Muzaffarnagar श्री आदर्श रामलीला भवन समिति द्वारा पटेल नगर में आयोजित 50वें स्वर्ण जयंती श्री रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को रावण और जानकी जन्म, रावण विवाह और लंका विजय की लीला का स्थानीय कलाकारों द्वारा सुंदर और मनोहर मंचन प्रस्तुत किया गया। महोत्सव में दर्शकों की भीड़ देर रात तक बनी रही, और पूरे शहर में रामलीला का उत्सव रंग बिखेरता नजर आया।

दीप प्रज्ज्वलन और महोत्सव का शुभारंभ
रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजसेवी सत्यप्रकाश रेशू, उद्यमी प्रवीण गुप्ता दूधली वाले, और प्रेमप्रकाश अरोरा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात गणेश वंदना, श्रीरामायण पाठ और ठाकुरजी की आरती हुई, जिससे माहौल पूर्णतः धार्मिक और भक्ति रस से भर गया।

रावण की तपस्या और वरदान
लीला में भगवान ब्रह्मा ने रावण, कुंभकर्ण और विभीषण की सुमेरु पर्वत पर तपस्या देखकर उन्हें वरदान दिया। इसके साथ ही रावण की महाकाय और अभिमानी छवि का मंचन प्रभावशाली ढंग से किया गया। मयराष्ट्र के राजा मय दानव अपनी पुत्री मंदोदरी के लिए उचित वर ढूँढते नजर आते हैं। ज्योतिषीय भविष्यवाणी से उन्हें सुमेरु पर्वत की ओर मार्गदर्शन मिलता है और वे वरदान पाकर रावण के साथ अपने परिवार की ओर लौटते हैं।

रावण और मंदोदरी का विवाह
रावण की दृष्टि जब मंदोदरी पर पड़ती है तो वह मोहित हो जाता है। मंचन में रावण और मंदोदरी के विवाह का दृश्य अत्यंत सुंदर और सजीव ढंग से प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही लंका पर विजय और रावण का राज्याभिषेक भी दर्शकों के सामने आया। लंका में मंदोदरी ने रावण के साथ दो पुत्रों को जन्म दिया और पूरे दरबार में खुशियों और उल्लास का माहौल बना।

संगीत, नृत्य और मंचीय प्रस्तुति
लीला में रावण के दरबार में नृत्यांगनाओं का झूमना, वेदवती संवाद, भगवान इन्द्र और मेघनाथ के बीच युध्द लीला और कैलाश गमन का प्रस्तुति का दृश्य दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। रावण का पुष्पक विमान रोकने पर भगवान शिव द्वारा उसके अभिमान का दमन करने का दृश्य विशेष रूप से रोमांचक था।

कलाकारों का सशक्त अभिनय

  • रावण: नारायण ऐरन

  • भगवान ब्रह्मा: जितेन्द्र नामदेव

  • वेदवती: यश चौधरी

  • राजा इन्द्र: देवेन्द्र पतला

  • मारीच: केशव

  • भगवान शंकर: सोनू

  • मंदोदरी: अभिषेक कुमार

  • विभीषण: जतिन कुमार

  • कुंभकर्ण: आर्यन

  • मेघनाद: विवेक कुमार

इन कलाकारों ने अपने अभिनय और मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला।

समिति और पदाधिकारियों की भागीदारी
रामलीला समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, मुख्य निर्देशक विजय मित्तल, पंकज शर्मा, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, मीना ऐरन, ज्योति ऐरन, कन्दर्प ऐरन, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंकुश गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, पंकज वशिष्ठ, स्पर्श गर्ग, यश गर्ग, कृष्णा नामदेव, विशाल शर्मा, उदय कौशिक, लक्ष्य बंसल, अभिषेक कश्यप, जतिन गर्ग सहित अन्य कलाकार और सहयोगी उपस्थित रहे।

रामायण वाचन
रामायण वाचक रामपाल सिंह राठी ने श्लोक पाठ कर लीला में आध्यात्मिक भाव भरने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पटेल नगर में आयोजित 50वें स्वर्ण जयंती रामलीला महोत्सव का यह मंचन न केवल भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र को जीवंत करता है बल्कि दर्शकों में धार्मिक भक्ति और सांस्कृतिक जागरूकता भी पैदा करता है। कलाकारों और समिति के अथक प्रयास से महोत्सव एक भव्य और यादगार आयोजन बन गया है।



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