Muzaffarnagar। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर के तत्वावधान में आयोजित 50वें श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन बुधवार रात्रि धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण-परशुराम संवाद लीला का मंचन हुआ। स्थानीय कलाकारों ने अपनी अद्भुत अभिनय प्रतिभा से इस लीला को जीवंत बना दिया, जिससे दर्शक रोमांचित और भाव-विभोर हो गए।

सीता स्वयंवर लीला में दर्शकों की भारी भीड़
गत रात्रि आयोजित सीता स्वयंवर लीला देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। मुख्य अतिथि मुकेश कुमार गोयल, अंजु गोयल, संजय अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अन्य अतिथियों में अमरीश कुमार, संजय सिंघल, जतिन शर्मा और संदीप शर्मा हरिद्वार से मौजूद रहे। भगवान श्रीराम, बांके बिहारी और श्री रामचरित मानस की आरती के पश्चात समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को पटका पहनाकर और स्मृति चिन्ह व मिष्ठान देकर सम्मानित किया।

धनुष यज्ञ लीला का भव्य मंचन
धनुष यज्ञ लीला के लिए सजाया गया मंच दर्शकों को आकर्षित कर रहा था। दरबार में माता सीता अपनी सहेलियों के साथ स्वयंवर के लिए उपस्थित थीं। राजा जनक ने दूर-दूर से राजा, महाराजा, राजकुमार और शूरवीरों को आमंत्रित किया। भगवान शिव का धनुष दरबार में प्रस्तुत करते हुए राजा जनक ने बताया कि जो भी शूरवीर इस धनुष को तोड़ेगा, वही सीता का वर होगा। बाणासुर और लंकापति रावण प्रयास करने के बावजूद असफल रहे। अंततः भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ा और माता सीता से विवाह किया। वरमाला के दौरान आकाश से पुष्प वर्षा हुई और पूरा ब्रह्मांड हर्षित नजर आया।

लक्ष्मण और परशुराम संवाद ने बढ़ाया रोमांच
वरमाला के पश्चात लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद की लीला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों की अभिनय प्रतिभा और भाव-भंगिमा ने इस लीला को और भी जीवंत बना दिया। दर्शक लगातार तालियों और उत्साह से कलाकारों की सराहना करते रहे।

मुख्य आयोजक और कलाकारों का योगदान
मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, अध्यक्ष गोपाल चैधरी, कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता सहित रामलीला निर्देशक पंकज शर्मा और अन्य कलाकार इस भव्य महोत्सव को सफल बनाने में सक्रिय रहे। कलाकारों में नारायण ऐरन, विजय मित्तल, जितेंद्र नामदेव, गोविंद शर्मा, ज्योति ऐरन, कन्दर्प ऐरन, अनिल गोयल, यश चैधरी, गौरव मित्तल और अन्य शामिल थे।

दर्शकों में उत्साह और श्रद्धा का भाव
रामलीला महोत्सव ने दर्शकों के हृदय में धार्मिक भावनाओं को जागृत किया। स्थानीय कलाकारों का प्रदर्शन दर्शकों के लिए प्रेरणादायक रहा। इस महोत्सव ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया बल्कि युवाओं और बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता भी बढ़ाई।


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मुजफ्फरनगर में आयोजित 50वें श्री रामलीला महोत्सव में धनुष यज्ञ और लक्ष्मण-परशुराम संवाद ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा और भव्य मंच सज्जा ने इस महोत्सव को यादगार बना दिया। यह आयोजन सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और स्थानीय कलाकारों के सशक्त प्रदर्शन का प्रतीक बनकर उभरा।

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