Muzaffarnagar। सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत महिला जिला चिकित्सालय, मुजफ्फरनगर में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 30 नवजात बेटियों की माताओं को बेबी किट, खिलौने और मिठाई देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल नवजात बेटियों का स्वागत करना था, बल्कि समाज में लिंगानुपात सुधार, कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम, और बालिकाओं के समग्र विकास को प्रोत्साहित करना भी था।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट उपस्थित लोग
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सपना कश्यप, सदस्य, महिला आयोग थीं। विशिष्ट अतिथियों में डॉ. आभा आत्रे, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, श्रीमती नीना त्यागी, संरक्षण अधिकारी, श्रीमती शिवांगी, मिशन कोऑर्डिनेटर, श्रीमती रितु, प्रबंधक राजकीय दत्तक इकाई, शिवम, जेंडर स्पेशलिस्ट, शुभम, सहायक लेखाकार तथा अरुण और नितिन शामिल रहे। इन सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।
बेटियों का सम्मान और समाज में जागरूकता बढ़ाने का संदेश
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने जोर देकर कहा कि बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं, और उनका जन्म, सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण समाज और राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नवजात बेटियों के जन्म का उत्सव मनाने के साथ ही उनके शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया। इस पहल के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हर बेटी का जन्म और उसका विकास समाज का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का महत्व
उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना इस दिशा में एक महत्वाकांक्षी कदम है। इस योजना के अंतर्गत बालिकाओं के जन्म से स्नातक/डिप्लोमा तक की शिक्षा के लिए 25,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता छह किस्तों में प्रदान की जाती है। पहली किस्त जन्म पर, अगली स्कूल प्रवेश पर और शेष उच्च शिक्षा तक चरणबद्ध रूप से दी जाती है। इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश की निवासी बालिकाओं को मिलता है, जिनके परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम हो।
समाज में बेटियों की भूमिका और संदेश
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने कहा कि बेटियाँ राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं। उनके जन्म, सुरक्षा और शिक्षा पर ध्यान देना केवल परिवार का नहीं, बल्कि समाज और सरकार का साझा कर्तव्य है। ऐसे आयोजनों से जन-जागरूकता बढ़ती है, और यह सुनिश्चित होता है कि बेटियों का सशक्तिकरण और शिक्षा समय पर और प्रभावी रूप से सुनिश्चित हो।
इस तरह के सम्मान समारोह न केवल माताओं को प्रोत्साहित करते हैं बल्कि समाज में बेटियों के महत्व को पहचानने का अवसर भी प्रदान करते हैं। नवजात बेटियों के स्वागत और उनके विकास के लिए किए गए प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि मुजफ्फरनगर में महिला और बाल कल्याण को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
📢 इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि बेटियाँ केवल परिवार की खुशियों का स्रोत नहीं, बल्कि राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की नींव हैं। हर बेटी का जन्म, सुरक्षा और शिक्षा समाज का सामूहिक कर्तव्य है।
