मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) । की पहचान बन चुकी मोती झील अब न केवल स्थानीय जनता बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनने की राह पर है। जिला प्रशासन के निर्देशन में मोती झील का बहुप्रतीक्षित सौंदर्यकरण कार्य अब रफ्तार पकड़ रहा है। सोमवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गजेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप और नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी प्रज्ञा सिंह ने शामली रोड स्थित मोती झील का औचक निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए।
💼 सौंदर्यकरण परियोजना को मिली नई ऊर्जा
शामली रोड पर स्थित मोती झील के आसपास हरियाली, वॉकिंग ट्रैक, सोलर लाइटिंग, बेंच, सीसीटीवी कैमरे, और फूड कोर्ट जैसे आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। जिला प्रशासन की यह योजना न केवल शहर को एक नया पर्यटक स्थल प्रदान करेगी बल्कि आसपास के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खोलेगी। यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “स्मार्ट सिटी और हरित शहर” मिशन के तहत की जा रही है।
🧱 तैयार हो रही विस्तृत कार्ययोजना
अधिकारियों ने बताया कि मोती झील का सौंदर्यकरण एक चरणबद्ध योजना के तहत किया जाएगा। पहले चरण में झील की सफाई, जल प्रवाह व्यवस्था और पार्किंग की सुविधा का निर्माण होगा। दूसरे चरण में बच्चों के खेलने के लिए पार्क, ओपन जिम, बोटिंग जैसी गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी। तीसरे चरण में झील को एक “Mini Lake View Park” के रूप में विकसित किया जाएगा।
निरीक्षण में दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश
अपर जिलाधिकारी गजेन्द्र कुमार ने निरीक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि “यह परियोजना शहर की सूरत बदलने वाली है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समयबद्ध कार्य और गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता है।”
वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने झील के चारों ओर अतिक्रमण हटाने, जल निकासी की दिक्कतों को सुलझाने और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
🧑💼 अधिशासी अधिकारी प्रज्ञा सिंह ने की प्रमुख घोषणाएं
नगर पालिका की ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि झील के किनारे एक एंबिएंस कैफे, बटरफ्लाई गार्डन और बोटिंग क्लब जैसे पर्यटन-उन्मुख सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा, “हम इसे सिर्फ एक सौंदर्यकरण परियोजना नहीं, बल्कि शहर की पहचान के रूप में विकसित करना चाहते हैं।”
🌳 हरियाली और पर्यावरण संरक्षण को भी प्रमुखता
पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए झील के चारों ओर हजारों की संख्या में पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग के सहयोग से विशेष पौधारोपण अभियान भी शुरू किया जाएगा, जिसमें स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
🏗️ ऐसे होगी झील की कायाकल्प प्रक्रिया
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झील की डी-सिल्टिंग और बायो रेमेडिएशन प्रक्रिया
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किनारों का सीमेंटेशन और वॉकवे का निर्माण
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सौर ऊर्जा से संचालित फाउंटेन और लाइट्स
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स्मार्ट निगरानी के लिए हाई-रेजोल्यूशन कैमरा सिस्टम
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स्थानीय कलाकारों की पेंटिंग्स और म्यूरल आर्ट्स
🗣️ जनता की प्रतिक्रिया भी उत्साहित करने वाली
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है। कॉलेज के छात्र विकास शर्मा ने कहा, “मोती झील अब तक उपेक्षा की शिकार थी। प्रशासन का यह कदम सराहनीय है।” वहीं क्षेत्र की समाजसेविका रेखा बंसल ने कहा, “यह केवल झील का विकास नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की योजना है।”
🔎 अन्य शहरों में भी इसी तरह के विकास कार्य
मोती झील जैसी परियोजनाएं अब उत्तर प्रदेश के कई अन्य शहरों में भी शुरू हो रही हैं। मेरठ की सुरज कुंड झील, सहारनपुर का कंपनी गार्डन, और गाजियाबाद की हिंडन नदी फ्रंट को लेकर भी स्थानीय प्रशासन इस तरह की सौंदर्यकरण योजनाओं पर कार्य कर रहा है। यह उदाहरण दर्शाते हैं कि यूपी सरकार अब पर्यावरण, पर्यटन और सौंदर्य के नए समीकरण गढ़ रही है।
🛠️ जिला प्रशासन की कड़ी निगरानी
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने स्वयं इन कार्यों की प्रगति पर सतत निगरानी रखने की बात कही है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निर्धारित समयसीमा के अंदर कार्य पूर्ण किया जाए और किसी भी प्रकार की कोताही मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
📌 अंतिम जानकारी: निर्माण कार्य जुलाई 2025 से प्रारंभ, 2026 तक पूर्ण
ताजा जानकारी के अनुसार, मोती झील के सौंदर्यकरण का पहला चरण जुलाई 2025 से शुरू किया जाएगा और इसे अप्रैल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और शीघ्र ही कार्यदायी संस्था का चयन किया जाएगा।
मुजफ्फरनगर की मोती झील के कायाकल्प से न केवल शहर का सौंदर्य निखरेगा बल्कि यह विकासशील उत्तर प्रदेश की एक नई पहचान बनेगी। आगामी महीनों में यह झील न केवल मनोरंजन का केंद्र बनेगी बल्कि पर्यटन, रोजगार और स्वच्छता के क्षेत्र में भी मिसाल कायम करेगी।