Muzaffarnagar  मोरना क्षेत्र के ककरौली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले चौरावाला गांव में सोमवार को प्रशासनिक गतिविधियों से भरा माहौल दिखाई दिया। मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कमल किशोर कंडारकर स्वयं मौके पर पहुंचे और गांव में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे विकास कार्यों का विस्तृत निरीक्षण किया।
उनका यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि ग्रामीण विकास की वास्तविक तस्वीर समझने के लिए एक ज़मीनी आकलन माना गया।

गांव के कई हिस्सों में उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन, कार्य की गुणवत्ता और ग्रामीणों को मिल रही सुविधाओं की गहन जांच की। ग्रामीणों ने भी इस दौरान अपनी समस्याएँ और सुझाव साझा किए, जिन पर सीडीओ ने तुरंत संज्ञान लेने का भरोसा दिलाया।


ग्राम पंचायत के कार्यों की ‘रियल-टाइम’ समीक्षा — योजनाएँ कागज़ पर नहीं, धरातल पर हों: CDO

चौरावाला गांव में किए गए इस rural development inspection का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था—
ग्राम पंचायत द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति और उनकी स्थिति की现场 जाँच।

CDO कंडारकर ने पंचायत प्रतिनिधियों से पूछा कि—

  • योजनाओं का व्यय कहाँ और कैसे हुआ?

  • प्राथमिक सुविधाएँ ग्रामीणों तक किस स्तर पर पहुँच रही हैं?

  • स्वच्छता, जलापूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूल आवश्यकताओं की क्या स्थिति है?

उन्होंने ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार उर्फ वीरू और पंचायत सचिव योगेश कुमार से विस्तृत रिपोर्ट भी ली।
इस मौके पर अधिकारीगण साफ नजर आए कि गांव की वास्तविक जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए कार्य किए जाएंगे, न कि सिर्फ कागजी प्रगति पर भरोसा किया जाएगा।


पंचायत घर से स्वास्थ्य उपकेंद्र तक—CDO ने जगह-जगह जाकर सुविधाओं की गहन जांच की

CDO कंडारकर का निरीक्षण बेहद व्यापक था। उन्होंने गांव में मौजूद प्रमुख संस्थानों का एक-एक करके अवलोकन किया। इसमें शामिल रहे—

पंचायत घर

उन्होंने पंचायत घर में रखे अभिलेखों, रजिस्टरों और बैठकों के रिकॉर्ड की जांच की।
यह सुनिश्चित किया कि पंचायत स्तर की समस्याओं को दर्ज और समाधान करने का सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा है।

स्वास्थ्य उपकेंद्र

ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर उन्होंने उपकेंद्र की स्थिति का निरीक्षण किया।
उन्होंने पूछा कि—

  • दवाइयाँ उपलब्ध हैं या नहीं

  • एएनएम और स्टाफ की उपस्थिति कैसी रहती है

  • गर्भवती महिलाओं और नवजातों को मिलने वाली सेवाएँ समय पर मिल रही हैं या नहीं

ग्रामीणों ने भी बताया कि कुछ दिनों पर दवाओं की कमी जैसी कठिनाइयाँ आती रहती हैं, जिस पर CDO ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट माँगी।

गांव की लाइब्रेरी

गांव में शिक्षा और ज्ञान-विस्तार के लिए बनाई गई लाइब्रेरी का भी CDO ने निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि पुस्तकालय ग्रामीण युवाओं के लिए बड़े अवसर तैयार कर सकता है—
“लाइब्रेरी सिर्फ किताबों का स्टोर नहीं, बल्कि ज्ञान का केंद्र बन सकती है।”


ओवरहेड टैंक और जलापूर्ति व्यवस्था पर विशेष ध्यान—पानी की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं: CDO

चौरावाला गांव में मौजूद ओवरहेड टैंक का निरीक्षण CDO कंडारकर के दौरे का एक अहम हिस्सा रहा।
गांव की जलापूर्ति व्यवस्था वर्षों से कई समस्याओं का सामना करती आई है, जिसे ध्यान में रखते हुए CDO ने—

  • टैंक की संरचना

  • पानी की फिल्ट्रेशन व्यवस्था

  • मोटर संचालन

  • सप्लाई लाइन

  • साफ-सफाई
    सबकी बहुत विस्तार से समीक्षा की।

उन्होंने जल विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिया—
“ओवरहेड टैंक की साफ-सफाई समय-समय पर होनी चाहिए, और पानी की गुणवत्ता किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होनी चाहिए।”

उन्होंने ग्रामीणों से यह भी पूछा कि पानी की सप्लाई कितने समय की रहती है, किस हिस्से में दबाव कम होता है, और क्या किसी लाइन में लीकेज की शिकायत है।

यह inspection संपूर्ण रूप से दर्शाता है कि प्रशासन अब पेयजल की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।


गांव की सफाई व्यवस्था की विशेष जांच—सफाईकर्मियों को कड़ी हिदायत

CDO कंडारकर ने गांव की स्वच्छता व्यवस्था का भौतिक निरीक्षण किया।
उन्होंने रास्तों, गलियों, नालियों और सार्वजनिक स्थलों की जांच की और सफाई व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों से सीधे संवाद किया।

उन्होंने साफ निर्देश दिया—
“सफाई नियमित और समय पर होनी चाहिए। गंदगी जमा रहने से बीमारियों का खतरा बढ़ता है, इसलिए हर सफाईकर्मी अपनी ड्यूटी को जिम्मेदारी समझकर निभाए।”

इसके साथ ही उन्होंने ग्राम प्रधान को भी चेताया कि यदि सफाई व्यवस्था में लापरवाही पाई गई, तो कार्रवाई की जाएगी।
गांव के कई लोगों ने CDO को बताया कि कुछ स्थानों पर कचरा उठाने में देरी होती है, जिस पर उन्होंने तुरंत समाधान के आदेश दिए।


ग्रामीणों को बड़ा तोहफा — जल्द खुलने वाला ‘समृद्धि केंद्र’

इस rural development inspection के दौरान CDO कंडारकर ने गांव के लिए एक अहम घोषणा की—
चौरावाला गांव में जल्द ही एक ‘समृद्धि केंद्र’ (Samriddhi Kendra) स्थापित किया जाएगा।

यह केंद्र ग्रामीणों के लिए एक ही स्थान पर कई सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा, जैसे—

  • सरकारी योजनाओं की जानकारी

  • रोजगार अवसरों का मार्गदर्शन

  • कौशल विकास प्रशिक्षण

  • युवाओं और महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम

  • कृषि और उद्यमिता से जुड़ी सलाह

यह समृद्धि केंद्र ग्रामीणों में नई ऊर्जा और नए अवसरों का द्वार खोल सकता है।
गांव के लोगों ने इस घोषणा का स्वागत किया और इसे विकास की दिशा में बड़ा कदम बताया।


अधिकारियों की मौजूदगी से बढ़ी जांच की गंभीरता—BDO मोरना भी साथ रहीं

इस निरीक्षण दौरे में CDO अकेले नहीं थे।
BDO मोरना विशाखा, ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार उर्फ वीरू, पंचायत सचिव योगेश कुमार, स्थानीय प्रतिनिधि अर्जुन सिंह और अंकित, सहित कई अधिकारी पूरे समय साथ रहे।

यह सामूहिक उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि प्रशासन गाँव की प्रगति को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी खामी को तुरंत दूर करने के लिए तैयार है।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया—“ऐसे inspection से ही गांव में असली बदलाव आता है”

CDO के दौरे के बाद गांव के लोगों में एक सकारात्मक माहौल देखा गया।
कई ग्रामीणों ने कहा कि—

  • वर्षों से लंबित समस्याएँ अब प्रशासन की नजर में आई हैं

  • जलापूर्ति और सफाई से जुड़ी शिकायतें दूर होने की उम्मीद बढ़ी है

  • समृद्धि केंद्र की स्थापना युवाओं को रोजगार और कौशल में बड़ी मदद देगी

इस तरह के rural development inspection से ग्रामीणों का भरोसा मजबूत होता है कि प्रशासन वास्तव में गांव की स्थिति सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।


मोरना क्षेत्र के चौरावाला गांव में CDO कमल किशोर कंडारकर द्वारा किया गया यह विस्तृत निरीक्षण ग्रामीण विकास को नई दिशा देने वाला कदम है। पंचायत घर से स्वास्थ्य उपकेंद्र तक और ओवरहेड टैंक से समृद्धि केंद्र की योजना तक—हर पहलू की जांच दर्शाती है कि प्रशासन गांव को बुनियादी सुविधाओं से सशक्त बनाने के लिए गंभीर और सक्रिय है। इस तरह के निरीक्षण न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाते हैं, बल्कि ग्रामीणों को यह भरोसा भी दिलाते हैं कि सरकार की योजनाएँ अब उनके दरवाज़े तक वास्तविक रूप में पहुँच रही हैं।



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