल कार्रवाई और सुधार के निर्देश इस बात का संकेत हैं कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मानक स्तर तक पहुँचाने के लिए विभाग पूरी गंभीरता से कदम उठा रहा है।

 



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